Hindi Slogans by Artis

1) श्री गुरू नानक देवजी 


1) महात्मा गांधी
2) स्वामी विवेकानंद 
3) अब्दुल कलाम
4) अब्राहम लिंकन
5) श्री सत्यसाईंबाबा 
6) साईंबाबा 
7) जीसस क्राईस्ट (ईसा मसीह)
8) भगवान गौतम बुद्ध
9) ओशो
10) अमिताभ बच्चन 
11) दलाई लामा 
12) श्री श्री रविशंकर
13) मधर टेरेसा
14) सदगुरू जग्गी वासुदेव 
15) बाबा रामदेव 
16) मोरारी बापू
17) भगवान महावीर 
18) रमण महषिॅ
19) गुरु गोविन्द सिंह
20) बी.के.एस.आयंगर
21) ब्रह्माकुमारी शिवानी
22) जॉन कीट्स
23) विल्लियम वर्डस्वर्थ
24) जोहान वोल्फगांग वों गेटे
25) विलियम शेक्सपीयर
26) रविन्द्रनाथ टैगोर
27) गुलज़ार साहब
28) जावेद अख्तर
29) रामधारी सिंह दिनकर
30) महादेवी वर्मा
31) सरोजिनी नायडू
32) मुंशी प्रेमचंद
33) सुमित्रानंदन पंत
34) आचार्य चाणक्य  
35) कन्फ्यूशियस
36) ब्रायन ट्रेसी
37) निकोलस जेम्स व्युजेसिक
38) डॉक्टर सेउस
39) सिगमंड फ्रॉयड
40) शिव खेरा
41) वॉरेन एडवर्ड बफेट
42) अलफ़ासो कार
43) सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
44) श्री अरविंद
45) डॉ. कुमार विश्वास
46) दीपक चोपड़ा
47) रॉबिन शिल्प शमाॅ
48) संदीप माहेश्वरी
49) अर्नोल्ड श्वार्ज़नेगर
50) बिल गेट्स
51) चार्ली चैप्लिन
52) ब्रुस ली
53) टोनी राॅबिंस
54) थाॅमस अल्वा एडीसन
55) अलबर्ट आइंस्टाइन 
56) रॉबर्ट कियोसाकी
57) रतन नवल टाटा
58) हेनरी फ़ोर्ड
59) किरन बेदी
60) नवजोतसिंह सिध्दु
61) पंडित जवाहरलाल नहेरू
62) नेताजी सुभाषचंद्र बोस
63) अटल बिहारी वाजपेयी
64) लाल बहादुर शास्त्री
65) सरदार वल्लभभाई पटेल
66) इंदिरा गांधी
67) शहीद भगतसिंह
68) डॉ भीमराव आम्बेडकर
69) एडॉल्फ हिटलर
70) जॉन एफ़ कैनेडी
71) महाकवि कालिदास







                                                 

 1) महात्मा गांधी के अनमोल विचार

महात्मा गांधी दुनिया के सबसे प्रभावशाली एवं महानतम लोगों में गिने जाते हैं। उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1869 में गुजरात के पोरबंदर शहर में हुआ था। महात्मा गांधी देश के एक महान स्वतंत्रता सेनानी और प्रतिभा संपन्न थे, उन्होंने अपना ज्यादातर वक़्त भारत देश को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद करवाने में लगा दिया था। उन्होंने सत्य और अहिंसा के बल पर अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन चलाए। बिना शस्त्र उठाए शांति के मार्ग पर चलकर महात्मा गांधी जी ने अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया था। उनके प्रभावशाली व्यक्तित्व का प्रभाव भारत में ही नहीं, बल्कि समस्त संसार पर पड़ा है। स्वतंत्रता संग्राम के सूत्रधार की वजह से उन्हें राष्ट्रपितामह की संज्ञा दी गई थी। महात्मा गांधी का मानना था कि, मानवता, समुद्र की तरह होती है, इसलिए मनुष्य को मानवता पर अपना पूरा भरोसा रखना चाहिए। महात्मा गांधी सिद्धांतवादी पुरुष थे, जो सिद्धांत पहले खुद पर अपनाते थे, उसके बाद अपनी गलतियों से सीख लेने की कोशिश करते थे। आजादी की लड़ाई में उनके द्धारा दिए गए त्याग, बलिदान और समर्पण की मिसाल आज भी बुलंद है।


1) आप आज जो करते हैं, उसपर भविष्य निर्भर करता है।

2) ताकत दो तरह की होती है। एक जो सजा के डर से आती है और दूसरी वह जो प्यार से आती है। सजा के डर से आने वाली ताकत 1000 बार प्रभावकारी साबित हो सकती है पर प्यार से आने वाली ताकत हमेशा के लिए प्रभावशाली साबित हो सकती है।

3) जिज्ञासा के बिना ज्ञान नहीं होता. दुःख के बिना सुख नहीं होता।

4) अगर आप कुछ नहीं करोगे तो आपके पास कोई परिणाम नहीं होगा।

5) मै अपने विचारो को स्वतंत्र बनाने के लिए आज़ादी चाहता हु।

6) ताकत कभी शारीरिक क्षमता से नहीं आती। 
     ताकत हमेशा आपकी अदम्य (दृढ़) इच्छाशक्ति से आती है।

7) यदि मनुष्य सीखना चाहे तो 
      उसकी हर भूल उसे कुछ शिक्षा दे सकती है।

8)  पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, 
      फिर वे आप पर हसेंगे, 
      फिर वो आपसे लड़ेंगे, और 
       तब आप जित जायेंगे।

9) जब भी आपका विरोधियों के साथ सामना हो, 
     तब अपने प्यार से उन्हें परास्त कीजिये।

10) हर रात, मैं जब सोने जाता हूँ, तब मैं मर जाता हूँ, और अगली सुबह, जब मैं उठता हूँ, तब मेरा पुनर्जन्म होता हैं।

11) गरीबी दैवीय अभिशाप नहीं बल्कि मानवरचित षड्यंत्र है।

12) आप मुझे जंजीरों में जकड सकते है, यातना दे सकते है, यहाँ तक की आप इस शरीर को नष्ट कर सकते है लेकिन आप कभी मेरे विचारो को कैद नहीं कर सकते।

13) मानवता की महानता मानव बनने में नहीं। बल्कि मानवता के प्रति दयालु बनने में है।

14) जब गलती करने का स्वातंत्र न हो, तब उस स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं।

15) अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के समान हैं, जो सतह को चमकदार और साफ कर देती है।

16) कुछ ऐसा जीवन जियो जैसे की तुम कल मरने वाले हो, कुछ ऐसे सीखो जैसे कि तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो।

17) दुनिया में ऐसे कई लोग है जो इतने भूखे है की भगवान उन्हें किसी और रूप में नहीं दिख सकता सिवाय रोटी के रूप में।

18) एक महिला का सबसे बड़ा आभूषण उसका चरित्र और उसकी शुद्धता है।

19) मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित हैं सत्य मेरा भगवान हैं अहिंसा उसे पाने का साधन।

20) बहोत से लोग, विशेषतः अज्ञानी लोग, जब आप सही बोल रहे हो, जब आप अच्छा काम कर रहे हो तब वे आपको सजा देना चाहेंगे। जब आप सही हो तब कभी क्षमा मत मांगिये। जब भी आप सही होते हो तब आपको ये पता होता है, तब आप अपने दिमाग से बोलिए। दिमाग से बाते कीजिये। फिर चाहे सच बोलने वाले दुनिया में कम ही क्यू ना हो सच अंत तक सच ही रहता है।

21) खुद वो बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।

22) खुद के अंदर के उत्साह को जगाने के लिए किये गये प्रयास ही इंसान को जानवरों से अलग बनाते है।

23) जब मैं सूर्यास्त और चन्द्रमा के सौंदर्य की प्रसंशा करता हूँ, मेरी आत्मा इसके निर्माता के पूजा के लिए विस्तृत हो उठती है।

24) अहिंसा ये कभी न बदलने वाला धर्म है।

25) खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है, खुद को दूसरों की सेवा में खो दो।

26) दलित रहते हुए विजय प्राप्त करना मैंने हुसैन से सिखा।

27) जब मैं निराश होता हूँ, मैं याद कर लेता हूँ कि समस्त इतिहास के दौरान सत्य और प्रेम के मार्ग की ही हमेशा विजय होती हैं। कितने ही तानाशाह और हत्यारे हुए हैं, और कुछ समय के लिए वो अजेय लग सकते हैं, लेकिन अंत में उनका पतन होता हैं। इसके बारे में हमेशा सोचो।

28) ''आँख के बदले में आँख'' -  पुरे विश्व को अँधा बना देती है।

29) मैं किसी को भी अपने गंदे पाँव के साथ मेरे मन से नहीं गुजरने दूंगा - इसका सीधा मतलब ये है की दुसरो के गलत या नकारात्मक विचारो को अपने मस्तिष्क में जाने से बचाया जा सकता है।

30) कोई देश की महानता और प्रगति इस बात से आकी जा सकती है की वहा कमजोर और असुरक्षित सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है ?!

31) थोड़ा सा सही अभ्यास बहुत सारे ग़लत उपदेशों से बेहतर हैं।

32) हो सकता है आप कभी ना जान सकें कि आपके काम का क्या परिणाम हुआ, लेकिन यदि आप कुछ करेंगे नहीं तो कोई परिणाम नहीं होगा।

33) आपकी सच्ची ख़ुशी आप जो करते हो, जो कहते हो और इन दोनों में जो तालमेल बिठाते हो, उसपे निर्भर करती है।

34) यह स्वास्थय ही है जो हमारा सही धन है, सोने और चांदी का मूल्य इसके सामने कुछ नहीं।

35) मैं सिर्फ लोगों के अच्छे गुणों को देखता हूँ, ना की उनकी गलतियों को गिनता हूँ।

36) हो सकता है हम ठोकर खाकर गिर पड़ें पर हम उठ सकते हैं; लड़ाई से भागने से तो इतना अच्छा ही हैं।

37) तुम जो भी करोंगे वो नगण्य ही होगा, लेकिन यह जरुरी हैं की तुम जो सही है वो बेशक करो…

38) अपने ज्ञान पर ज़रुरत से अधिक यकीन करना मूर्खता हैं। यह याद दिलाना ठीक होगा कि सबसे मजबूत कमजोर हो सकता है और सबसे बुद्धिमान गलती कर सकता हैं।

39) एक अच्छा इंसान हर सजीव का मित्र होता हैं।

40) मौन सबसे सशक्त भाषण है। धीरे-धीरे दुनिया आपको सुनेगी।

41) व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता हैं।

42) आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए। मानवता सागर के समान है; यदि सागर की कुछ बूँदें गन्दी हैं, तो पूरा सागर गंदा नहीं हो जाता।

43) विश्वास को हमेशा तर्क से तौलना चाहिए। जब विश्वास अँधा हो जाता है तो मर जाता हैं।

44) एक विनम्र तरीके से, आप दुनिया को हिला सकते हैं।

45) पाप से घृणा करो, पापी से नहीं।

46) अहिंसा मानवता के लिए सबसे बड़ी ताकत हैं। यह आदमी द्वारा तैयार विनाश के ताकतवर हथियार से अधिक शक्तिशाली हैं।

47) आपकी मान्यताएं आपके विचार बन जाते हैं, आपके विचार आपके शब्द बन जाते हैं, आपके शब्द आपके कार्य बन जाते हैं, आपके कार्य आपकी आदत बन जाते हैं, आपकी आदतें आपके मूल्य बन जाते हैं, आपके मूल्य आपकी नीयति बन जाती हैं।

48) दुनिया हर किसी के जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त है, लेकिन हर किसी के लालच को पूरा करने के लिए नहीं।

49) कमजोर कभी माफ़ी नहीं मांगते। क्षमा करना तो ताकतवर व्यक्ति की विशेषता हैं।

50) हमेशा अपने विचारों, शब्दों और कर्म के पूर्ण सामंजस्य का लक्ष्य रखें। हमेशा अपने विचारों को शुद्ध करने का लक्ष्य रखें और सब कुछ ठीक हो जायेगा।


51) व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित प्राणी है वह जो सोचता है वही बन जाता है।

52) अपने प्रयोजन में दृढ विश्वास रखने वाला एक सूक्ष्म शरीर इतिहास के रुख को बदल सकता है।

53) हमेशा अपने विचारों,शब्दों और कर्म के पूर्ण सामंजस्य का लक्ष्य रखें हमेशा अपने विचारों को शुद्ध करने का लक्ष्य रखें और सब कुछ ठीक हो जायेगा।

54) आँख के बदले में आँख पूरे विश्व को अँधा बना देगी।

55) थोडा सा अभ्यास बहुत सारे उपदेशों से बेहतर है।

56) खुद वो बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।

57) विश्वास को हमेशा तर्क से तौलना चाहिए जब विश्वास अँधा हो जाता है तो मर जाता है।

58) पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वो आप पर हँसेंगे, फिर वो आप से लड़ेंगे और तब आप जीत जायेंगे।

59) जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है।

60) ख़ुशी तब मिलेगी जब आप जो सोचते हैंजो कहते हैं और जो करते हैं वो सामंजस्य में हों।

61) मौन सबसे सशक्त भाषण है धीरे-धीरे दुनिया आपको सुनेगी।

62) क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं।

63) यद्यपि आप अल्पमत में हों,पर सच तो सच है।

64) मैं मरने के लिए तैयार हूँ, पर ऐसी कोई वज़ह नहीं है जिसके लिए मैं मारने को तैयार हूँ।

65) सभी की समानता में विश्वास रखता हूँ, सिवाय पत्रकारों और फोटोग्राफरों की।

66) "सत्य" बिना जन समर्थन के भी खड़ा रहता है वह आत्मनिर्भर है।

67) मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है, सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।

68) मेरा जीवन मेरा सन्देश है।

69) जहाँ प्रेम है वहां जीवन है।

70) मैं किसी को भी अपने गंदे पाँव के साथ मेरे मन से नहीं गुजरने दूंगा।

71) पाप से घृणा करो,पापी से प्रेम करो।

72) आप आज जो करते हैं उस पर भविष्य निर्भर करता है।

73) किसी चीज में यकीन करना और उसे ना जीना बेईमानी है।

74) दुनिया में ऐसे लोग हैं जो इतने भूखे हैं कि भगवान उन्हें किसी और रूप में नहीं दिख सकता सिवाय रोटी के रूप में।

75) मेरी अनुमति के बिना कोई भी मुझे ठेस नहीं पहुंचा सकता।

76) जीवन की गति बढाने के अलावा भी इसमें बहुत कुछ है ।

77) "शक्ति" शारीरिक क्षमता से नहीं आती है। ये अदम्य इच्छा शक्ति से पैदा होती है।

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2)                                                   स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार

नाम स्वामी विवेकानंद
जन्म जनुअरी १२ , १८६३ , कलकत्ता , बंगाल प्रेसीडेंसी , ब्रिटिश  भारत 
मृत्यु जुलाई  ४, १९०२ , बेलूर मैथ , कलकत्ता के नज़दीक 
राष्ट्रीयताभारतीय
मैदानधर्म, सामाजिक कार्य
उपलब्धिस्वामी जी ने अमेरिका और यूरोप में वेदांत के दर्शन का प्रचार-प्रसार किया. शिकागो में दिया गया उनका भाषण विश्व प्रसिद्द है, इसके माध्यम से स्वामी जी ने पूरी दुनिया में हिंदुत्व और भारत का परचम लहरा दिया था।
अपने गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस के नाम से स्वामी जी ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की जो आज भी बढ़-चढ़ कर सामजिक कार्यों में हिस्सा लेता है




1) उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये।

2) जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते।

3) हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं। विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।

4) दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।

5) किसी की निंदा ना करें। अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं। अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये।

6) जब तक जीना, तब तक सीखना” – अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक हैं।

7) जो अग्नि हमें गर्मी देती है, हमें नष्ट भी कर सकती है, यह अग्नि का दोष नहीं हैं।

8) खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप हैं।

9) यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढ़ाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुःख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता।

10) एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।

11) किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये – आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।

12) विश्व एक विशाल व्यायामशाला है, जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।

13) यही दुनिया है; यदि तुम किसी का उपकार करो, तो लोग उसे कोई महत्व नहीं देंगे, किन्तु ज्यों ही तुम उस कार्य को बंद कर दो, वे तुरन्त तुम्हें बदमाश प्रमाणित करने में नहीं हिचकिचायेंगे। मेरे जैसे भावुक व्यक्ति अपने सगे – स्नेहियों द्वारा ठगे जाते हैं।

14) शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु हैं। विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु हैं। प्रेम जीवन है, द्धेष मृत्यु हैं।

15) प्रेम विस्तार है, स्वार्थ संकुचन है. इसलिए प्रेम जीवन का सिद्धांत है. वह जो प्रेम करता है जीता है, वह जो स्वार्थी है मर रहा है. इसलिए प्रेम के लिए प्रेम करो, क्योंकि जीने का यही एक मात्र सिद्धांत है, वैसे ही जैसे कि तुम जीने के लिए सांस लेते हो

16) जो तुम सोचते हो, जैसा तुम सोचते हो.. वो हो जाओगे, वैसे ही बन जाओगे। यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे, अगर खुद को ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे, खुद को निर्बल मानोगे तो निर्बल और सबल मानोगे तो सबल ही बन जाओगे।

17) तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना हैं। आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक (गुरु) नही हैं।

18) एक विचार लो। उस विचार को अपना जीवन बना लो – उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो, उस विचार को जियो। अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो, और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो। यही सफल होने का तरीका हैं।

19) जो कुछ भी तुमको कमजोर बनाता है – शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक उसे जहर की तरह त्याग दो।

20) चिंतन करो, चिंता नहीं, नए विचारों को जन्म दो।

21) क्या तुम नहीं अनुभव करते कि दूसरों के ऊपर निर्भर रहना बुद्धिमानी नहीं हैं। बुद्धिमान् व्यक्ति को अपने ही पैरों पर दृढता पूर्वक खड़ा होकर कार्य करना चहिए। धीरे धीरे सब कुछ ठीक हो जाएगा।

22) तुम फ़ुटबाल (फ़ुटबाल का खेल) के जरिये स्वर्ग के ज्यादा निकट होगे बजाये गीता का अध्ययन करने के।

23) सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा।

24) जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो। सोचो, तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं

25) वेदान्त कोई पाप नहीं जानता, वो केवल त्रुटी जानता हैं। और वेदान्त कहता है कि सबसे बड़ी त्रुटी यह कहना है कि तुम कमजोर हो, तुम पापी हो, एक तुच्छ प्राणी हो, और तुम्हारे पास कोई शक्ति नहीं है और तुम ये-वो नहीं कर सकते।

26) हम जो बोते हैं वो काटते हैं. हम स्वयं अपने भाग्य के विधाता हैं. हवा बह रही है, वो जहाज जिनके पाल खुले हैं, इससे टकराते हैं, और अपनी दिशा में आगे बढ़ते हैं, पर जिनके पाल बंधे हैं हवा को नहीं पकड़ पाते. क्या यह हवा की गलती है ?…..हम खुद अपना भाग्य बनाते हैं।

27) जो सत्य है, उसे साहसपूर्वक निर्भीक होकर लोगों से कहो–उससे किसी को कष्ट होता है या नहीं, इस ओर ध्यान मत दो। दुर्बलता को कभी प्रश्रय मत दो। सत्य की ज्योति ‘बुद्धिमान’ मनुष्यों के लिए यदि अत्यधिक मात्रा में प्रखर प्रतीत होती है, और उन्हें बहा ले जाती है, तो ले जाने दो; वे जितना शीघ्र बह जाएँ उतना अच्छा ही हैं।

28) ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हमही हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार हैं।

29) सच्ची सफलता और आनंद का सबसे बड़ा रहस्य यह है- वह पुरुष या स्त्री जो बदले में कुछ नहीं मांगता। पूर्ण रूप से निःस्वार्थ व्यक्ति, सबसे सफल हैं।

30) बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप हैं।

31) एक शब्द में, यह आदर्श है कि तुम परमात्मा हो।

32) हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा, और परमात्मा उसमे बसेंगे

33) जिस तरह से विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न धाराएँ अपना जल समुद्र में मिला देती हैं, उसी प्रकार मनुष्य द्वारा चुना हर मार्ग, चाहे अच्छा हो या बुरा भगवान तक जाता है

34) हमारा कर्तव्य है कि हम हर किसी को उसका उच्चतम आदर्श जीवन जीने के संघर्ष में प्रोत्साहन करें, और साथ ही साथ उस आदर्श को सत्य के जितना निकट हो सके लाने का प्रयास करें

35) इस दुनिया में सभी भेद-भाव किसी स्तर के हैं, ना कि प्रकार के, क्योंकि एकता ही सभी चीजों का रहस्य है

36) जिस क्षण मैंने यह जान लिया कि भगवान हर एक मानव शरीर रुपी मंदिर में विराजमान हैं, जिस क्षण मैं हर व्यक्ति के सामने श्रद्धा से खड़ा हो गया और उसके भीतर भगवान को देखने लगा – उसी क्षण मैं बन्धनों से मुक्त हूँ, हर वो चीज जो बांधती है नष्ट हो गयी, और मैं स्वतंत्र हूँ

37) उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, ना ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो

38) जब कोई विचार अनन्य रूप से मस्तिष्क पर अधिकार कर लेता है तब वह वास्तविक भौतिक या मानसिक अवस्था में परिवर्तित हो जाता है

39) भला हम भगवान को खोजने कहाँ जा सकते हैं अगर उसे अपने ह्रदय और हर एक जीवित प्राणी में नहीं देख सकते

40) अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है

41) स्वतंत्र होने का साहस करो. जहाँ तक तुम्हारे विचार जाते हैं वहां तक जाने का साहस करो, और उन्हें अपने जीवन में उतारने का साहस करो

42) भगवान् की एक परम प्रिय के रूप में पूजा की जानी चाहिए, इस या अगले जीवन की सभी चीजों से बढ़कर

43) उस व्यक्ति ने अमरत्व प्राप्त कर लिया है, जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता

44) कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो। जो देना है वो दो, वो तुम तक वापस आएगा, पर उसके बारे में अभी मत सोचो।

45) मस्तिष्क की शक्तियां सूर्य की किरणों के समान हैं. जब वो केन्द्रित होती हैं, चमक उठती हैं

46) सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चे होना. स्वयं पर विश्वास करो

47) ना खोजो ना बचो, जो आता है ले लो

48) बस वही जीते हैं,जो दूसरों के लिए जीते हैं

49) प्रेम विस्तार है, स्वार्थ संकुचन है. इसलिए प्रेम जीवन का सिद्धांत है. वह जो प्रेम करता है जीता है, वह जो स्वार्थी है मर रहा है. इसलिए प्रेम के लिए प्रेम करो, क्योंकि जीने का यही एक मात्र सिद्धांत है, वैसे ही जैसे कि तुम जीने के लिए सांस लेते हो

50) धन्य हैं वो लोग जिनके शरीर दूसरों की सेवा करने में नष्ट हो जाते हैं

51) श्री रामकृष्ण कहा करते थे, "जब तक मैं जीवित हूँ, तब तक मैं सीखता हूँ" वह व्यक्ति या वह समाज जिसके पास सीखने को कुछ नहीं है वह पहले से ही मौत के जबड़े में है

52) कुछ सच्चे, इमानदार और उर्जावान पुरुष और महिलाएं, जितना कोई भीड़ एक सदी में कर सकती है उससे अधिक एक वर्ष में कर सकते हैं

53) किसी चीज से डरो मत. तुम अद्भुत काम करोगे. यह निर्भयता ही है जो क्षण भर में परम आनंद लाती है।

54) बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप है।

55) तुम फ़ुटबाल के जरिये स्वर्ग के ज्यादा निकट होगे बजाये गीता का अध्ययन करने के।


56) इस दुनिया में सभी भेदभाव किसी स्तर के हैं,ना कि प्रकार के,क्योंकि एकता ही सभी चीजों का रहस्य है।

57) आकांक्षा, अज्ञानता, और असमानता – यह बंधन की त्रिमूर्तियां हैं

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60) यह भगवान से प्रेम का बंधन वास्तव में ऐसा है जो आत्मा को बांधता नहीं है बल्कि प्रभावी ढंग से उसके सारे बंधन तोड़ देता है



3) अब्दुल कलाम के अनमोल विचार
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एपीजे अब्दुल कलाम: आपका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था। आपका पूरा नाम अबुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम हैं। मिसाइल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आपके महत्वपूर्ण कार्यों के कारण आपको मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता हैं। आप भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति भी बने। भारत रत्न ए पी जे अब्दुल कलाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता (इंजीनियर) के रूप में विख्यात हैं। अब्दुल कलाम का बचपन बहुत ही गरीबी में बीता था, एक बार तो उन्हें अख़बार तक बेचना पड़ा था।


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30) इससे पहले कि सपने सच हों आपको सपने देखने होंगे।

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40) शिक्षण एक बहुत ही महान पेशा है जो किसी व्यक्ति के चरित्र, क्षमता, और भविष्य को आकार देता हैं। अगर लोग मुझे एक अच्छे शिक्षक के रूप में याद रखते हैं, तो मेरे लिए ये सबसे बड़ा सम्मान होगा।

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47)
48)

49)

50)
51)



4)   अब्राहम लिंकन


NameAbraham Lincoln /अब्राहम लिंकन
Born
February 12, 1809(1809-02-12) Kentucky, U.S
Died
April 15, 1865(1865-04-15) (aged 56) Washington, D.C., U.S.
Nationality
American
Field
Politics
Achievement31 वे साल में वो Business में fail हो गया. 32 वें साल में वो state legislator का चुनाव हार गया, 33 वें साल में उसने एक नया business try किया, और फिर fail हो गया. 35 वें साल में उसकी मंगेतर का निधन हो गया. 36 वें साल में उसका nervous break-down हो गया. 43 वें साल में उसने कांग्रेस के लिए चुनाव लड़ा पर हार गया, 48 वें साल में उसने फिर कोशिस की पर हार गया. 55 वें साल में उसने Senate के लिए चुनाव लड़ा पर हार गया, अगले साल उसने Vice President के लिए चुनाव लड़ा पर हार गया. 59 वें साल में उसने फिर से Senate के लिए चुनाव लड़ा पर हार गया. 1860 में वो आदमी जो A. Lincoln sign करता था अमेरिका का 16 वाँ राष्ट्रपति बना.
अब्राहम लिंकन अमेरिका के सोलहवें राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल १८६१ से १८६५ तक था। ये रिपब्लिकन पार्टी से थे। उन्होने अमेरिका को उसके सबसे बड़े संकट - गृहयुद्ध (अमेरिकी गृहयुद्ध) से पार लगाया। अमेरिका में दास प्रथा के अंत का श्रेय लिंकन को ही जाता है। अब्राहम लिंकन का जन्म एक गरीब अश्वेत परिवार में हुआ था। वे प्रथम रिपब्लिकन थे जो अमेरिका के राष्ट्रपति बने। उसके पहले वे एक वकील, इलिअन्स स्टेट के विधायक (लेजिस्लेटर), अमेरिका के हाउस ऑफ् रिप्रेस्न्टेटिव्स के सदस्य थे। वे दो बार सीनेट के चुनाव में असफल भी हुए।


(1) Democracy is the government of the people, by the people, for the people.
प्रजातंत्र लोगों की, लोगों के द्वारा, और लोगों के लिए बनायीं गयी सरकार है. 
(2) How many legs does a dog have if you call the tail a leg? Four. Calling a tail a leg doesn’t make it a leg.
अगर कुत्ते की पूँछ को पैर कहें, तो कुत्ते के कितने पैर हुए ? चार. पूछ को पैर कहने से वो पैर नहीं हो जाती.
(3) All that I am, or hope to be, I owe to my angel mother.
मैं जो भी हूँ, या होने की आशा करता हूँ, उसका श्रेय मेरी माँ को जाता है.
(4) A woman is the only thing I am afraid of that I know will not hurt me.
औरत ही एक मात्र प्राणी है जिससे मैं ये जानते हुए भी की वो मुझे चोट नहीं पहुंचाएगी, डरता हूँ.
(5) Always bear in mind that your own resolution to succeed is more important than any other.
हमेशा ध्यान में रखिये की आपका सफल होने का संकल्प किसी भी और संकल्प से महत्त्वपूर्ण है.
(6) A friend is one who has the same enemies as you have.
मित्र वो है जिसके शत्रु वही हैं जो आपके शत्रु हैं.
(7) If once you forfeit the confidence of your fellow-citizens, you can never regain their respect and esteem.
यदि आप एक बार अपने साथी नागरिकों का भरोसा तोड़ दें, तो आप फिर कभी उनका सत्कार और सम्मान नहीं पा सकेंगे.

(8) Common looking people are the best in the world: that is the reason the Lord makes so many of them.
साधारण दिखने वाले लोग ही दुनिया के सबसे अच्छे लोग होते हैं: यही वजह है कि भगवान ऐसे बहुत से लोगों का निर्माण करते हैं.
(9) Give me six hours to chop down a tree and I will spend the first four sharpening the axe.
किसी वृक्ष को काटने के लिए आप मुझे छ: घंटे दीजिये और मैं पहले चार घंटे कुल्हाड़ी की धार तेज करने में लगाऊंगा.
(10) Am I not destroying my enemies when I make friends of them?
शत्रुओं को मित्र बना कर क्या मैं उन्हें नष्ट नहीं कर रहा ?
(11) Avoid popularity if you would have peace.
अगर शांती चाहते हैं तो लोकप्रियता से बचिए.

(12) अगर आपको कोई महत्व नहीं देता है तो चिंता कीजिए, पर महत्व प्राप्त करने के लिए कोशिश जारी रखिए।

(13) हमेशा अपने दिमाग में यह बात बैठाकर रखें कि सफलता के प्रति आपका अपना दृष्टिकोण सबसे महत्त्वपूर्ण है बजाय दूसरों के। 

(14) अधिकतर लोग उतने ही खुश होते हैं जितना की वे होना चाहते हैं। 

(15) मेरी चिंता ये नहीं है की भगवान मेरे साथ है या नहीं। मेरी चिंता ये है की मैं भगवान के साथ हूं या नहीं। क्योंकि भगवान हमेशा सही होता है।

(16) पक्का कर लीजिए, आश्वस्त हो जाइए की आपके पैर सही जगह पर हैं। फिर डट कर खड़े रहिए।

(17) हमारा चरित्र पेड़ की तरह है और हमारा चरित्र उसकी छाया की तरह। हम हमेशा छाया की ओर देखते हैं, जबकि असली चीज तो पेड़ है।

(18) इंतजार करने वालों को केवल वही प्राप्त होता है, जो मेहनत करने वाले छोड़ जाते हैं। 

(19) लगभग सभी व्यक्ति कठिनाई को झेल सकते हैं, पर अगर आपको उनका चरित्र जानना हो तो उन्हें शक्ति दे दीजिए। 

(20) मैं धीमी गति से चलता जरूर हूं, लेकिन कभी वापस पीछे नहीं चलता। 

(21) उस व्यक्ति को आलोचना करने का अधिकार है जो सहायता करने की भावना रखता है।

(22) कार्य की अधिकता से उकताने वाले व्यक्ति कभी कोई बड़ा कार्य नहीं कर सकते। 

(23) जो लोग दूसरों को आजादी नहीं देते उन्हें खुद भी इसका हक नहीं होता। 

(24) कुछ लोगों के द्वारा प्राप्त की गई महान सफलता इस बात का प्रमाण है कि बाकी सारे लोग भी इसे प्राप्त कर सकते हैं। 

(25) तुम जो भी हो, नेक बनो। 

(26) दुश्मन को खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका यह है की आप उसे दोस्त बना लें। 

(27) भविष्य के सन्दर्भ में सबसे बढ़िया बात यह है की ये एक दिन निश्चित समय पर आता है। 

(28) अंत में वो आपकी ज़िन्दगी के साल नहीं हैं जो गिने जाते हैं बल्कि वो आपकी सालों में ज़िन्दगी है जो गिनी जाती है। 

(29) मैं तैयारी करूँगा और मेरा मौका आएगा। 

(30) 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

 
 
 

 
 
 
 
 



5) श्री सत्यसाईंबाबा
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(1) कर्म ही पूजा है और कर्तव्य पालन भक्ति है।

(2) मानव हृदय में घृणालोभ और द्वेष वह विषैली घास हैं जो प्रेम रूपी पौधे को नष्ट कर देती है।

(3) बच्चे कोरे कपड़े की तरह होते हैंजैसा चाहो वैसा रंग लोउन्हें निश्चित रंग में केवल डुबो देना पर्याप्त है।

(4) तुम जो भी कर्म प्रेम और सेवा की भावना से करते हो वह तुम्हे परमात्मा की ओर ले जाता है। जिस कर्म में घृणा छिपी होती है वह परमात्मा से दूर ले जाता है।


6) साईंबाबा
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(1) मेरे रहते डर कैसा?

(2) मेरा काम आशीर्वाद देना है।

(3) अपने गुरु में पूर्ण रूप से विश्वास करें यही साधना है।

(4) मेरी शरण में रहिये और शांत रहिये मैं बाकी सब कर दूंगा।

(5) हमारा कर्तव्य क्या है? ठीक से व्यवहार करना ये काफी है।

(6) आप जो कुछ भी देखते हैं उसका संग्रह हूँ मैं।

(7) मेरी दृष्टि हमेशा उनपर रहती है जो मुझे प्रेम करते हैं।

(8) पूर्ण रूप से ईश्वर में समर्पित हो जाइये।

(9) मैं अपने लोगों के बारे में दिन रात सोचता हूँ मैं बार बार उनके नाम लेता हूँ।

(10) मैं हर एक वस्तु में हूँ और उससे परे भी। मैं सभी रिक्त स्थान को भरता हूँ।

(11) तुम जो भी करते हो तुम चाहे जहाँ भी हो हमेशा इस बात को याद रखो: मुझे हमेशा इस बात का ज्ञान रहता है कि तुम क्या कर रहे हो।

(12) यदि कोई अपना पूरा समय मुझ में लगाता है और मेरी शरण में आता है तो उसे अपने शरीर या आत्मा के लिए कोई भय नहीं होना चाहिए।

(13) यदि कोई सिर्फ और सिर्फ मुझको देखता है और मेरी लीलाओं को सुनता है और खुद को सिर्फ मुझमें समर्पित करता है तो वह भगवान तक पंहुच जायेगा।

(14) मैं अपने भक्तों का अनिष्ट नहीं होने दूंगा।

(15) यदि तुम मुझे अपने विचारों और उद्देश्य की एकमात्र वस्तु रक्खोगे तो तुम सर्वोच्च लक्ष्य प्राप्त करोगे।

(16) अगर मेरा भक्त गिरने वाला होता है तो मैं अपने हाथ बढ़ा कर उसे सहारा देता हूँ।

(17) मैं निराकार हूँ और सर्वत्र हूँ।


7) जीसस क्राईस्ट (ईसा मसीह)
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(1) मैं तुमसे इसलिए कहता हूँ.. मांगों तुम्हे दे दिया जायेगा, खोजो तुम्हे मिल जायेगा, खटखटाओ दरवाजे खुल जायेंगे.

(2) मैं तुम्हे एक नया आदेश देता हूँ: एक दूसरे से प्रेम करो. जैसे मैंने तुमसे प्रेम किया है, तुम एक दूसरे से प्रेम करो.

(3) उस व्यक्ति को भला क्या फायदा, जिसे अगर पूरी दुनिया मिल जाए लेकिन अपनी आत्मा को खोने की पीड़ा सहनी पड़े.

(4) मैं मार्ग हूँ, सत्य हूँ और जीवन हूँ. मेरे पास आये बिना कोई फादर तक नहीं पहुँचता.

(5) सभी घुटने मेरे सामने झुकेंगे और सभी जुबान गॉड की महिमा करेगी.

(6) तुम्हे व्यभिचारिता नहीं करनी चाहिए, तुम्हे हत्या नहीं करनी चाहिए, तुम्हे चुराना नहीं चाहिए, तुम्हे लालच नहीं करनी चाहिए और तुम्हे अपने पडोसी को अपना समझकर प्रेम करना चाहिए.

(7) अपने दिल को मुश्किल में मत डालो. गॉड पर भरोसा रखो और मुझ पर विश्वास करो.

(8) मैं तुमसे कहता हूँ की अपने दुश्मनो से प्यार करो और उनके लिए प्रार्थना करो जो तुमको सताते है. इससे तुम उस पिता की संतान बन जाओगे तो स्वर्ग में है. वह अपना सूर्य बुराई और अच्छाई दोनों पर डालता है और न्यायी व अन्यायी दोनों पर अपनी वर्षा करता है.

(9) जो तुमसे मांगता है उसे दे दो और जो तुम्हारा सामान ले जाए उसे दुबारा मत पूछो. जैसा व्यवहार आप उन लोगो से चाहते हो वैसा ही व्यवहार उनके साथ करो.

(10) उनको जो खुद की प्रशंसा करते है उनको विनम्र किया जायेगा और जो खुद को विनम्र करते है उनकी प्रशंसा होगी.

(11) जिस तरह से पिता ने मुझसे प्रेम किया है ठीक उसी प्रकार मैंने भी तुमसे प्रेम किया है.

(12) ध्यान से देखो ! मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और आपका दरवाजा खटखटा रहा हूँ. अगर कोई मेरी आवाज सुनकर दरवाजा खोलता है तो मैं अंदर आऊंगा और उसके साथ भोजन करूँगा और वो मेरे साथ करेगा.
(13) गॉड इस संसार से इतना प्रेम करते है की उन्होंने अपना इकलौता पुत्र दे दिया. वह जो इसमें यकीन करेगा वह मरेगा नहीं बल्कि उसका जीवन अमर हो जायेगा.

(14) लोगो को सिर्फ रोटी के लिए नहीं जीना चहिये बल्कि भगवान के मुख से निकले हर शब्द की मुताबिक जीना चाहिये.

(15) जो तुम्हारे अन्दर है उसे बाहर लाओ यही तुम्हे बचाएगा. अगर जो तुम्हारे अन्दर है उसे बाहर नहीं लाते तो वह तुमको नष्ट कर देगा.

(16) मेरा साम्राज्य इस संसार में नही है. अगर होता तो मेरे सेवक मेरी गिरफ्तारी रोकने के लिए यहूदियों से लड़ते. पर मेरा साम्राज्य कही और ही है.

(17) चलो तुममे से एक जो पापी न हो वो पत्थर मारने वाला पहला व्यक्ति हो.

(18) जैसे मैंने खुद को तुम्हारे लिए खोला है उसी तरह तुम भी मेरे लिए दरवाजे खोलो.

(19) मैं आपको एक सच बताता हूँ.. एक अमीर व्यक्ति के लिए स्वर्ग में प्रवेश करना बहुत कठिन है. मैं एक बार फिर कहता हूँ.. अमीर व्यक्ति के लिए स्वर्ग में प्रवेश करने से आसान काम तो ऊंट का सुई के छेद से निकलना है.

(20) यह पक्का है की मैं गॉड हूँ, सभी मेरे आगे झुकेंगे और मानेंगे की मैं गॉड हूँ.

(21) मुझे अपने जीवन व अपनी दुनिया में आने दो. मुझ पर आश्रित रहो ताकि आप सच में जिंदा रह सको.

(22) समझ लो मैं तुम्हारे साथ हूँ, काल के अंत तक.

(23) डॉक्टर की जरुरत स्वस्थ आदमी को नहीं बीमार को होती है. मैं पवित्र लोगो को बुलाने के लिए नहीं बल्कि पापियों के पश्चाताप के लिए आया हुआ हूँ.

(24) पृथ्वी में और स्वर्ग में सभी अधिकार मुझे दिए गये है.

(25) अगर आप एकदम सही होना चाहते हो तो जाओ अपनी सारी सम्पत्ति को गरीबों मे बाँट दो. तुम्हे स्वर्ग का खजाना मिल जायेगा.

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8) भगवान गौतम बुद्ध
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(बौद्ध धर्म के प्रवर्तक भगवान गौतम बुद्ध (Lord Goutam Buddha) का जन्म 563 ईसा पूर्व कपिलवस्तु के निकट लुम्बनी (प्राचीन भारत) अब नेपाल में हुआ था. गौतम गोत्र में जन्म लेने के कारण वे गौतम (Goutam) कहलाए.
महाराजा शुद्धोधन के घर जन्में सिद्धार्थ एक रात को राजपाठ त्यागकर संसार को जरा, मरण और दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग की तलाश में जंगल को चले गए. वर्षों की कठोर साधना के बाद बोध गया (बिहार) में बोधी वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ से बुद्ध बन गए.)

(1) आपका मन सब कुछ है,जो तुम सोचते हो वो तुम बन जाते हो. ~ भगवान गौतम बुद्ध

(2) हजारों दीयों को एक ही दियें से, बिना उसके प्रकाश को कम किये जलाया जा सकता है.ख़ुशी बांटने से ख़ुशी कभी कम नहीं होती. 
भगवान गौतम बुद्ध

(3) सभी गलत कार्य मन से उपजते हैं.अगर मन परिवर्तित हो जाय तो कोई और गलत कार्य नहीं हो सकता.    भगवान गौतम बुद्ध

(4) आप चाहे कितने भी पवित्र शब्द पढ़ लें या बोल लें, वो आपका क्या भला करेंगे जब तक आप उन्हें उपयोग में नहीं लाते ?   भगवान गौतम बुद्ध

(5) एक हजार बेकार शब्द बोलने से अच्छा है.एक बेहतर शब्द बोला जाय जो शांति लाता हो.
भगवान गौतम बुद्ध

(6) जो लोग चतुराई से जीते है उन लोगों को मौत से भी डरने की जरुरत नहीं है.   
भगवान गौतम बुद्ध

(7) तुम कभी भी अपने क्रोध के लिए दंड नहीं पाओगे बल्कि तुम अपने क्रोध द्वारा दंड पाओगे.
भगवान गौतम बुद्ध

(8) शरीर को स्वस्थ रखना हमारा कर्तव्य है वरना हम अपने दिमाग को स्वच्छ और मजबूत नहीं रख पाएंगे.   भगवान गौतम बुद्ध

(9) दूसरो से ईर्ष्या न करे.जो दूसरों से ईर्ष्या करता है उसे मन की शांति कभी नहीं मिलती.
भगवान गौतम बुद्ध

(10) तीन चीजें अधिक देर तक नहीं छुप सकती- सूरज, चंद्रमा और सत्य. भगवान गौतम बुद्ध

(11) आपके पास जो कुछ भी है उसे कभी भी बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए. भगवान गौतम बुद्ध

(12) अपने मोक्ष के लिए खुद ही प्रयत्न करे,किसी और पर निर्भर न रहे. भगवान गौतम बुद्ध

(13) वह जो पचास लोगों से प्रेम करता है उसके पचास संकट हैं, वो जो किसी से भी प्रेम नहीं करता उसका एक भी संकट नहीं है. 
भगवान गौतम बुद्ध

(14) जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती वैसे ही मनुष्य भी बिना आध्यात्मिक जीवन के नहीं जी सकता.   भगवान गौतम बुद्ध

(15) किसी बात  पर हम जैसे ही क्रोधित होते है हम सच का मार्ग छोड़कर अपने लिए प्रयास करने लग जाते है.   भगवान गौतम बुद्ध

(16) अतीत पर ध्यान मत दो, भविष्य के बारे में मत सोचो, अपने मन को हमेशा वर्तमान पल में केन्द्रित करो.   भगवान गौतम बुद्ध

(17) एक जग बूँद-बूँद कर के भरता है.
भगवान गौतम बुद्ध

(18) एक निष्ठाहीन और बुरे दोस्त से जानवरों की अपेक्षा ज्यादा भयभीत होना चाहिए क्यूंकि एक जंगली जानवर सिर्फ आपके शरीर को घाव दे सकता हैलेकिन एक बुरा दोस्त आपके दिमाग में घाव करजाएगा।

(19) शक की आदत सबसे खतरनाक है.शक लोगो को अलग कर देता है.यह दो अच्छे दोस्तों को और किसी भी अच्छे रिश्ते को बरबाद कर देता है.
भगवान गौतम बुद्ध

(20) अराजकता सभी जटिल बातों में निहित है| परिश्रम के साथ प्रयास करते रहो।

(21) सत्य के मार्ग पर चलते हुए कोई व्यक्ति दो गलतियाँ कर सकता है.एक, पूरा रास्ता तय न करना और दूसरा, इसकी शुरुआत भी न करना.
भगवान गौतम बुद्ध

(22) आप को जो भी मिला है उसका अधिक मूल्याङ्कन न करें और न ही दूसरों से ईर्ष्या करें वे लोग जो दूसरों से ईर्ष्या करते हैंउन्हें मन को शांति कभी प्राप्त नहीं होती।

(23) जीभ एक तेज चाकू की तरह बिना खून निकाले ही मार देता है।

(24) शरीर को स्वस्थ रखना हमारा कर्त्तव्य है नहीं तो हम अपने दिमाग को मजबूत अवं स्वच्छ नहीं रख पाएंगे।

(25) हम अपने विचारों से ही अच्छी तरह ढलते हैं हम वही बनते हैं जो हम सोचते हैं जब मन पवित्र होता है तो ख़ुशी परछाई की तरह हमेशा हमारे साथ चलती है।

(26) अपने उद्धार के लिए स्वयं कार्य करें दूसरों पर निर्भर न रहें।

(27) नफ़रत नफ़रत से नहीं बल्कि प्रेम से खत्म होती है.यह ही परम सत्य है.  भगवान गौतम बुद्ध

(28) बिना सेहत के जीवन, जीवन नहीं है बस पीड़ा की एक स्थिति है मौत की छवि है।

(29) स्वस्थ्य सबसे बड़ा उपहार है..संतोष सबसे बड़ा धन है..वफ़ादारी सबसे बड़ा सम्बन्ध है।

(30) अगर आप वाकई में अपने आप से प्रेम करते है, तो आप कभी भी दूसरों को दुःख नहीं पहुंचा सकते।

(31) अच्छी चीजों के बारे में सोचें, हम वही बनते हैं जो हम सोचते हैं..इसलिए सकारात्मक बातें सोचें और खुश रहें।

(32) अपना रास्ता स्वंय बनाएं.. हम अकेले पैदा होते हैं और अकेले मृत्यु को प्राप्त होते हैं..इसलिए हमारे अलावा कोई और हमारी किस्मत का फैसला नहीं कर सकता।

(33) असल जीवन की सबसे बड़ी विफलता है, हमारा असत्यवादी होना।

(34) आकाश में पूरब और पश्चिम का कोई भेद नहीं है, लोग अपने मन में भेदभाव को जन्म देते हैं और फिर यह सच है ऐसा विश्वास करते हैं।

(35) आप पूरे ब्रह्माण्ड में कहीं भी ऐसे व्यक्ति को खोज लें जो आपको आपसे ज्यादा प्यार करता हो..आप पाएंगे कि जितना प्यार आप खुद से कर सकते हैं उतना कोई आपसे नहीं कर सकता।

(36) इंसान के अंदर ही शांति का वास होता है, उसे बाहर ना तलाशें।

(37) एक शुद्ध निःस्वार्थ जीवन जीने के लिएएक व्यक्ति को प्रचुरता में भी कुछ भी अपना नहीं है ऐसा भरोसा करना चाहिए।

(38) क्रोधित रहना, जलते हुए कोयले को किसी दूसरे व्यक्ति पर फेंकने की इच्छा से पकड़े रहने के समान है यह सबसे पहले आप को ही जलाता है।

(39) खुशियों का कोई रास्ता नहीं, खुश रहना ही रास्ता है।

(40) गुजरा वक्त वापस नहीं आता हम अक्सर ऐसा सोचते हैं कि अगर आज कोई काम अधूरा रह गया तो वो कल पूरा हो जाएगा हालांकि जो वक्त अभी गुजर गया वो वापस नहीं आएगा।

(41) जो गुजर गया उसके बारे में मत सोचो और भविष्य के सपने मत देखो केवल वर्तमान पे ध्यान केंद्रित करो।

(42) निश्चित रूप से जो नाराजगी युक्त विचारों से मुक्त रहते हैं वही शांति पाते हैं।

(43) निष्क्रिय होना मृत्यु का एक छोटा रास्ता है..मेहनती होना अच्छे जीवन का रास्ता है..मूर्ख लोग निष्क्रिय होते हैं और बुद्धिमान लोग मेहनती।

(44) परमात्मा ने हर इंसान को एक जैसा बनाया है..अंतर सिर्फ हमारे मस्तिष्क के अंदर है।

(45) पैर तभी पैर महसूस करता है जब यह जमीन को छूता है।

(46) बुराई अवश्य रहनी चाहिए तब ही अच्छाई इसके ऊपर अपनी पवित्रता साबित कर सकती है।

(47) भूतकाल में मत उलझो..भविष्य के सपनों में मत खो जाओ..वर्तमान पर ध्यान दो यही खुश रहने का रास्ता है।


(48) मंजिल या लक्ष्य तक पहुँचने से ज्यादा महत्वपूर्ण यात्रा अच्छे से करना होता है।

(49) मैं कभी नहीं देखता की क्या किया जा चुका है..मैं हमेशा देखता हूँ कि क्या किया जाना बाकी है।

(50) 

(51) 

(52)



9) ओशो 
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(1) अधिक से अधिक भोलेकम ज्ञानी और बच्चों की तरह बनिए जीवन को मजे के रूप में लीजिये..क्योंकि वास्तविकता में यही जीवन है।

(2) अर्थ मनुष्य द्वारा बनाये गए हैं और क्योंकि आप लगातार अर्थ जानने में लगे रहते हैं, इसलिए आप अर्थहीन महसूस करने लगते हैं।

(3) जेन लोग बुद्ध को इतना प्रेम करते हैं कि वो उनका मज़ाक भी उड़ा सकते हैं ये अथाह प्रेम कि वजह से है उनमें डर नहीं है।

(4) कोई प्रबुद्ध कैसे बन सकता है? बन सकता है, क्योंकि वो प्रबुद्ध होता है उसे बस इस तथ्य को पहचानना होता है।

(5) जिस दिन आप ने सोच लिया कि आपने ज्ञान पा लिया है,आपकी मृत्यु हो जाती है क्योंकि अब ना कोई आश्चर्य होगाना कोई आनंद और ना कोई अचरज अब आप एक मृत जीवन जीएंगे।

(6) जीवन ठहराव और गति के बीच का संतुलन है।

(7) आप वो बन जाते हैं जो आप सोचते हैं कि आप हैं।

(8) जीवन कोई त्रास नहीं है ये एक हास्य है जीवित रहने का मतलब है हास्य का बोध होना।

(9) मूर्ख दूसरों पर हँसते हैं, बुद्धिमत्ता खुद पर।

(10) केवल वो लोग जो कुछ भी नहीं बनने के लिए तैयार हैं, प्रेम कर सकते हैं।

(11) कोई चुनाव मत करिए जीवन को ऐसे अपनाइए जैसे वो अपनी समग्रता में है।

(12) किसी से किसी भी तरह की प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता नहीं है आप स्वयं में जैसे हैं एकदम सही हैं खुद को स्वीकारिये।

(13) प्रसन्नता सद्भाव की छाया है वो सद्भाव का पीछा करती है प्रसन्न रहने का कोई और तरीका नहीं है।

(14) मित्रता शुद्ध तम प्रेम है ये प्रेम का सर्वोच्च रूप है जहाँ कुछ भी नहीं माँगा जाता, कोई शर्त नहीं होती, जहां बस देने में आनंद आता है।

(15) सवाल ये नहीं है कि कितना सीखा जा सकता है इसके उलट,सवाल ये है कि कितना भुलाया जा सकता है।

(16) जब मैं कहता हूँ कि आप देवी देवता हैं तो मेरा मतलब होता है कि आप में अनंत संभावनाएं है, आपकी क्षमताएं अनंत हैं।

(17) जेन एकमात्र धर्म है जो एकाएक आत्मज्ञान सीखता है इसका कहना है कि आत्मज्ञान में समय नह लगताये बस कुछ ही क्षणों में हो सकता है।

(18) उस तरह मत चलिए जिस तरह डर आपको चलाये उस तरह चलिए जिस तरह प्रेम आपको चलाये उस तरह चलिए जिस तरह ख़ुशी आपको चलाये।

(19) जब प्यार और नफरत दोनों ही ना हो तो हर चीज साफ़ और स्पष्ट हो जाती है।

(20) आत्मज्ञान एक समझ है कि यही सब कुछ है, यही बिलकुल सही है, बसयही है आत्मज्ञान कोई उपलब्धि नहीं है, यह ये जानना है कि ना कुछ पाना है और ना कहीं जाना है।

(21) अगर आप सच देखना चाहते हैं तो ना सहमती और ना असहमति में राय रखिये।

(22) 



10) अमिताभ बच्चन 

1) कोई भी लक्ष्य मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं होता... हारा वही है जो लड़ा नहीं।  

2) 
 
    





11) दलाई लामा 
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(1) सभी प्रमुख धार्मिक परंपराओं को मूल रूप से एक ही संदेश है कि प्यार,दया और क्षमा महत्वपूर्ण बात यह है कि वे हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा होना चाहिए।

(2) जब तक संभव हो सके दयावान रहें यह हमेशा संभव है

(3) खुशी अपने आप बनायीं हुई नहीं मिलती है यह अपने खुद के कार्यों से आती है।

(4) यदि आप दूसरों की मदद कर सकते हैं तो करें अगर आप ऐसा नहीं कर सकते हैं तो कम से कम उन्हें नुकसान मत पहुंचाएं।

(5) यदि आप दूसरों को खुश देखना चाहते हैं तो करुणा का भाव रखें । यदि आप स्वयं खुश होना चाहते हैं तो भी करुणा का भाव रखें।

(6) सहिष्णुता के अभ्यास में एक दुश्मन ही सबसे अच्छा शिक्षक है।

(7) प्रेम और करुणा आवश्यकताएं हैं, विलासिता नहीं है। उनके बिना मानवता जीवित नहीं रह सकती ।

(8) मेरा धर्म बहुत सरल है मेरा धर्म दयालुता है।

(9) नींद सबसे अच्छा चिंतन है।

(10) व्यक्ति कभी कभी कुछ कह कर एक गतिशील प्रभाव बनाता है और कभी कभी चुप रहकर भी उसी तरह का एक महत्वपूर्ण छाप बनाता है।

(11) खुश रहना हमारे जीवन का उद्देश्य है।

(12) मंदिरों के लिए कोई ज़रूरत नहीं है, जटिल दर्शन की भी कोई ज़रूरत नहीं है मेरा दिमाग और मेरा दिल मेरे मंदिर हैं मेरा दर्शन दया है।

(13) हम धर्म और ध्यान के बिना रह सकते हैं, लेकिन हम मानव स्नेह के बिना जीवित नहीं रह सकते।

(14) हम बाहरी दुनिया में शांति कभी नहीं प्राप्त सकते, जब तक हम खुद के साथ शांति न बना लें।

(15) मनुष्य अपनी क्षमता और आत्म विश्वास के साथ, एक एक बेहतर दुनिया का निर्माण कर सकता हैं।

(16) 

(17) 




12) श्री श्री रविशंकर 
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(1) आज भगवान का दिया हुआ एक उपहार है..इसीलिए इसे प्रेजेंट कहते हैं।

(2) प्रेम कोई भावना नहीं है, यह आपका अस्तित्व है।

(3) श्रद्धा यह समझने में है कि आप हमेशा वो पा जाते हैं जिसकी आपको ज़रुरत होती है।

(4) मानव विकास के दो चरण है कुछ होने से कुछ ना होना, और कुछ ना होने से सबकुछ होना। यह ज्ञान दुनिया भर में योगदान और देखभाल ला सकता है।

(5) दूसरों को सुनो फिर भी मत सुनो। अगर तुम्हारा दिमाग उनकी समस्याओं में उलझ जाएगा फिर ना सिर्फ वो दुखी होंगे बल्कि तुम भी दुखी हो जाओगे।

(6) जीवन में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसके प्रति बहुत गंभीर रहा जाए। जीवन तुम्हारे हाथों में खेलने के लिए एक गेंद की तरह है । गेंद को पकड़े मत रहो।

(7) हमेशा आराम की चाहत में तुम आलसी हो जाते हो। हमेशा पूर्णता की चाहत में तुम क्रोधित हो जाते हो। हमेशा अमीर बनने की चाहत में तुम लालची हो जाते हो।

(8) एक निर्धन व्यक्ति नया साल वर्ष में एक बार मनाता है। एक धनाड्य व्यक्ति हर दिन, लेकिन जो सबसे समृद्ध होता है वह हर क्षण मनाता है।

(9) अपने कार्य के पीछे की मंशा को देखो। अक्सर तुम उस चीज को पाना नहीं चाहते जो तुम्हें सच में चाहिए।

(10) स्वर्ग से कितना दूर? 
बस अपनी आँखें खोलो और देखोतुम स्वर्ग में हो।

(11) तुम्हारा मस्तिष्क भागने की सोच रहा है और उस स्तर पर जाने का प्रयास नहीं कर रहा है जहाँ गुरु ले जाना चाहते हैं तुम्हें उठाना चाहते हैं।

(12) चाहत या इच्छा तब पैदा होती है जब आप खुश नहीं होते..क्या आपने देखा है? जब आप बहुत खुश होते हैं तब संतोष होता है || संतोष का अर्थ है कोई इच्छा ना होना।

(13) इच्छा हमेशा मैं पर लटकती रहती है, जब हम मैं को त्याग देते हैं, तब इच्छा समाप्त वा औझल हो जाती है।

(14) दूसरों को आकर्षित करने में काफी उर्जा बर्बाद होती है और दूसरों को आकर्षित करने की चाहत में मैं बताता हूँ विपरीत होता है।

(15) अगर तुम लोगो का भला करते हो तो यह तुम अपनी प्रकृति की वजह से करते हो।

(16) तुम अलोकिक हो। 
तुम मेरा हिस्सा हो।
 मैं तुम्हारा हिस्सा हूँ।

(17) प्यार का रास्ता कोई उबाऊ रास्ता नही है। बल्कि ये तो मस्ती का मार्ग है। ये गाने का और नाचने का सबसे अच्छा मार्ग है..

(18) अस्वीकृति का मतलब अपने आप में ही सिमित रहना है।

(19) कार्य करना और आराम करना जीवन के दो मुख्य अंग है। इनमे संतुलन स्थापित करने के लिए अपनी योग्यता का उपयोग करना चाहिये।

(20) यदि आप खुद के दिमाग पर काबू पा सकते होतो आपमें पूरी दुनिया को जितने की काबिलियत है।

(21) चिंता करने से आपके जीवन में कोई बदलाव नही होंगा लेकिन काम करने से जरुर आप अपने आप को मजबूत बना सकते हो।

(22) जीवन प्रकृति के बनाये नियमो पर चलता है।

(23) जिनमे कोई यह नही जानता की एक दोस्त कब दुश्मन बन जाये या दुश्मन कब दोस्त बन जाये। इसीलिए हमेशा खुद पर भरोसा रखे।

(24) यदि कोई आपको सबसे ज्यादा ख़ुशी दे सकता है तो वह आपको दुःख भी दे सकता है।

(25) प्यार में कभी गिरना नही चाहिये प्यार में हमेशा आगे बढ़ना चाहिये।

(26) अनंत मतलब सिमित चीजो या बातो को व्याप्त करना या विस्तृत करना है।

(27) जब तुम जीवन को ही पूजा मानते हो तो प्रकृति तुम्हारी सभी इच्छाएं पूरी करती है!



13) मधर टेरेसा
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(1) अकेलापन और किसी के द्वारा न चाहने की भावना का होना भयानक गरीबी के सामान है।

(2) शांति की शुरुआत मुस्कराहट से होती है।

(3) प्रत्येक वस्तु जो नहीं दी गयी है खो चुकी है।

(4) कार्य में प्रार्थना प्यार है..

कार्य में प्यार सेवा है।

(5) सबसे बड़ा रोग किसी के लिए भी कुछ न होना है।

(6) मुझे लगता है हम लोगो का दुखी होना अच्छा है..मेरे लिए यह यीशु के चुम्बन की तरह है।

(7) हम सभी ईश्वर के हाथ में एक कलम के सामान है।

(8) बिना प्रेम के कार्य करना दासता है।

(9) सबसे बड़ी बीमारी कुष्ठ रोग या तपेदिक नहीं है, बल्कि अवांछित होना ही सबसे बड़ी बीमारी है।

(10) लोग अवास्तविकविसंगत और आत्मा केन्द्रित होते हैं फिर भी उन्हें प्यार दीजिये।

(11) कुछ लोग आपकी ज़िन्दगी में आशीर्वाद की तरह कुछ लोग एक सबक की तरह।

(12) प्रेम एक ऐसा फल है जो हर मौसम में मिलता है और जिसे कोई भी पा सकता है।

(13) कल जा चुका है..कल अभी आया नहीं है..हमारे पास तो केवल आज है..चलिए शुरुआत करते हैं।

(14) दया और प्रेम भरे शब्द छोटे हो सकते हैं लेकिन वास्तव में उनकी गूँज की कोई सीमा नहीं।

(15) मैं एक छोटी पेंसिल के समान हूँ जो ईश्वर के हाथ में है जो इस संसार को प्रेम का सन्देश भेज रहे हैं।

(16) खूबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते। लेकिन अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत होते है।

(17) हम सभी महान कार्य नहीं कर सकते लेकिन हम अन्य कार्यों को प्रेम से कर सकते हैं।

(18) अनुशासन लक्ष्यों और उपलब्धि के बीच का एक पुल है।

(19) यदि हमारे मन में शांति नहीं है तो इसकी वजह है कि हम यह भूल चुके हैं कि हम एक दुसरे के हैं।

(20) यह महत्वपूर्ण नहीं है आपने कितना दिया..बल्कि यह महत्वपूर्ण है की देते समय आपने कितने प्रेम से दिया।

(21) मैं सफलता के लिए प्रार्थना नहीं करता मैं सच्चाई के लिए करता हूँ।

(22) किसी नेता की प्रतीक्षा मत करो..अकेले करो..व्यक्ति से व्यक्ति द्वारा।

(23) एक जीवन जो दूसरों के लिए नहीं जीया गया वह जीवन नहीं है।
  
(24) यदि आप यह देखेंगे की लोग कैसे हैं तो आप के पास उन्हें प्रेम करने का समय नहीं मिलेगा।

(25) ईश्वर हमसे यह अपेक्षा नहीं करते कि हम सफल हों..वे तो केवल इतना ही चाहते हैं कि हम प्रयास करें।

(26) जो आपने कई वर्षों में बनाया है वह रात भर में नष्ट हो सकता है इससे घबराये मत आगे बढिए और उसे बनाते रहिये।

(27) आप दुनिया में प्रेम फ़ैलाने के लिए क्या कर सकते हैं ? घर जाइये और अपने परिवार से प्रेम कीजिये ।

(28) जहाँ जाइये प्यार फैलाइए। जो भी आपके पास आये वह और खुश होकर लौटे।

(29) आप छोटी चीजों के प्रति वफादार रहिये क्योंकि इन्हीं में आपकी शक्ति निहित है।

(30) मैं चाहती हूँ कि आप अपने पड़ोसी के बारे में चिंतित हों। क्या आप जानते हैं कि आपका पड़ोसी कौन है?

(31) 




14) सदगुरू जग्गी वासुदेव 
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(1) ध्यान अपने अस्तित्व की खूबसूरती को जानने का एक तरीका है।

(2) असल में ध्यान का अर्थ है,अनुभव के स्तर पर यह एहसास होना कि आप कोई अलग इकाई नहीं हैं आप एक ब्रह्मांड हैं।

(3) ध्यान कोई कार्य नहीं एक गुण है।

(4) ध्यान का अर्थ यह नहीं है कि आपको अपने जीवन में हर क्षण मुस्कुराते रहना होगाबल्कि यह सीखना है कि आपकी हड्डियां भी मुस्कुराने लगें।

(5) अगर आप अपने शरीर,दिमाग,ऊर्जा और भावनाओं को एक खास स्तर तक परिपक्व करते हैंध्यान अपने आप फलित होगा।

(6) जीवन का मूल उद्देश्य खिलने की उस सर्वोच्च अवस्था तक पहुंचना है..जहां तक पहुंचना संभव है। ध्यान खिलने के लिए खाद्य पदार्थ है।

(7) ध्यान का अर्थ है पूरी तरह से बोध में स्थित होना। पूरी तरह से मुक्त होने का यह अकेला मार्ग है।

(8) आत्मज्ञान उस सत्य का साक्षात्कार है, जो पहले से ही मौजूद है।

(9) आत्मज्ञान का बीज हर प्राणी में मौजूद है। आत्मज्ञान कोई ऐसी चीज नहीं है जो बाहर से आती है। आत्मज्ञान सिर्फ एक बोध है।

(10) आत्मज्ञान में कोई सुख नहीं होता, कोई पीड़ा नहीं होती बस होता है एक बेनाम आनंद,परमानंद।

(11) न तो किसी औरत को आत्मज्ञान मिल सकता है और न ही किसी पुरुष को। आत्मज्ञान की संभावना तभी बनती है जब आप लिंग भेद से ऊपर उठ जाते हैं।

(12) एक देश के रूपांतरण के लिए ज्ञानोदय की जरूरत नहीं है बस थोड़ी सी समझदारी और अपने आसपास रहने वाले हर इंसान के प्रति प्रेम की जरूरत है।

(13) आत्मज्ञान का अर्थ है जीवन के एक नए आयाम में प्रवेश करना। यह भौतिकता से परे का आयाम है ।

(14) आत्मज्ञान कोई बिग बैंग धमाके की तरह नहीं होता है। यह निरंतर जारी रहने वाली प्रक्रिया है।

(15) आवश्यक जागरुकता के बिना स्वतंत्रता खतरनाक है।

(16) पीड़ा के डर से आप जीवन को आधा अधूरा जीते हैं। जीवन को पूर्णता में जीने के लिए पीड़ा के डर से छुटकारा जरूरी है।

(17) एक बार जब आपमें और आपकी विचार प्रक्रिया में एक दूरी आ जाती है एक नई स्वतंत्रता जन्म लेती है। इस स्वतंत्रता के साथ एक नया बोध जागता है।

(18) तनाव से मुक्त होने का एकमात्र तरीका ध्यान है..क्योंकि यह मन से परे का आयाम है। सारा तनाव और संघर्ष तो मन में है।

(19) न का अर्थ है अपने भीतर परम आज़ादी।

(20) साधना चाहे कितनी भी साधारण हो..अगर आप इसे हर दिन करते हैं..तो धीरे धीरे कदम दर कदम यह आपके भीतर एक नये स्‍तर की आज़ादी पैदा करती है।

(21) दूसरों से आशाएं होने का मतलब है कि आप उनकी ज़िन्दगी ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा न करें। अपना खुद का जीवन ठीक करें यही आज़ादी है।

(22) अगर आप रूपांतरित होना चाहते हैं तो सबसे बड़ा रूपांतरण शरीर में होना होगा क्योंकि शरीर में दिमाग से कहीं बहुत अधिक याद्दाश्त होती है ।

(23) आसनों को अगर सही तरीके से किया जाएतो हर आसन ऊर्जा की एक प्रक्रिया है।

(24) गलत कारणों से योगाभ्यास करते हुए भी, अगर आप इसे सही तरीके से करते हैं, तब भी यह काम करता है।

(25) कोई योगिक अभ्यास चाहे कितना भी सीधा और सरल क्यों न लगे, उसमें हमेशा एक आध्यात्मिक आयाम होता है।

(26) आपके मस्तिष्क की गतिविधियां, आपके शरीर की केमेस्ट्री..यहां तक कि आपके वंशानुगत गुण भी योगाभ्यास से बदले जा सकते हैं।

(27) जब आप अपनी ऊर्जाप्रणाली को बचे हुए कर्मों से मुक्त कर देते हैं..सिर्फ तभी आप अपनी नियति बदल सकते हैं। इसीलिए योग-क्रियाएं महत्वपूर्ण हैं।

(28) अगर आप कोई योग करते हैं और वह आपके भीतर ऊर्जा ढांचे को नहीं बदल देतातो मैं कहूंगा कि आप उसमें वक्त बरबाद न करें।

(29) जीवन ऊर्जा डाल कर आप एक भौतिक रूप को ईश्वरीय शक्ति बना सकते हैं। यही देवी-देवताओं और यंत्रों के सृजन का विज्ञान है।

(30) मेरा सपना है कि मैं सारे विश्व को ऊर्जा से प्रतिष्ठित करूँ। किसी भी इंसान को उपेक्षित और कम ऊर्जा वाले स्थानों में नहीं रहना चाहिए।

(31) अगर आप अपने शरीर,मन,और भावनाओं को खुला रखते हैं तो आपका जीवन काफी अच्छा हो जाएगा। अगर आप अपनी ऊर्जा प्रणाली को खोलते हैं तो यह जादुई हो जाएगा।

(32) हर चीज जो मैं जानता हूं, जो मेरे गुरु जानते थे और जो संपूर्ण आध्यात्मिक परंपरा जानती थी, वह ध्‍यानलिंग में ऊर्जा के रूप में मौजूद है।

(33) योग में बड़े अनुभवों का केवल एक ही प्रयोजन होता है आपको आध्यात्मिक राह पर कायम रखना।

(34) चैतन्‍य को छूने, अनुभव करने और जानने में जिस सबसे बड़ी बाधा का इंसान सामना करते है वह है तर्क से ऊपर उठने की उनकी अनिच्छा।

(35) आप अपने जीवन का अनुभव सिर्फ तभी गहरा कर सकते हैं, जब आप, किसी चीज से खुद की पहचान बनाए बिना, हर चीज के प्रति पूरी तरह खुले हों।

(36) योग का संबंध जीवन में सशक्‍त व सबल होकर जीने से है..यह सिर्फ सब्जियां खानेखुद को तोड़ने मरोड़ने या अपनी आंखें बंद करना भर नहीं है।

(37) योग का अर्थ है जीवन की चक्रीय प्रक्रिया को तोड़कर इसे एक सीधी रेखा बनाना।

(38) जो अनिश्चितता से बचने की कोशिश करते हैं, वो संभावनाओं से भी चूक जाते हैं।

(39) आप जहां भी हों, आपका जिस भी चीज़ से सामना हो हर परिस्थिति में जो भी उत्तम है उसे ले लें। तब जीवन सीखने का एक सिलसिला बन जाता है।

(40) अच्छे लोगों ने दुनिया को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। हमें अच्छे लोगों की जरूरत नहीं है। हमें खुशहाल और समझदार लोगों की जरूरत है।

(41) आप जरा इस पर गौर करें कि आप काम के बीच छुट्टी क्यों लेना चाहते हैं। अगर आप कोई ऐसी चीज कर रहे हैं जिसकी आप वाकई परवाह करते हैं, तो क्या आप छुट्टी लेना चाहेंगे?

(42) यह देखिए कि जिंदगी में आगे कैसे बढ़ना है। हरदम गाड़ी के पिछले शीशे में देखने से आप टकरा जाएंगे।

(43) आपका शरीर एक बड़ी छलांग लगा सकता है आपकी उर्जाएं एक ऊंची उछाल ले सकती हैं लेकिन मन हमेशा किश्तों में रूपांतरित होता है।

(44) डर,गुस्सा,दुख,कुंठा,अवसाद,और हताशा सभी एक ऐसे मन की उपज हैं, जिसका नियंत्रण आपने अपने हाथ में नहीं लिया है

(45) चाहे वह आपका शरीर हो, आपका मन हो, या फिर आपकी जीवन ऊर्जा हो आप इनका जितना ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, ये उतने ही बेहतर होते जाते हैं।

(46) जि़ंदगी चलाने के लिए बुद्धि एक शानदार साधन है, लेकिन साथ ही यह एक घोर रूकावट भी है जो आपको जीवन के एकत्व को अनुभव नहीं करने देती।

(47) सृष्टि का स्रोत बहुत सूक्ष्म है। जब आप अपने शरीर और मन को शांत कर देते हैं तभी यह बात करता है।

(48)



15) बाबा रामदेव

(1) जीवन भगवान की सबसे बडी सौगात है। मनुष्य का जन्म हमारे लिए भगवान का सबसे बडा उपहार है।

(2) जीवन को छोटे उद्देश्यों के लिए जीना जीवन का अपमान है।

(3) अपनी आन्तरिक क्षमताओं का पूरा उपयोग करें तो हम पुरुष से महापुरुष, युगपुरुषमानव से महामानव बन सकते हैं।

(4) मैं परमात्मा का प्रतिनिधि हूँ ।

(5) मैं माँ भारती का अम्रतपुत्र हूँ, माता भूमि: पुत्रोहं प्रथिव्या:।

(6) प्रत्येक जीव की आत्मा में मेरा परमात्मा विराजमान है।

(7) मैं पहले माँ भारती का पुत्र हूँ, बाद में सन्यासी, ग्रहस्थी, नेता, अभिनेता, कर्मचारी, अधिकारी या व्यापारी हूँ।

(8) इदं राष्ट्राय इदन्न मम मेरा यह जीवन राष्ट्र के लिए है।

(9) मैं सदा प्रभु में हूँ, मेरा प्रभु सदा मुझमें है।

(10) मैं सौभाग्यशाली हूँ कि मैंने इस पवित्र भूमि व देश में जन्म लिया है।

(11) मैं अपने जीवन पुष्प से माँ भारती की आराधना करुँगा।

(12) कर्म ही मेरा धर्म है। कर्म ही मेरि पूजा है।

(13) मैं मात्र एक व्यक्ति नहीं अपितु सम्पूर्ण राष्ट्र व देश की सभ्यता व संस्कृति की अभिव्यक्ति हूँ।

(14) निष्काम कर्म, कर्म का अभाव नहीं,.. कर्तृत्व के अहंकार का अभाव होता है।

(15) जब मेरा अन्तर्जागरण हुआ तो मैंने स्वयं को संबोधि व्रक्ष की छाया में पूर्ण त्रप्त पाया।

(16) ध्यान उपासना के द्वारा जब तुम ईश्वरीय शक्तियों के संवाहक बन जाते हो तब तुम्हें निमित्त बनाकर भागवत शक्ति कार्य कर रही होती है।

(17) बाह्य जगत में प्रसिध्दि की तीव्र लालसा का अर्थ है-तुम्हें आन्तरिक सम्रध्द व शान्ति उपलब्ध नहीं हो पाई है।

(18) ज्ञान का अर्थ मात्र जानना नहीं वैसा हो जाना है।

(19) द्रढता हो जिद्द नहीं ।
बहादुरी हो, जल्दबाजी नहीं। दया हो, कमजोरी नहीं।

(20) मेरे भीतर संकल्प की अग्नि निरंतर प्रज्ज्वलित है। मेरे जीवन का पथ सदा प्रकाशमान है।

(21) सदा चेहरे पर प्रसन्नता व मुस्कान रखो। दूसरों को प्रसन्नता दो, तुम्हें प्रसन्नता मिलेगी।

(22) माता पिता के चरणों में चारों धाम हैं। माता पिता इस धरती के भगवान हैं।

(23) मातृ देवो भव,
पितृ देवो भव,
आचार्यदेवो भव,
अतिथिदेवो भव की संस्कृति अपनाओ!

(24) अतीत को कभी विस्म्रत न करो, अतीत का बोध हमें गलतियों से बचाता है।

(25) सुख बाहर से नहीं भीतर से आता है।

(26) भगवान सदा हमें हमारी क्षमता, पात्रता व श्रम से अधिक ही प्रदान करते हैं ।

(27) हम मात्र प्रवचन से नहीं अपितु आचरण से परिवर्तन करने की संस्कृति में विश्वास रखते हैं ।

(28) विचारवान व संस्कारवान ही अमीर व महान है तथा विचारहीन ही कंगाल व दरिद्र है।

(29) भीड में खोया हुआ इंसान खोज लिया जाता है परन्तु विचारों की भीड के बीहड में भटकते हुए इंसान का पूरा जीवन अंधकारमय हो जाता है।

(30) बुढापा आयु नहीं विचारों का परिणाम है।

(31) "पवित्र विचार प्रवाह" ही जीवन है तथा विचार प्रवाह का विघटन ही मत्यु है।

(32) विचारों की पवित्रता ही नैतिकता है।

(33) विचारों की अपवित्रता ही हिंसा, अपराध क्रूरता शोषण,अन्याय, अधर्म और भ्रष्टाचार का कारण है।

(34) विचार ही सम्पूर्ण खुशियों का आधार है।

(35) विचारों का ही परिणाम है हमारा सम्पूर्ण जीवन। विचार ही बीज है, जीवनरुपी इस व्रक्ष का।

(36) विचारशीलता ही मनुष्यता और विचारहीनता ही पशुता है।

(37) पवित्र विचार प्रवाह ही मधुर व प्रभावशाली वाणी का मूल स्त्रोत है।

(38) हमारे सुख दुःख का कारण दूसरे व्यक्ति या परिस्थितियाँ नहीं अपितु हमारे अच्छे या बूरे विचार होते हैं।

(39) वैचारिक दरिद्रता ही देश के दुःख, अभाव पीडा व अवनति का कारण है।

(40) वैचारिक द्रढता ही देश की सुख-सम्रध्दि व विकास का मूल मंत्र है।

(41) हमारा जीना व दुनियाँ से जाना ही गौरवपूर्ण होने चाहिए।

(42) आरोग्य हमारा जन्म सिध्द अधिकार है।

(43) उत्कर्ष के साथ संघर्ष न छोडो!

(44) बिना सेवा के चित्त शुध्दि नहीं होती और चित्तशुध्दि के बिना परमात्मतत्व की अनुभूति नहीं होती।

(45) आहार से मनुष्य का स्वभाव और प्रक्रति तय होती शाकाहार से स्वभाव शांत रहता मांसाहार मनुष्य को उग्र बनाता है।

(46) जहाँ मैं और मेरा जुड जाता है वहाँ ममताप्रेमकरुणा एवं समर्पण होते हैं ।

(47) 



16) मोरारी बापू
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(1) भगवान हमको दिखाई नहीं देता इसलिए वह मूल्यवान है।

(2) इन्सान मृत्यु से नहीं मरता भय से मरता हैं।

(3) गणित ठीक से सिखा नहीं मगर इतना मालूम हैं की खुशियां बांटने से बढाती हैं।

(4) निष्फ़ल होना, निरुत्साहित ना होना ।

(5) मनुष्य जीवन सब से बड़ा चमत्कार है।

(6) मकान दीवारों से बनता है और घर दिल से बनता है।

(7) संसार छुडा दे वो गुरु नहीं। संसार का सार समझा दे वो गुरु।

(8) अपने विचारों का दान करना सबसे बड़ा दान है।

(9) प्रामाणिक प्रेम प्रसन्नता की जननी है।

(10) मोक्ष के लिये मरने की जरुरत नहीं बहुत सावधानी से जीने की जरुरत है।

(11) पत्नी का अर्थ होता है जो पति को पतन होने से बचाए और नारी का अर्थ है न अरि अर्थात जो आपका दुश्मन नहीं है।

(12) भाग जाना बहुत ही आसान है पर जाग जाना बहुत कठिन है. आप भागो मत बल्कि जागो।

(13) फ़ूल हमेशा एकांत में खिलता है और व्यक्ति के अंतःकरण का फ़ूल भी एकांत में खिलता है हर व्यक्ति को अपना एकांत संभालना चाहिए।

(14) अगर आपका लक्ष्य बड़ा हो और उस पर हंसने वाले कोई न हो तो समझना लेना की अभी आपका लक्ष्य बहुत छोटा है।

(15) सत्य बौद्धिक नहीं होना चाहिए. सत्य हार्दिक होना चाहिए।

(16) अत्यंत सुख से ही विपत्ति का जन्म होता हैं।

(17) हमारे अन्दर के लोह तत्व को मजबूत रखने के लिए तीन चीजे दी गयी हैं तप, श्रम और संयम ।

(18) झूठ बोलकर जीत जाने से बेहतर सच बोलकर हार जाना।

(19) जरुरी नहीं की हर रिश्ते का अंत लड़ाई ही हो..कुछ रिश्ते किसी के ख़ुशी के लिए भी छोड़ने पड़ते हैं।

(20) जिसे कुछ भी नहीं चाहिए उसे मिलने में कुछ बाकी नहीं रहता यही नियम है।

(21) कभी किसी दुसरे की तरह बनने की कोशिश मत करो हर व्यक्ति की अपनी अपनी पहचान होती हैं।




17) भगवान महावीर 

(1) किसी आत्मा की सबसे बड़ी गलती अपने वास्तविक रूप को ना पहचानना है और यह केवल स्वयं को जानकर ही ठीक की जा सकती है।

(2) शांति और आत्म-नियंत्रण अहिंसा है।

(3) भगवान् का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है। हम सब सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास कर के देवों जैसी शक्तियाँ प्राप्त कर सकता है।

(4) प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदपूर्ण है, आनंद बाहर से नहीं आता।

(5) जीवों के प्रति दया रखोघृणा विनाश की ओर ले जाती है।

(6) सभी जीवों के प्रति सम्मान अहिंसा है।

(7) सभी मनुष्य अपनी ही गलतियों की वजह से दुखी होते हैं और वे खुद अपनी गलतियाँ सुधार कर प्रसन्न हो सकते हैं।

(8) स्वयं से लड़ो..बाहरी दुश्मनों से क्या लड़ना? जो स्वयं पर विजय प्राप्त कर लेंगे उन्हें आनंद की प्राप्ति होगी।

(9) आपकी आत्मा से परे कोई भी शत्रु नहीं है। असली शत्रु आपके भीतर रहते हैं, वो शत्रु हैं क्रोधघमंड, लालच, आसक्ति और घृणा।

(10) स्वयं पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है।

(11) आत्मा अकेले आती है अकेले चली जाती है, न ही कोई उसका साथ देता है और न ही कोई उसका मित्र बनता है।

(12) जीव हत्या ना करें किसी को ठेस न पहुचांयें! अहिंसा ही सबसे महान धर्म है।

(13) सुख में और दुःख में आनंद में और कष्ट में.. हमें हर जीव के प्रति वैसी ही भावना रखनी चाहिए जैसा की हम अपने प्रति रखते हैं।


18) रमण महषिॅ
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(1) व्यक्ति समाज से तिरस्कृत होने पर दार्शनिकशासन से प्रताड़ित होने पर विद्रोही, परिवार से उपेक्षित होने पर महात्मा और नारी से अनादृत होने पर देवता बनता है।

(2) पति के लिए चरित्र, सन्तान के लिए ममता, समाज के लिए शील, विश्व के लिए दया तथा जीव मात्र के लिए करूणा संजोने वाली महा प्रकृति का नाम ही नारी है।

(3) मौन की भाषा शांतिमयी वाणी में जो सक्रियता और शक्ति है, वह भाषण प्रवचन कदापि नहीं है।

(4) इस बात का विचार मत करो कि तुम मरने के बाद क्या होंगे, समझना तो यह है कि तुम इस समय क्या हो।

(5) परमात्मा और आत्मा एक ही वस्तु तत्व के दो नाम हैं।

(6) अपने आपको जानो आत्मज्ञान परमोच्च ज्ञान है सत्य का ज्ञान है।

(7) ईश्वर को जानने के पहले अपने आपको जानना चाहिए आत्मा से भिन्न ईश्वर की स्थिति नहीं है। संसार आत्मा को न जानने के कारण ही दुखी हैं।

(8) मन दो नहीं हैं अच्छा और बुरा। वासना के अनुरूप अच्छे और बुरे मन का स्वरूप हमारे सामने आ जाता है।

(9) तुम भविष्य की क्यों चिंता करते हो। तुम तो अपना वर्तमान ही नहीं जानते हो वर्तमान को सम्हालो भविष्य अपने आप ठीक हो जाएगा।

(10) दुःख का कारण बाहर नहीं है। यह तो अपने भीतर है दुःख की उत्पत्ति अहंकार से होती है।

(11) सबसे उत्कृष्ट दान ज्ञान दान है।



19) गुरु गोविन्द सिंह
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(1) हमे सबसे महान सुख और स्थायी शांति तभी प्राप्त हो सकती है जब हम अपने भीतर से स्वार्थ को समाप्त कर देते है।

(2) अगर आप सिर्फ भविष्य की सोचते है तो वर्तमान को भी खो देंगे।

(3) मेरी बात सुनो जो लोग दुसरे से प्रेम करते है वही लोग प्रभु को महसूस कर सकते है।

(4) मै उन सभी लोगो को पसंद करता हु जो सच्चाई के मार्ग पर चलते है।

(5) भगवान स्वयं उनके मार्ग बनाते है जो लोग अच्छाई का कर्म करते है।

(6) उन्ही लोगो का जीवन पूर्ण है जिनके अंदर भगवान के नाम की महसूस करते है।

(7) अज्ञानी व्यक्ति पूरी तरह से अँधा होता है वह गहना के मूल्य की सराहना नही करता है बल्कि उसके चकाचौंध की तारीफ करता है।

(8) मैं लोगो के पैरो में गिरता हु जो लोग सच्चाई पर विश्वास रखते है।

(9) सचमुच वे गुरु धन्य है जिन्होंने भगवान के नाम को याद करना सिखाया।

(10) हम सभी को उस परमपिता परमेश्वर ने जन्म इसलिए दिया है की ताकि हम सभी इस संसार से अच्छे कर्म करते हुए बुराई को दूर कर सके।

(11) स्वार्थ ही बुरे कर्मो के जन्म का कारण बनता है।

(12) जो लोग हर हाल में ईश्वर का नाम सिमरन करते है वे ही लोग सुख और शांति प्राप्त करते है।

(13) हे परमेश्वर! मुझ पर अपना आशीर्वाद बनाये रखना ताकि कभी भी अच्छे कर्म करने में कोई संकोच ना करू और कभी भी लोगो के लिए भलाई ही करू।

(14) जो ईश्वर में विश्वास रखता है उनके संरक्षण में जरूरत में जीवन के हर पथ पर ईश्वर उनका साथ देते है।

(15) वह व्यक्ति हमेशा खुद अकेला पाता है जो लोगो के लिए जुबान पर कुछ और दिल में कुछ और ही रखता है।

(16) जो लोग सच्चाई के मार्ग का अनुसरण करते है और लोगो के प्रति दया का भाव रखते है ऐसे लोगो के प्रति ही लोग करुणा और प्रेम का भाव रखते है।

(17) बिना नाम के कोई शांति प्राप्त नही होता है।

(18) बिना गुरु के किसी को भगवान की प्राप्ति नही होती है।

(19) परमपिता परमेश्वर के नाम के अलावा कोई भी आपका मित्र नही है ईश्वर के सेवक इसी का चिंतन करते है और ईश्वर को ही देखते है।

(20) यदि तुम असहाय और कमजोरो पर तलवार उठाते हो तो एक दिन ईश्वर भी आपके ऊपर अपना तलवार चलायेंगा।


20) बी.के.एस.आयंगर
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(1) प्रकृति और आत्मा का मिलन हमारे बुद्धि पर पड़े अज्ञानता के परदे हटा देता है।

(2) कुछ भी थोपा नहीं जा सकता ग्रहणशीलता ही सब कुछ है।

(3) योग आपको एक नई तरह की स्वतंत्रता प्रदान करता है जिसके बारे में शायद आपको पता भी ना रहो हो कि वो मौजूद है।

(4) प्रेरित होलेकिन गर्वित नहीं।

(5) जीवन स्वयं आत्म पूर्ती चाहता है, जैसे पौधे प्रकाश चाहते हैं।

(6) क्रिया बुद्धि के साथ गति है।

(7) सारे खेल बेमतलब हैं अगर आपको नियम ना पता हों।

(8) सिर बुद्धि की गद्दी है। ह्रदय भावना की गद्दी है।

(9) सच्ची एकाग्रता जागरूकता का एक अटूट धागा है।

(10) मेरा शरीर मेरा मंदिर है और आसन मेरी पूजा हैं।

(11)आपका शरीर आत्मा की संतान है। आपको उस संतान का पोषण करना और उसे प्रशिक्षित करना चाहिए।

(12) आपका शरीर भूत में रहता है और आपका मन भविष्य में रहता है। योग में वे दोनों वर्तमान में साथ आ जाते हैं।

(13) योग सोने की वो चाभी है जो अमनशांति और ख़ुशी के दरवाजे खोलती है।

(14) योग एक माध्यम है और एक अंत भी।

(15) योग सिर्फ हमारे चीजों को देखने के तरीके को नहीं बदलता यह उस व्यक्ति को बदल देता है जो देख रहा होता है।

(16) योग आपको जीवन में पुनः पूर्णता की भावना खोजने की अनुमति देता है।

(17) शब्द योग के महत्त्व क नहीं बता सकते इसे अनुभव करना होता है।

(18) जब आप किसी और में कोई गलती देखें, ये पता लगाने की कोशिश करें कि कहीं आप भी वही गलती तो नहीं कर रहे हैं।

(19) शरीर की लय,मन का स्वर और आत्मा का सद्भाव जीवन के संगीत का निर्माण करते हैं।

(20) शिक्षण की कला सहिष्णुता है। नम्रता सीखने की कला है।

(21) ये आपके शरीर द्वारा ही है कि आप जान पाते हैं कि आप दिव्यता की चिंगारी हैं।

(22) यदि आप अपने पाँव के अंगूठे को नहीं जानते तो भगवान को कैसे जान पायेंगे?

(23) "स्वास्थ्य" शरीर,मन और आत्मा के पूर्ण सद्भाव की स्थिति है।

(24) बस इसलिए कोशिश करना मत छोड़िये क्योंकि परफेक्शन आप से बहुत दूर है।

(25) आत्मविश्वास, स्पष्टता और करुणा एक शिक्षक के आवश्यक गुण हैं।

(26) श्वासें मन की शासक हैं।

(27) शरीर धनुष है,आसन तीर,और आत्मा लक्ष्य।

(28) अपने चेतना की भावना को भीतर की ओर आकर्षित करहम मन के नियंत्रणस्थिरता और शांति को अनुभव कर पाने में सक्षम हैं।


21) ब्रह्माकुमारी शिवानी
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(1) एक छोटीसी लढाई से हम अपना प्यार करते हैं इससे तो अच्छा हैं की प्यार से हम अपनी लढाई खत्मः करे।

(2) व्यर्थ कार्य जीवन को थका देता हैं, रचनात्मक कार्य सुख और तेज बढ़ा देता हैं।

(3) स्वयं के प्रति स्वमान और प्रभु के प्रति प्रेमभाव हो तो दूसरों को आदर देना आसान हो जाता हैं। गलतफहमी हमेशा रिश्ते जोड़ने से पहले ही तोड़ देती हैं।

(4) किसी का ख़राब काम देखकर क्रोध आना मामूली बात हैं लेकिन क्रोध के बजाय उसके लिये दुआ निकले यह महान आत्मा के लक्षण होते हैं।

(5) खुश रहने के लिये हमें किसी वजह की जरुरत नहीं होनी चाहिये क्योकी हमसे हमरी खुशी की वजह किसी भी वक्त छीन ली जा सकती हैं।

(6) दुसरो के नजरो में अच्छा बनने से पहले खुद के नजरों में अच्छा बनों।

(7) ज्यादा बोझ लेकर चलने वाले हमेशा डूब जाते है, फिर बोझ चाहे सामान का हो या अभिमान का हो।

(8) खुश रहने का मतलब ये नहीं सब कुछ ठीक हैं इसका मतलब यह हैं की आपने अपने दुखो से उठकर जिना सिख लिया हैं।

(9) दुनिया में हम जो दूसरों को देते हैं वही हमारे पास लौटकर आता हैंआप दूसरों को दुवायें देंगे तो वो किसी न किसी रूप से आपके पास लौटकर जरुर आयेंगी।



22) जॉन कीट्स
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(1) सौंदर्य की एक चीज हमेशा का आनंद है।

(2) कुछ भी वास्तविक नहीं होता जब तक उसका अनुभव न किया जाये।


23) विल्लियम वर्डस्वर्थ
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(1) बच्चा आदमी का बाप है।

(2) चीजों के प्रकाश में आगे बढ़ो..प्रकृति को अपना शिक्षक बनने दो।

(3) बिना आशा के हम कष्ट नहीं झेलते और शोक नहीं मनाते।


24) जोहान वोल्फगांग वों गेटे
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(1) प्रतिभाएं एकान्त में सबसे अच्छी तरह से विकसित होती हैं। चरित्र संसार की तूफानी बाधाओं में ही सबसे अच्छी तरह से ढलता है।

(2) केवल सुख और दुःख के जरिये ही कोई व्यक्ति खुद के और अपने नसीब के बारे में जान पाता है। वे सीखते है कि क्या करना है और क्या नहीं।

(3) अज्ञानी व्यक्ति उन सवालों को पूछते हैं जिनका जवाब बुद्धिमान व्यक्ति हजारों साल पहले ही दे चुके होते हैं।

(4) सोचना आसान है..करना मुश्किल है, और अपने विचारों को कार्यों में परिणत कर देना तो दुनिया में सबसे मुश्किल काम है।

(5) जानना पर्याप्त नहीं है हमें उसे प्रयोग में भी अवश्य लाना चाहिये। चाहना ही पर्याप्त नहीं है हमें उसे करना भी अवश्य ही चाहिये।

(6) अभ्यास एक व्यक्ति का एकमात्र सुखसाधन है। हम जिनके अभ्यस्त हो चुके हैं उन्हें अरुचिकर चीज़ों के बिना भी करना नापसंद करते हैं।

(7) वह सबसे ज्यादा सुखी है..जो अपने घर में शांति पाता है..फिर चाहे वह राजा हो या किसान।

(8) सौंदर्य उन गुप्त प्राकृतिक नियमों का प्रकाशन है जो वैसे हमसे सदा के लिए छुपे रह गए होते।

(9) किस्मत हमारी इच्छाओं को पूरा करती है लेकिन अपने खुद के तरीके से ताकि हमें कुछ अपनी स्वयं की इच्छाओं से ऊपर दे सके।

(10) विचारों के राज्य में सब कुछ उत्साह पर निर्भर है। असली दुनिया में सब कुछ द्रढ़ता पर निर्भर है।

(11) मै उनसे प्यार करता हूँ जिनमे असंभव की उत्कंठा है।

(12) चरित्र जीवन की धारा में स्वयं को विकसित करता है।

(13) दया वह सुनहरी जंजीर है जिससे समाज एक साथ बंधा हुआ है।

(14) प्रतिभा एकांत में तैयार होती है पर चरित्र संसार के कोलाहल में ही आकार लेता है।

(15) उच्च विचार और एक पवित्र ह्रदय..यही वे चीजें हैं जिनकी हमें ईश्वर से याचना करनी चाहिये।

(16) जब कभी आप स्वयं पर विश्वास करना शुरू कर देते हैंतो उसी क्षण आप कैसे जीना है यह जान जाते हैं।

(17) एक प्रबुद्ध व्यक्ति प्रत्येक वस्तु को परिहास योग्य पाता है।

(18) हर कोई अपनी युवावस्था में यह विश्वास करता है कि संसार वास्तव में उनसे ही शुरू होता है और सब कुछ केवल उनके लिये ही बना है।

(19) जब विचार असफल हो जाते हैं तो शब्द अत्यंत सहजता से आते हैं।

(20) जीवन हमारी अमरता का बचपन है।


25) विलियम शेक्सपीयर
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(1) एक मूर्ख खुद को बुद्धिमान समझता है लेकिन एक बुद्धिमान व्यक्ति खुद को मूर्ख समझता है।

(2) महत्वाकांक्षा सख्त चीजों से बनी होनी चाहिए।

(3) अच्छाई की प्रचुरता बुराई में बदल जाती है।

(4) जैसे शरारती बच्चों के लिए मक्खियाँ होती हैं,वैसे ही देवताओं के लिए हम होते हैं वो अपने मनोरंजन के लिए हमें मारते हैं।

(5) जब वो बहादुर था मैंने उसका सम्मान किया पर जब वो महत्त्वाकांक्षी हुआ तो मैंने उसे मार दिया।

(6) महानता से घबराइये नहीं कुछ लोग महान पैदा होते हैं..कुछ महानता हांसिल करते हैं और कुछ लोगों के ऊपर महानता थोप दी जाती है।

(7) एक मिनट देर से आने से अछ्छा है तीन घंटे पहले आएं।

(8) संक्षिप्तता हास्य की आत्मा है।

(9) लेकिन आदमी आदमी होता है जो सबसे अच्छे होते हैं वो कई बार ये भूल जाते हैं।

(10) पर हेदूसरे की आँखों से खुशियाँ देखना कितना कडवा है।

(11) डरपोक अपनी मृत्यु से पहले कई बार मरते हैं बहादुर मौत का स्वाद और कभी नहीं बस एक बार चखते हैं।

(12) मौत एक भयावह चीज है।

(13) प्रत्येक व्यक्ति को अपने आचरण का परिणाम धैर्यपूर्वक सहना चाहिए।

(14) अपेक्षा सभी ह्रदय पीड़ा की जड़ है।

(15) मछलियाँ पानी में रहती हैं जैसे इंसान जमीन पे रहता है बड़े वाले छोटे वालों को खा जाते हैं।

(16) सभी लोगों की सुनें पर कुछ ही लोगों से कहें।

(17) भगवान ने तुम्हे एक चेहरा दिया है और तुम अपने लिए एक नया बना लेते हो।

(18) नर्क खाली है और सभी शैतानों यहाँ हैं।

(19) एक सर्प दन्त की तुलना में एक अकृतज्ञ बच्चा होना कितना तीक्षण है।

(20) पढने के विरुद्ध तर्क देने के लिए वह कितने अच्छे से पढ़ा हुआ है।

(21) मैं अपने उत्तर से आपको संतुष्ट करने के लिए बाध्य नहीं हूँ..

(22) मेरा कहना है कि वहां अन्धकार नहीं बल्कि अज्ञानता है।

(23) मेरा मानना है कि फैशन इंसानों से अधिक कपडे फाड़ता है।

(24) मैंने समय नष्ट किया और अब समय मुझे नष्ट कर रहा है।

(25) मैं हर उस आदमी की प्रशंशा करूँगा जो मेरी प्रशंशा करेगा।

(26) झूठी लड़ाई में कोई सच्ची वीरता नहीं होती।

(27) समय के साथ जिससे हम अक्सर डरते हैं उससे नफरत करने लगते हैं।

(28) वो पिता बुद्धिमान है जो अपनी संतान को जानता है।

(29) हमारी किस्मत सितारों में नहीं बल्कि हमारे अपने अन्दर है।

(30) सभी से प्रेम करो, कुछ पर विश्वास करो, किसी के साथ गलत मत करो।

(31) ना उधार लो ना ऋण दो।

(32) कोई भी विरासत ईमानदारी से समृद्ध नहीं है।

(33) धीमे बोलो,अगर प्यार के बारे में बोल रहे हो।

(34) जैसे हम बने हैं वैसे ही हम रहें।

(35) सच्चे प्यार का रास्ता कभी आसान नहीं होता।


26) रविन्द्रनाथ टैगोर
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(1) प्रसन्न रहना बहुत सरल है, लेकिन सरल होना बहुत कठिन है।

(2) सिर्फ तर्क करने वाला दिमाग एक ऐसे चाक़ू की तरह है जिसमे सिर्फ ब्लेड है। यह इसका प्रयोग करने वाले को घायल कर देता है।

(3) फूल की पंखुड़ियों को तोड़ कर आप उसकी सुंदरता को इकठ्ठा नहीं करते।

(4) मौत प्रकाश को ख़त्म करना नहीं है ये सिर्फ भोर होने पर दीपक बुझाना है।

(5) प्रत्येक शिशु यह संदेश लेकर आता है कि ईश्वर अभी मनुष्यों से निराश नहीं हुआ है।

(6) जो कुछ हमारा है वो हम तक तभी पहुचता है जब हम उसे ग्रहण करने की क्षमता विकसित करते हैं।

(7) आस्था वो पक्षी है जो भोर के अँधेरे में भी उजाले को महसूस करती है।

(8) कभी कभी वे लोग जो अच्छाई करने में बहुत ज्यादा व्यस्त होते है कि वे स्वयं ही अच्छा होने के लिए समय नहीं निकाल पाते।

(9) कलाकार प्रकृति का प्रेमी है अत: वह उसका दास भी है और स्वामी भी।

(10) मैंने स्वप्न देखा कि जीवन आनंद है मैं जागा और पाया कि जीवन सेवा है। मैंने सेवा की और पाया कि सेवा में ही आनंद है।

(11) यदि आप सभी गलतियों के लिए दरवाजे बंद कर देंगे तो सच बाहर रह जायेगा।

(12) कला के मध्यम से व्यक्ति खुद को उजागर करता है अपनी वस्तुओं को नहीं।

(13) आईये हम यह प्रार्थना न करें कि हमारे ऊपर खतरे न आएं बल्कि यह प्रार्थना करें कि हम उनका निडरता से सामना कर सकें।

(14) प्रेम अधिकार का दावा नहीं करता बल्कि स्वतंत्रता प्रदान करता है।

(15) प्रेम ही एक मात्र वास्तविकता है, ये महज एक भावना नहीं है अपितु यह एक परम सत्य है जो सृजन के समय से ह्रदय में वास करता है।

(16) चंद्रमा अपना प्रकाश संपूर्ण आकाश में फैलाता है परंतु अपना कलंक अपने ही पास रखता है।

(17) संगीत दो आत्माओं के बीच के अन्तर को भरता है।

(18) जब मैं खुद पर हँसता हूँ तो मेरे ऊपर से मेरा बोझ कम हो जाता है।

(19) उच्चतम शिक्षा वो है जो हमें सिर्फ जानकारी ही नहीं देती बल्कि हमारे जीवन को समस्त अस्तित्व के साथ सद्भाव में लाती है।

(20) बर्तन में रखा पानी हमेशा चमकता है और समुद्र का पानी हमेशा गहरे रंग का होता है। लघु सत्य के शब्द हमेशा स्पष्ठ होते हैं महान सत्य मौन रहता है।

(21) हम महानता के सबसे करीब तब आते हैं जब हम विनम्रता में महान होते हैं।

(22) हम स्वतंत्रता तब हासिल करते हैं जब हम उसकी पूरी कीमत चुका देते हैं।

(23) सिर्फ खड़े होकर पानी देखने से आप समंदर पार नहीं कर सकते।

(24) तथ्य कई हैं लेकिन सच एक ही है।


27) गुलज़ार साहब
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(1) कुछ अलग करना हो तो भीड़ से हट के चलिए,भीड़ साहस तो देती हैं मगर पहचान छिन लेती हैं।

(2) अच्छी किताबें और अच्छे लोग तुरंत समझमें नहीं आते उन्हें पढना पड़ता हैं।

(3) बहुत अंदर तक जला देती हैं, वो शिकायते जो बया नहीं होती।

(4) एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद दूसरा सपना देखने के हौसले को ज़िंदगी कहते हैं।

(5) तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।

(6) घर में अपनों से उतना ही रूठो की आपकी बात और दूसरों की इज्जत दोनों बरक़रार रह सके।

(7) कौन कहता हैं की हम झूठ नहीं बोलते एक बार खैरियत तो पूछ के देखियें।

(8) कैसे करें हम ख़ुद को तेरे प्यार के काबिल,जब हम बदलते हैंतुम शर्ते बादल देते हो।

(9) किसी पर मर जाने से होती हैं मुहब्बत, इश्क जिंदा लोगों का नहीं।

(10) तन्हाई की दीवारों पर घुटन का पर्दा झूल रहा हैं, बेबसी की छत के नीचे कोई किसी को भूल रहा हैं।

(11) शोर की तो उम्र होती हैं ख़ामोशी तो सदाबहार होती हैं।

(12) कुछ बातें तब तक समझ में नहीं आती जब तक ख़ुद पर ना गुजरे।

(13) शायर बनना बहुत आसान हैं बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए।

(14) वो चीज़ जिसे दिल कहते हैं, हम भूल गए हैं रख के कहीं।

(15) तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं रात भी आयी और चाँद भी था,मगर नींद नहीं।

(16) कभी तो चौक के देखे को हमारी तरफ़ किसी की आँखों में हमको भी इंतजार दिखे।

(17) थोडासा हस के थोडासा रुलाके पल यही जानेवाले हैं।

(18) वक्त रहता नहीं कही भी टिक कर
आदत इसकी भी इंसान जैसी हैं।

(19) हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं नहीं छोड़ा करतेवक्त की शाख से लम्हें नहीं तोडा करते।

(20) दिल अगर हैं तो दर्द भी होंगाइसका शायद कोई हल नहीं हैं।

28) जावेद अख्तर
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(1) जिसका ख्याल है मुझे उसको भी कुछ ख्याल है? मेरे लिए यही सवाल सबसे बड़ा सवाल है।

(2) अक्लमंद वो है जो तजुर्बे से सीखता है। उससे ज्यादा अक्लमंद वो हैजो दूसरों के तजुर्बों से सीखता है।

(3) अगर आप जिंदा हैं तो वक्त के साथ बदलना चाहिए।

(4) हम रुक नहीं सकते। वक़्त रुकता नहीं है या तो हम आगे जाएंगे या फिर पीछे जाएंगे। हमें फैसला लेना है कि हम उस दोराहे पर खड़े हैं।

(5) मैंने जो भी काम किया है वो दिल के करीब से ही किया है। जो काम मेरे दिल के करीब नहीं था उसको मैंने कभी किया ही नहीं।

(6) ना जाने कब से मुझे इंतजार है उस का;
जो कह गया थामेरा इंतजार मत करना।

(7) मुझे दुश्मनों से भी खुद्दारी की उम्मीद रहती है सर किसी का भी हो कदमों में अच्छा नहीं लगता।

(8) औरों के जोर पर अगर उड़कर दिखाओगे, अपने पैरों से उड़ने का हुनर भूल जाओगे।

(9) इस शहर में जीने के अंदाज़ निराले हैं होठों पर लतीफे हैं आवाज में छाले हैं।

(10) आंखे तेरी बेकार ही नम है हर पल एक नया मौसम है क्यूँ तू ऐसे पल खोता है दिल आखिर तु क्यू रोता है।

(11) मैं खुद भी सोचता हूं ये क्या मेरा हाल है जिसका जवाब चाहिए, वो क्या सवाल है?


29) रामधारी सिंह दिनकर
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(1) हम तर्क से पराजित होने वाली जाती नहीं हैं हाँ कोई चाहे तो नम्रता, त्याग और चरित्र से हमें जीत सकता है।

(2) विद्द्या समुद्र की सतह पर उठती हुई तरंगों का नाम है। किन्तु, अनुभूति समुद्र की अंतरात्मा में बसती है।

(3) हमारा धर्म पंडितों की नहीं संतों और द्रष्टाओं की रचना है. हिंदुत्व का मूलाधार विद्या और ज्ञान नहीं है, सीधी अनुभूति है।

(4) परिपक्व मनुष्य जाति भेद को नहीं मानता ।

(5) कामना का दामन छोटा मत करो जिन्दगी के फल को दोनों हाथों से दबा कर निचोड़ो, रस की निर्झरी तुम्हारे बहाए भी बह सकती है ।

(6) ईर्ष्या की बड़ी बेटी का नाम निंदा है जो व्यक्ति ईर्ष्यालु होता है वही व्यक्ति बुरे किस्म का निंदक भी है ।

(7) जिस मनुष्य में भावना का संचार न हो
जिसे अपने राष्ट्र से प्रेम नहीं
उसका ह्रदय ह्रदय नहीं पत्थर है।


30) महादेवी वर्मा 
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(1) कला का सत्य जीवन की परिधि में सोंदर्य के माध्यम द्वारा व्यक्त अखंड सत्य है।

(2) प्रत्येक विज्ञान में क्रियात्मक कला का कुछ अंश अवश्य होता है।

(3) एक निर्दोष के प्राण बचानेवाला असत्य उसकी अहिंसा का कारण बनने वाले सत्य से श्रेष्ठ होता है।

(4) विज्ञान एक क्रियात्मक प्रयोग है।

(5) अपने विषय में कुछ कहना पड़े। बहुत कठिन हो जाता है क्योंकि अपने दोष देखना आपको अप्रिय लगता है और उनको अनदेखा करना औरों को।

(6) वे मुस्कुराते फूलहीं जिनको आता है मुरझाना, वे तारों के दीपहीं जिनको भाता है बुझ जाना।

(7) मैं किसी कर्मकांड में विश्वास नहीं करती मैं मुक्ति को नहींइस धूल को अधिक चाहती हूँ।


31) सरोजिनी नायडू
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(1) यदि आप मजबूत हैं, तो आपको कमजोर लड़के या लड़की को खेलने और काम में दोनों में इनकी मदद करनी होगी।

(2) हम अपनी बीमारी से भारत को साफ करने से पहले पुरुषों की एक नई नस्ल चाहते हैं।

(3) एक देश की महानता,बलिदान और प्रेम उस देश के आदर्शों पर निहित करता है।


32) मुंशी प्रेमचंद
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(1) धन खोकर अगर हम अपनी आत्मा को पा सकें तो यह कोई महंगा सौदा नहीं।

(2) विपत्ति से बढकर अनुभव सीखने वाला विद्यालय आजतक नहीं खुला।

(3) कविता सच्ची भावनाओं का चित्र है और सच्ची भावनाएं चाहे सुख़ की हो या दुःख की उसी समय संपन्न होती है जब हम सुख या दुःख का अनुभव करते हैं।

(4) दौलत से व्यक्ति को जो सम्मान मिलता है वो उसका नहीं बल्कि उसकी दौलत का सम्मान है।

(5) चिंता एक काली दीवार की भांति चारो तरफ से घेर लेती है जिससे निकलने की फिर कोई गली नहीं सूझती।

(6) खाने और सोने का नाम जीवन नहीं है जीवन नाम है हमेशा आगे बढ़ते रहने की लगन का।

(7) कर्तव्य कभी आग और पानी की परवाह नहीं करता।

(8) यश त्याग से मिलता है धोखाधड़ी से नहीं।

(9) सौभाग्य उन्हीं को प्राप्त होता है जो अपने कर्तव्य पथ पर अविचल रहते हैं।

(10) स्वार्थ की माया अत्यन्त प्रबल है।

(11) जीवन का वास्तविक सुख दूसरों को सुख देने में हैं उनका सुख लूटने में नहीं।

(12) डरपोक प्राणियों में सत्य भी गूंगा हो जाता है।

(13) आदमी का सबसे बड़ा दुश्मन गरूर है।

(14) लगन को कांटों कि परवाह नहीं होती।

(15) जब हम अपनी भूल पर लज्जित होते हैंतो यथार्थ बात अपने आप ही मुंह से निकल पड़ती है।


33) सुमित्रानंदन पंत
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(1) हिंदी हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम स्रोत है।

(2) जीना अपने ही मैं एक महान कर्म है।

(3) जीने का हो सदुपयोग यह मनुष्य का धर्म है।

(4) वियोगी होगा पहला कवि, आह से उपजा होगा गान उमड़ कर आंखों से चुपचाप वहीं होगी कविता अनजान।

(5) ज्ञानी बनकर मत नीरस उपदेश दीजिए। लोक कर्म भाव सत्य प्रथम सत्कर्म कीजिए।

(6) वह सरलविरलकाली रेखा तम के तागे सी जो हिल डुल चलती लघु पद पल पल मिल जुल।

(7) मैं मौन रहाफिर सतह कहां बहती जाओ बहती जाओ बहती जीवन धारा में शायद कभी लौट आओ तुम।



(34) आचार्य चाणक्य  
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1) जैसे ही भय आपके करीब आये उस पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिये ।

2) जब कोई सजा 
थोड़े मुआवजे के साथ दी जाती है 
तब वह लोगो को नेकी करने के लिए 
निष्टावान एवम पैसे और ख़ुशी 
कमाने के लिए प्रेरित करती है ।

3) कोई भी व्यक्ति 
अपने कार्यो से महान होता है, 
अपने जन्म से नहीं ।

4) शिक्षा इंसान का सबसे अच्छा दोस्त है । 
एक शिक्षित इंसान हर जगह सम्मान पाता है । शिक्षा सुन्दरता को भी पराजित कर सकती है ।

5) हर एक दोस्ती के पीछे 
अपना खुदका का स्वार्थ छिपा होता है । 
स्वार्थ के बिना कभी कोई दोस्ती नहीं होती । 
ये एक कटु सत्य है ।

6) जमा पूंजी ये होने वाले 
खर्चो में से ही बचायी जाती है 
वैसे ही जैसे आनेवाल ताजा पानी, 
निष्क्रिय पानी को बहाकर बचाया जाता है ।

7) एक बार यदि आपने 
कोई काम करना शुरू कर दिया तो 
असफलता से मत डरिये । 
जो लोग इमानदारी से काम करते है 
वे हमेशा खुश होते है ।

8) भले ही साप जहरीला क्यू ना हो, 
तो उसे खुद को जहरीला दिखाना चाहिये ।

9) दुनिया की सबसे बड़ी ताकत 
युवाशक्ति और महिला की सुंदरता है ।

10) गरीबी, बीमारी, दुःख, कारावास और 
दुसरे पाप ये हमारे खुद के गुनाहों का ही फल है ।

11) इस धरती पर तीन रत्न है, अनाज, पानी और मीठे शब्द मुर्ख लोग पत्थरो के टुकडो को ही रत्न समझते है ।

12) वह जो अपने समाज को छोड़कर दुसरे समाज को अपनाता है वह उस राजा के सामान है जो अच्छे रास्ते को छोड़कर दुराचारी रास्ते को अपनाता है ।

13) किसने यह सिद्ध किया की 
सारी ख़ुशी ही इच्छा है? 
सब कुछ उस भगवान के हातो में है । 
इसीलिए हम में से हर एक को 
जो है उसी में संतुष्ट होना चाहिये ।

14) जिस तरह गाय का बछड़ा 
हजारो गायो में अपनी माँ के पीछे जाता है । 
उसी तरह मनुष्य के कर्म भी 
मनुष्य के ही पीछे जाते है ।

15) भगवान मूर्तियों में नहीं है, 
आपकी अनुभूति ही आपका इश्वर है और आपकी आत्मा ही आपका मंदिर है ।

16) इस बात को कभी 
व्यक्त मत होने दीजिये की 
आपने क्या करने के लिए सोचा है, 
बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और 
इस काम को करने के लिए दृढ़ रहिये ।

17) जिस प्रकार एक सूखे पेड़ को यदि आग लगा दी जाये तो वह पूरा जंगल जला सकता है।उसी प्रकार एक पापी पुत्र पुरे परिवार बर्बाद कर सकता है ।

18) वह जो भलाई को 
लोगो के दिलो में सभी के लिए 
विकसित करता चला जाता है । 
वह आसानी से अपने लक्ष्य प्राप्ति के 
एक एक कदम आगे बढ़ता चला जाता है ।

19) सुखी जीवन का सबसे बड़ा गुरुमंत्र यही है कि हमें कभी भी अपनी राज़ की बातें किसी को नहीं बतानी चाहिए। जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें भयंकर कष्ट झेलने पड़ते हैं।

20) मूर्खों से तारीफ सुनने से ज्यादा अच्छा है एक बुद्धिमान की डांट सुनना।

21) वन की अग्नि चन्दन की लकड़ी को भी जला देती है अर्थात दुष्ट व्यक्ति किसी का भी अहित कर सकते हैं।

22) आपातकाल में स्नेह करने वाला ही मित्र होता है।

23) जो धैर्यवान नहीं है, उसका न वर्तमान है न भविष्य।

24) यदि स्वयं के हाथ में विष फ़ैल रहा है तो उसे काट देना चाहिए।

25) एक बिगड़ैल गाय सौ कुत्तों से ज्यादा श्रेष्ठ है। अर्थात एक विपरीत स्वाभाव का परम हितैषी व्यक्ति, उन सौ लोगों से श्रेष्ठ है जो आपकी चापलूसी करते हैं।

26) सभी प्रकार के भय से बदनामी का भय सबसे बड़ा होता है।

27) आलसी का न वर्तमान होता है, न भविष्य।

28) सत्य भी यदि अनुचित है तो उसे नहीं कहना चाहिए।



35) कन्फ्यूशियस
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कन्फ्यूशियस चीन के एक महान दार्शनिक थे| जिनके महान विचार हजारों साल से पूरे विश्व के सम्पूर्ण मानव समाज का मार्गदर्शन कर रहें हैं| वह पुरातत्व के उपासक थे क्योकि उनके विचार से यही एक तरीका है जिससे यथार्थ ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है|

Name: Confucius कन्फ्यूशियस

Born: 28 September 551 BC

Place: Qufu Zhou Dynasty China.

Died: 479 BC (71-72)

Place: Qufu Zhou Dynasty China.


1) महानता कभी न गिरने में नहीं है बल्कि हर बार गिरकर उठ जाने में है.

2) एक महान व्यक्ति कथनी में कम और करनी में ज्यादा होता है.

3) सफलता पहले से की गयी तैयारी पर निर्भर है, और बिना तैयारी के असफलता निश्चित है.

4) जब तुम्हारे खुद के दरवाजे की सीढियाँ गन्दी हों, तो पडोसी की छत पे पड़ी गन्दगी का उलाहना मत दीजिये.


5) हम तीन तरीकों से बुद्धि अर्जित कर सकते हैं: प्रथम चिंतन से जो की उत्तम है, द्वतीय दूसरों से सीखकर जो की सबसे आसान है, और तृतीय अनुभव से जो की सबसे कठिन है.

6) ऐसे व्यवसाय या काम का चयन करे जिसे करने में आपको मजा आता हो, और फिर आपको अपने जीवन में एक भी दिन काम नहीं करना पड़ेगा.

7) जो व्यक्ति दूसरों की भलाई करता है वह अपनी भलाई निश्चित कर लेता है.

8) जब यह साफ़ हो कि लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया जा सकता है, तो लक्ष्यों में फेरबदल न करें, बल्कि अपने प्रयासों में बदलाव करें.

9) श्रेष्ठ व्यक्ति बोलने में संयमी होता है, लेकिन अपने कार्यों में अग्रणी होता है.

10) प्रत्येक कृति में सुन्दरता होती है किन्तु उसे हर कोई देख नहीं पाता.

11) आप कही भी जाएँ, दिल से जाएँ.

12) यह मायने नहीं रखता की आप कितना धीमे चल रहे हैं, जब तक कि आप रुकें नहीं.

13) जिंदगी बहुत आसान है लेकिन लोग इसे कठिन बनाने पर जोर देते हैं.

14) नफरत करना आसान है और प्रेम करना मुश्किल है. चीजें इसी तरह काम करती है. अच्छी चीजों को पाना मुश्किल होता है और बुरी चीजें आसानी से मिल जाती है.

15) बुराई को देखना और सुनना ही बुराई की शुरुआत है.

16) किसी कमी के साथ एक हीरा, बिना किसी कमी के पत्थर से बेहतर है.

17) तुम बिना कुछ सीखे एक किताब नहीं खोल सकते.

18) इन्सान का स्वाभाव एक जैसा होता है, बस उनकी आदते उन्हें अलग बनती हैं.

19) बुद्धि, करुणा और साहस, व्यक्ति के लिए तीन सार्वभौमिक मान्यता प्राप्त नैतिक गुण हैं.

20) जो आप खुद नहीं पसंद करते उसे दूसरों पर मत थोपिए.

21) मैं सुनता हूँ और भूल जाता हूँ, मैं देखता हूँ और याद रखता हूँ, मैं करता हूँ और समझ जाता हूँ.

22) धैर्य से बड़ी से बड़ी कठिनाईयों से बाहर निकला जा सकता है.

23) आप तेज चलने के सिवाय धीरे चलें परन्तु पीछे कदम न रखें.

24) यह बेहतर होगा की हम अँधेरे को कोसना छोड़कर, एक छोटा सा दीपक जलाएं.

25) जीतने की संकल्प शक्ति, सफल होने की इच्छा और अपने अंदर मौजूद क्षमताओं के उच्चतम् स्तर तक पहुंचने की तीव्र अभिलाषा, ये ऐसी चाबियां हैं जो व्यक्तिगत उत्कृष्टता के बंद दरवाजे खोल देती है।

26) वास्तविक शिक्षा वही है जो किसी के अज्ञान की सीमा को जान सके

27) विश्व को व्यवस्थित रखने के लिए, पहले राष्ट्र को व्यवस्थित रखना होगा, राष्ट्र को व्यवस्थित करने के लिए परिवार को व्यवस्थित करना होगा। परिवार को व्यवस्थित रखने के लिए, व्यक्तिगत जीवन का संवर्धन करना होगा और व्यक्तिगत जीवन के संवर्धन के लिए हमें सबसे पहले अपना दिल साफ रखना होगा.

28) वह जो स्वयं पर विजय प्राप्त करता है, वह दुनियां का सबसे पराक्रमी योद्धा है.

29) ईमानदारी और सच्चाई उच्च-नैतिकता के लिए आधार का काम करती हैं.

30) अगर आप एक साल की योजना बना रहे है, तो एक बीज बोईये, योजना अगर दस साल की है तो पेड़ लगाईये और अगर योजना सौ साल की है तो शिक्षक बन जाइए.

31) रत्न बिना रगड़े कभी नहीं चमकता है, वैसे ही आदमी का व्यक्तित्व बिना संघर्ष के नहीं निखरता.

32) वह व्यक्ति जो सीखता है पर सोंचता नहीं वह सीखकर भी खो देगा, वही वह व्यक्ति जो सिर्फ सोंचता है पर सीखता नहीं वह बहुत बड़े खतरे में पड़ने वाला होता है.

33) ख़ामोशी इन्सान की सबसे अच्छी दोस्त होती है, जो कभी उसके रहस्य उजागर नहीं करती.

34) जब आप अपने दिल में झांकते है, और कोई गलती नहीं पाते तब आपको चिंता करने और डरने की कोई जरुरत नहीं है.

35) किसी भी राष्ट्र की शक्ति वहां के परिवारों की सत्य निष्ठा और दृढ –नैतिकता पर आधारित होती है.

36) जब किसी प्रशंसनीय व्यक्ति को देखें तब आप उससे भी अच्छा बनने की कोशिश करें, लेकिन जब आप किसी अप्रशंसनीय व्यक्ति को देखें, तब स्वयं के अन्दर झांककर आत्मनिरीक्षण करें.

37) बिना किसी आदर –भावना के अहसास के, हम इन्सान को जानवरों से कैसे अलग कर सकते हैं.

38) प्रतिशोध रथ पर सवार हो तो यात्रा प्रारंभ करने से पहले दो कब्रें खोदिये.

39) जब क्रोध बढ़े, परिणामों के बारे में सोचें.

40) एक आदमी जो गलती करता है और उसे सही नहीं करता, एक और गलती करता है.

41) यह जानते हुए भी कि सही क्या है, उसे न करना सबसे बड़ी कायरता है.

42) जब हम अपने से विपरीत स्वाभाव वाले व्यक्तिओ को देखें, तब हमें अपने अन्दर झांककर उसकी धारणा पर विचार करना चाहिए.

43) मानव जाति जानवरों से बस थोड़ी सी अलग है, लेकिन बहुत से लोग उस “थोड़े” से को भी अपने अन्दर से निकाल फेंकते हैं.

44) एक सज्जन अपने कर्मों का अपने शब्दों से मेल नहीं होने पर शर्मिंदा होगा.

45) श्रेष्ठ व्यक्ति अपनी क्षमता की सीमाओं से व्यथित होता है, वह इस तथ्य से पारेशान नहीं होता कि लोगों को उसकी क्षमता की पहचान नहीं है.

46) मुझे विश्वास है, बुढ़ापा एक सुखद और अच्छी बात है, यह सच है कि धीरे- धीरे चीजें आपके हाँथ से निकल जाती हैं, लेकिन फिर भी दर्शक के रूप में आपको एक आराम दायक अग्रिम स्थान दिया जाता है.

47) म्रत्यु और जीवन के अपने नियोजन निर्धारित हैं, सम्पति और सम्मान भगवान् पर निर्भर करते हैं.

48) सभी परिस्थितियों में पांच चीजों का अभ्यास सही सद्गुण का गठन करता है; और ये पांच चीजें गुरुत्व, आत्मा की उदारता, नेक नियति, गंभीरता एवं दया हैं.

49) केवल सम्मान की भावना ही मनुष्य को जानवरों से अलग करतीं है.

50) आप क्या जानते हैं और आप क्या नहीं जानते हैं का पता होना, ही सच्चा ज्ञान है.

51) सतर्क शायद ही कभी गलती करता है.

52) विनम्रता सभी गुणों का ठोस आधार है.

53) जीवन की उम्मीदें कर्मठता पर निर्भर है; एक मैकेनिक को अपने काम में खरा उतरने के लिए, पहले अपने उपकरणों को तेज करना जरुरी है.

54) व्यक्ति जितना अधिक अच्छे विचारों पर मनन करेगा, उसकी दुनिया उतनी ही बेहतर एवं व्यापक होगी.

55) श्रेष्ठ व्यक्ति हमेशा धर्माचरण का सोचता है; आम आदमी आराम की सोचता है.

56) अगर आपको उत्कृष्ट भविष्य का निर्माण करना है, तो अतीत का अध्ययन करें.

57) मैं दो अन्य पुरुषों के साथ चल रहा हूँ, तो उनमें से प्रत्येक मेरे शिक्षक के रूप में काम करेगा. मैं एक से अच्छी बातों का चयन करूंगा और उनका अनुकरण करूंगा, और अन्य की बुरी बातों का चयन करूंगा और अपने आप में उन्हें सही करूंगा.

58) अच्छी तरह से शासित देश में, गरीबी के लिए शर्मिंदा होना पड़ता है. बुरी तरह से शासित देश में, संपत्ति के लिए शर्मिंदा होना पड़ता है.

59) यदि आप अपना सम्मान करोगे, तभी दूसरे आपका सम्मान करेंगे.





36) ब्रायन ट्रेसी
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1) कुछ सार्थक हासिल करने से पहले आपको बहुतबहुतबहुत से छोटे प्रयास करने होते हैं जिसे न कोई देखता या सराहना करता है ।

2) हम जिस किसी भी चीज की विश्वास के साथ उम्मीद करते हैं वो हमारी स्वतः परिपूर्ण भविष्यवाणी हो जाता है ।

3) सफलता की कुंजी है अपने चेतन मन को उन चीजों पर केन्द्रित करना जिन्हें हम चाहते हैं न कि उन पे जिनका हमें भय है ।

4) सफल लोग बस वे होते हैं जिनकी सफल आदतें होती हैं ।

5) तुम्हारे अन्दर अभी इसी वक़्त वो सबकुछ है जो तुम्हे इस दुनिया का सामना करने के लिए चाहिए ।

6) किसी सीमा की कल्पना मत कीजिये आप ये निश्चय करने से पहले कि क्या संभव है निश्चय करिए कि क्या सही और इच्छित है ।

7) अपने बारे में कभी भी कोई ऐसी चीज ना कहें जिसे आप सच नहीं होने देना चाहते ।

8) ये मायने नहीं रखता कि आप कहाँ से आ रहे हैं । बस ये मायने रखते है कि आप कहाँ जा रहे हैं ।

9) अपनी कम्फर्ट जोन से बाहर निकलिए । आप तभी ग्रो कर सकते हैं जब आप कुछ नया ट्राई करने में अजीब और असहज महसूस करने को तैयार हों ।

10) अगर आप जो कर रहे हैं वो आपको आपके लक्ष्य के करीब नहीं ले जा रहा है तो वो आपको आपके लक्ष्य से दूर ले जा रहा है ।

11) हर परिस्थिति में हर व्यक्ति में अच्छाई खोजें। लगभग हमेशा ही आप इसे पा लेंगे ।

12) कभी शिकायत मत करोकभी समझाओ नहीं। खुद को डिफेंड करने या बहाना बनाने के लोभ से बचो।

13) प्लानिंग में लगया गया हर एक मिनट एग्जीक्यूशन में 10 मिनट बचाता है ।



37) निकोलस जेम्स व्युजेसिक
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1) अगर आपके साथ चमत्कार नहीं हो सकता तो खुद एक चमत्कार बन जाइए ।

2) ये सोचना झूठ है कि आप उतने अच्छे नहीं हैं। ये सोचना झूठ है कि आप किसी काम के नहीं हैं।

3) मैं कभी किसी कड़वे व्यक्ति से नहीं मिला जो आभारी था। या कोई आभारी व्यक्ति जो कड़वा था।

4) ज़िन्दगी में आपके पास एक चॉइस है: बिटर या बेटर? बेटर को चुने, बिटर को भूल जाएं।

5) मेरे पास जो नहीं है उसके लिए भगवान् से नाराज होने का विकल्प है या जो मेरे पास है उसके लिए आभारी होने का।

6) कुछ घाव ज्यादा तेजी से ठीक होते हैं यदि आप चलते रहते हैं।

7) हर एक विकलांगता जो तुम में है,उसके बदले में चुनौतियों को पार पाने के लिए तुम्हारे अन्दर कहीं अधिक क्षमता है।

8) जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी शानदार होगी।

9) डर सबसे बड़ी विकलांगता है।

10) आपकी ज़िन्दगी खुशहाल है या नहीं ये आपकी अपनी चॉइस है।

11) आप जैसे हैं वैसे ही बहुत बढ़िया हैं।

12) हम सभी गलतियाँ करते हैं
लेकिन हममें से कोई भी गलती नहीं है।

13) बदलाव के लिए इच्छा करने से कुछ नहीं बदलेगा। तुरंत एक्शन लेने का निर्णय लेने से सबकुछ बदला जाएगा।

14) आगे बढ़ते रहो क्योंकि एक्शन से मोमेंटम पैदा होता है जो बदले में अप्रत्याशित अवसर पैदा करता है।

15) अगर बिना हाथ पाँव का आदमी बड़े सपने देख रहा है तो हम क्यों नहीं हम सभी क्यों नहीं?

16) चाहे जितनी मुश्किल हो,बढ़ते रहो।



38) डॉक्टर सेउस
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1) आज तुम तुम हो, ये सच से भी सच है, कोई भी ऐसा नहीं है जो तुमसे जयदा तुम हो।

2) इसलिए रो मत कि सब खत्म हो गया। मुस्कुराओ कि ऐसा हुआ ।

3) मुझे बकवास पसंद है,यह दिमाग की कोशिकाओंको जगाता है।

4) आज अच्छा था,आज मजेदार था,कल एक और ऐसा दिन होगा ।

5) वयस्क बस पुराने बच्चे हैं।

6) आप कभी इतने बूढ़े, इतने अनोखे,इतने जंगली नहीं हो सकते की एक किताब उठकर बच्चे के सामने न पढ़सकें।

7) केवल आप ही अपना भविष्य नियंत्रित कर सकते हैं ।

8) एक व्यक्ति एक व्यक्ति है,फिर चाहे वो कितना ही छोटा क्यों ना हो।

9) जो मैंने कहा वो मेरा मतलब था और मैंने वो कहा जो मेरा मतलब था।


39) सिगमंड फ्रॉयड
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1) अगर तुम नहीं कर सकते हो तो छोड़ दो।

2) प्रेम और काम,काम और प्रेम,बस यही तो है।

3) हर जीवन का लक्ष्य मृत्यु है।

4) जिस तरह किसी को आस्था के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता उसी तरह किसी को नास्तिकता के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।


40) शिव खेरा
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1) जीतने वाले अलग चीजें नहीं करते
वो चीजों कोअलग तरह से करते हैं।

2) जीतने वाले लाभ देखते हैं,हारने वाले नुकसान।

3) विपरीत परिस्थितियों में कुछ लोग टूट जाते हैं,तो कुछ लोग लोग रिकॉर्ड तोड़ते हैं।

4) विजेता बोलते हैं की मुझे कुछ करना चाहिए हारने वाले बोलते हैं की कुछ होना चाहिए।

5) चरित्र का निर्माण तब नहीं शुरू होता जब बच्चा पैदा होता है ये बच्चे के पैदा होने के सौ साल पहले से शुरू हो जाता है।

6) सत्य का क्रियान्वन ही न्याय है।

7) जो भी उधर लें उसे समय पर चूका दें क्यूंकि इससे आपकी विश्वसनीयता बढाती है।

8) एक देश नारे लगाने से महान नहीं बन जाता।

9) हमारी बिजनेस से सम्बंधित समस्याएं नहीं होतींहमारी लोगों से सम्बंधित समस्याएं होती हैं।

10) अगर हम हल का हिस्सा नहीं हैं,तो हम समस्या हैं।

11) लोगों से साथ विनम्र होना सीखे,महत्वपूर्ण होना जरुरी है लेकिन अच्चा होना ज्यादा महत्वपूर्ण है।

12) इन्स्पीरेशन सोच है जबकि मोटीवेशन कार्रवाई है।

13) आत्मसम्मान और अहंकार का उल्टा सम्बन्ध है

14) किसी को धोखा न दें क्यूंकि ये आदत बन जाती है,और फिर आदत से व्यक्तित्व।

15) अच्छे लीडर्स और लीडर्स बनाने की चेष्ठा करते हैंबुरे लीडर्स और फालोवार्स बनाने की चेष्ठा करते हैं



41) वॉरेन एडवर्ड बफेट
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1) मुझे हमेशा से पता था कि मैं अमीर बनने जा रहा हूँ। मुझे नही लगता कि मैंने एक मिनट के लिए भी इस बात पर शक किया।

2) मैं महंगे कपडे खरीदता हूँ। बस वो मेरे ऊपर सस्ते दीखते हैं

3) मैं 7 फुट के अवरोध को पार करने की नहीं सोचता मैं 1 फुट का अवरोध ढूंढता हूँ जिसे मैं पार कर सकूँ।

4) साख बनाने में बीस साल लगते हैं और उसे गंवाने में बस पांच मिनट। अगर आप इस बारे में सोचेंगे तो आप चीजें अलग तरह से करेंगे।

5) अगर बिजनेस अच्छा करता है तो स्टाक खुद बखुद अच्छा करने लगते हैं।

6) अपने से बेहतर लोगों के साथ समय बिताना अच्छा होता है।ऐसे सहयोगी बनाएं जिनका व्यवहार आपसे अच्छा होऔर आप उस दिशा में बढ़ जायेंगे।

7) एक शानदार कम्पनी को उचित कीमत पर खरीदना एक उचित कम्पनी को शानदार कीमत पर खरीदने से कहीं बेहतर है।

8) बाज़ार के उतार चढाव को अपना मित्र समझिये,दूसरों की मूर्खता से लाभ उठाइए उसका हिस्सा मत बनिए।

9) मैं जिन अरबपतियों को जानता हूँ,पैसा बस उनके अन्दर बुनियादी लक्षण लाता है। अगर वो पहले से मूर्ख थे तो अब वो अरबों डौलर के साथ मूर्ख हैं।

10) केवल वही खरीदिये जिसे आप ख़ुशी के साथ अगले दस सालों तक होल्ड कर सकें।

11) हमारी पसंदीदा होल्डिंग पीरीयड है हमेशा के लिए।

12) कीमत वो है जो आप भुगतान करते हैं। मूल्य वो है जो आप पाते हैं।

13) अगर कोई आज पेड़ की छाव में बैठा है तो इस वज़ह से कि किसी ने बहुत समय पहले ये पेड़ लगाया होगा।

14) आज का निवेशक कल की बढ़त से फायदा नहीं कमाता।

15) समय अच्छी कम्पनियों का मित्र होता है और औसत दर्जे की कंपनियों का दुश्मन।

16) वाल स्ट्रीट ही एक ऐसी जगह है जहाँ रोल्स रोयस से चलने वाले लोग सबवे से जाने वाले लोगों से सलाह लेने आते हैं।

17) जब सभी लालची हो जाते हैं तो हम डर के रहते हैंऔर जब सभी डर जाते हैं तब हम लालची बन जाते हैं।



42) अलफ़ासो कार 
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1) प्रत्येक मनुष्य में तीन चरित्र होता है - एक जो वह दिखाता है, दूसरा जो उसके पास होता है, तीसरी जो वह सोचता है कि उसके पास है | 

2)
 


43) सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
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1) संसार में जितने प्रकार की प्राप्तियां हैं,
शिक्षा सब से बढ़कर है।

2) मनुष्य की जांच उस की मनुष्यता और उस के उत्कर्ष से होती है।

3) कांत रुकता जा रहा है
आ रहा है काल देखो
गीत गाने दो
मुझे तो वेदना को रोकने दो।



44) श्री अरविंद
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1) सारा जगत स्वतंत्रता के लिए लालायित रहता है फिर भी प्रत्येक जीव अपने बंधनो को प्यार करता है।

2) कोई भी देश या जाति अब विश्व से अलग नहीं रह सकती।

3) जैसे सारा संसार बदल रहा है उसी प्रकार भारत को भी बदलना चाहिए।

4) पढो लिखो
कर्म करो
आगे बढो
कष्ट सहन करो
मातृभूमि के लिए
माँ की सेवा के लिए।

5) एकता स्थापित करने वाले सच्चे बन्धु हैं।

6) कला अतिसूक्ष्म और कोमल है
अतः अपनीगति के साथ यह
मस्तिष्क को भी कोमल और सूक्ष्म बना देती है।

7) मेरा हर काम अपने लिए न होकर देश के लिए ही है मेरा हित एवं मेरे परिवार का हित देशहित में ही निहित है।

8) धन को विलास के लिए खर्च करना एक प्रकार से चोरी होगी. वह धन असहायों और जरूरतमन्दों के लिए है।

9) यदि तुम किसी का चरित्र जानना चाहते हो तो उसके महान कार्य न देखो, उसके जीवन के साधारण कार्यों का सूक्ष्म निरीक्षण करो।


45) डॉ. कुमार विश्वास
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1) मैं ये कहना चाहता हूं जो राष्ट्र अपने शिक्षक को सम्मान नहीं देता इतिहास उसे स्थान नहीं देता उसे गति नहीं देता।

2) यदि अंधकार से लड़ने का संकल्प कोई कर लेता है तो एक अकेला जुगनू भी अंधकार को हर लेता है।

3) आप अपना प्रकाश स्वयं बने।

4) कच्चे लोग जीवन में बड़ी सफलता नहीं देते।

5) राजनीति एक युगधर्म है।

6) ज्यादातर लोग बड़े दिखते हैं परंतु बड़े होते नहीं।

7) युद्ध में इतिहास आपका आलंकन इस बात से नहीं करता; आप जीते या हारे। इस बात से आलंकन करता है कि आपने गोली पीठ पर खायी या छाती पर खायी।


46) दीपक चोपड़ा
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1) कायॅ को ही महत्वाकांक्षा बन जाने दीजिये।

2) प्रसन्नता ऐसी घटनाओं की निरंतरता है जिन पर हमारा बस नहीं चलता।

3) परम आनंद में होना बच्चों की प्रकृति है।

4) आपको अपने भीतर वह जगह खोजनी होगी जहाँ कुछ भी असंभव नहीं है।

5) प्रेम को कारण की आवशयकता नहीं होती. वह तो ह्रदय के तर्कशून्य ज्ञान से बोलता है।

6) नदी की दिशा बदलने की कोशिश मत करो।

7) जितना कम आप अपना ह्रदय दूसरों के समक्ष खोलेंगे उतना अधिक आपके ह्रदय को कष्ट होगा।

8) सोच विचार मानसिक गुणधर्म का अभ्यास करना है।

9) जो आप पढ़ते हैं, उससे आपमें बदलाव आएगा।

10) जब आप कोई विकल्प चुनते हैं आप भविष्य को बदल देते हैं।

11) उथल पुथल और अराजकता के बीच अपने भीतर की शांति बनाये रखें।

12) भ्रूण में हर व्यक्ति एक ईश्वर है। पैदा होना ही उसकी एकमात्र कामना है।

13) किसी बाधा को स्वीकृति से अधिक निश्चितता से और कुछ नहीं गिराता।

14) सबसे रचनात्मक कार्य जो आप कभी भी करेंगे वो है स्वयं की रचना का कार्य।

15) हमारी सोच और हमारा व्यवहार हमेशा किसी प्रतिक्रिया के पूर्वानुमान होते हैं इसलिए ये डर पर आधारित होते हैं



47) रॉबिन शर्मा
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1) हम निडर तब बनते हैं जब हम वो करते हैं जिसे करने से हमें डर लगता है ।

2) रोजाना उत्कृष्टता की लहरें समय के साथ सफलता की सुनामी बन जाती हैं ।

3) आप जिस चीज को सबसे ज्यादा पाना चाहते हो, पहले उसे देना सीखें।

4) अगर आपका जीवन विचारने के योग्य है तो फिर ये लिखने योग्य भी है।

5) मस्तिस्क एक बेहतरीन नौकर है, लेकिन एक बेहद खतरनाक मालिक भी।

6) ज़िंदगी बड़े सपने देखने वालों और क्रांतिकारी विचार वालों का हमेशा इम्तिहान लेती है।

7) क्या आप जो करते हैं या जो हैं उसके लिए श्रेय लेना चाहते हैं तो फिर दूसरों को श्रेय देने वाले बने।

8) सबसे छोटा अच्छा कार्य सबसे महान इरादे से हमेशा बेहतर होता है।

9) सादगी की शक्ति को कभी
अनदेखा मत कीजिये ।

10) जीवन का उद्देश्य
उद्देश्यपूर्ण जीवन है ।

11) आपको गुलाब देने वाले हाथों में
हमेशा थोड़ी सी खुशबू रह जाती है ।

12) परिवर्तन प्रारंभ में सबसे कठिन, मध्य में सबसे बेकार और अंत में सबसे अच्छा होता है।

13) सभी महान विचारकों का प्रारंभ में उपहास किया जाता है और अंतत: उन्हें पूजा जाता है।

14) बड़े लोग लोगों को छोटा महसूस नहीं कराते।

15) जीवन को आपको तोडना पड़ता है ताकि आपको फिर से बनाया जा सके।

16) हारने वाले समस्याएँ दोहराते हैं,
लीडर्स समाधान सुझाते हैं।

17) चिंता दिमाग की शक्ति क्षीण कर देती है,और देर सबेर आत्मा को क्षति पहुंचती है।

18) बाहरी सफलता कोई मायने नहीं रखती जब तक की आप अन्दर से भी सफल न हों।

19) अपने रास्ते पे खो जाना
उस रास्ते को पाने का एक हिस्सा है
जिसपे आपको होना चाहिए।

20) आपका जीवन महान हो
इसके लिए आपका विश्वास
आपके भय से बड़ा होना चाहिए।

21) रोज छोटे छोटे सुधार
समय के साथ
आश्चर्यजनक परिणाम लाते हैं।

22) ज्ञान केवल संभावित शक्ति है शक्ति को प्रकट करने के लिए इसे प्रयोग करना होगा।

23) हर चीज का
दो बार निर्माण होता है,
पहली बार मन में और
आखिरी बार वास्तविकता में।

24) कभी कभी सफलता
सही निर्णय लेने के बारे में नहीं होती,
ये बस कोई निर्णय लेने के बारे में होती है ।

25) हमसे हर व्यक्ति
इस दुनिया में
किसी खास मकसद के लिए है।
इसलिए पुरानी बातों को भूलें और
भविष्य के निर्माता बने।

26) जब तक आप अपने बारे में
अच्छा महसूस नहीं करते हैं,
तब तक आप दूसरों को
अच्छा महसूस नहीं करा सकते।


48) संदीप माहेश्वरी
-------------
1) न मैदान छोड़ो,
न इंतजार करो,
बस चलते रहो ।

2) कुछ भी करो
जूनुन के साथ करो
अन्‍यथा न करो ।

3) हमेशा याद रखो जो होता है,
अच्छे के लिए होता है।

4) आज मैं जो कुछ हूँ
अपनी असफलता की वजह से हूँ ।

5) ज्ञान और अनुभव
आपके विश्‍वास को मजबूत बनाता है।

6) गलतियां इस बात का सबूत हैं कि
आप कोशिश कर रहे हैं।

7) आपको जो भी मिलता है
उससे ज्‍यादा देने की इच्‍छा रखो।

8) यदि आप अच्‍छा करेंगे तो
आपके लिए भी अच्‍छा हो जाएगा।

9) जो लोग अपनी सोच नहीं बदल सकते
वे कुछ नहीं बदल सकते।

10) पहाड़ पर चढ़ना ही सफलता कहलाती है शिखर पर खड़े रहना नहीं।

11) पैसा उतना ही ज़रूरी है
जितना कार में पेट्रोल,
न कम,न ज्यादा ।

12) सफलता अनुभव से आती है और
अनुभव खराब अनुभव से आता है।

13) जो मन करेकरो खुल के करो क्योंकि
ये दिन दुबारा नही आने वाला ।

14) अगर आप महानता हासिल करना चाहते हैं तो इजाज़त लेना बदं करिये ।

15) जब हम बोलते हैं: - "आसान है" और
जवाब मांगते हैं तो
जवाब मिल जाता है ।

16) दुनिया की कोई ताकत
आपको हरा नहीं सकती
यदि आप पीच पर डटे हैं तो।

17) जिसमें न जितने की चाह है और
न हारने का डर
उसे कोई भी नही हरा सकता ।

18) ज़िन्दगी में कभी भी कुछ करना है तो
सच बोल दो
घुमा-फिरा के बात मत करो ।


49) अर्नोल्ड श्वार्ज़नेगर
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1) उन्हें सफलता से मारो और
मुस्कुराहट से दफना दो ।

2) मैं हमेशा भूखा रहता हूँ
कभी भी अपनी मौजूदा उपलब्धियों से संतुष्ट नहीं होता ।

3) ताकत जीतने से नहीं आती
आपके संघर्ष आपकी ताकत पैदा करते हैं
जब आप मुसीबतों से गुजरते हैं और
हार नहीं मानते हैं वही ताकत है ।

4) आपको रिजल्ट मिल सकते हैं
या बहाने लेकिन
दोनों नहीं ।

5) विफलता कोई विकल्प नही है
सभी को सफल होना है ।

6) अगर आप समय नहीं निकालते
अगर आप काम नहीं करते तो
आपको परिणाम नहीं मिलता ।

7) सपने ड्रीमर्स के लिए हैं
लक्ष्य अचीवर्स के लिए हैं ।

8) आप सफलता की सीढ़ीयां
पॉकेट में हाथ डाल कर नहीं चढ़ सकते ।

9) आज जो दर्द तुम महसूस कर रहे
वो कल वो ताकत होगी
जिसका तुम एहसास करोगे ।

10) मैं उन चीजों से दूर नहीं जाता
जो मुझे लगता है अभी ख़त्म नहीं हुई हैं ।

11) विश्वास के साथ
अपने सपनों की दिशा में आगे बढ़ो
उस जीवन को जियो
जिसकी तुमने कल्पना की है ।

12) जीवन दर्द से भरा हो सकता है लेकिन
ये इसे छोड़ने का बहाना नहीं हो सकता ।

13) कमजोर पर सभी दया करते हैं
इर्ष्या आपको कमानी पड़ती है ।

14) ये सरल है,
यदि वो हिल रहा है तो
वो फैट है ।

15) अच्छा,आप जानते हैं,
मैं हेमशा के लिए आशावादी हूँ ।

16) मैंने सीखा कि जितना हम जानते हैं
हमेशा उससे अधिक शक्तिशाली होते हैं ।

17) बड़ी शुरुआत करो,
आगे बढ़ो, और
कभी पीछे मुड़ कर मत देखो ।

18) अगर ये याद करना मुश्किल है
तो उसे भूलना कठिन होगा ।

20) मैं कभी भी अपना जीवन
किसी और के साथ नहीं बदलूँगा ।


50) बिल गेट्स
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1) आप अपनी तुलना
किसी से भी न करे
अगर आप ऐसा करते हो तो
आप खुद की बेइज्जती कर रहे हो ।

2) आप एकाग्रचित्त होकर ही
महान कार्य कर सकते है
चाहे आप कितने ही योग्य क्यों न हो ।

3) जब आप किसी चीज से संतुष्ट न हो तो आप सीखने की ओर बढोगे, अगर आप सीखना चाहोगे तो ।

4) सफलता एक गलत मेसेज देता है और
लोगो में यह सोच डाल देता है की
आप कभी असफल नहीं हो सकते ।

5) सफलता मिलने के बाद
खुशियाँ मनाना तो ठीक है परन्तु
गलतियों से सीखना और भी महत्वपूर्ण है ।

6) यदि आप गरीब घर में जन्मे हो तो
यह आपकी गलती नहीं है लेकिन
अगर आप गरीबी में ही मरते हो तो
यह आपकी ही गलती है ।

7) सफलता की खुशियाँ
हमेशा मनाओ लेकिन
हमेशा अपने बुरे वक्त को याद रखो ।

8) खुद इडियट बनकर खुश रहो और
ये पूरी उम्मीद है की आप
अंत में सफलता प्राप्त करोगे ।

9) उम्मीद हमेशा पहला सत्य है,
यदि लोगो को इसमें विश्वास है तो
यही सच है ।

10) अगर आप खुद को
अच्छा नहीं बना सकते तो
कम से कम कुछ ऐसा कीजिये
जो बहुत अच्छा दिखे ।

11) हम अगर अगली सदी की बात करे तो
वो लोग लीडर होंगे
जो दुसरो को मजबूत बनायेंगे ।

12) अगर आप लोगो को
उनकी समस्याओ को दूर करने के
उपाय बताओगे तो लोग
उसको अपनाने के लिए
जरुर हामी भरेंगे ।

13) हम लोगो को
ऐसे लोगो की जरुरत है
जो हमें फीडबैक दे सके
जिससे हम खुद में
उचित सुधार कर सके ।

14) बिजनेस कुछ नियमो और
जोखिमो से भरा
एक पैसे का गेम है ।

15) हर व्यक्ति को
एक कोच की जरुरत है ।

16) "जल-वायु" परिवर्तन
एक गंभीर समस्या है
इसे पूरी तरह से हल किया जाना चाहिए और यह बहुत जरुरी है ।

17) रोकथाम के बिना उपचार अस्थायी है।

18) अक्सर आपको अपने
नॉलेज पर विश्वास करना होगा ।


51) चार्ली चैप्लिन
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1) शीशा मेरा सबसे अच्छा मित्र है
क्योंकि जब मै रोता हूं तो
वह कभी नहीं हँसता ।

2) दुष्ट दुनिया में
कुछ भी स्थायी नहीं है
हमारी मुसीबतें भी नहीं ।

3) हंसी के बिना बिताया हुआ दिन
बर्बाद किया हुआ दिन है ।

4) मैं हमेशा बरसात में
घूमना पसंद करता हूँ ताकि
कोई मुझे रोते हुए ना देख पाए ।

5) यदि आप केवल मुस्कुराएंगे तो
आप पाएंगे की
ज़िन्दगी अभी भी
मूल्यवान है ।

6) मेरा दर्द किसी के
हंसने का कारण हो सकता है पर
मेरी हंसी कभी भी
किसी के दर्द कारण
नहीं होनी चाहिए ।

7) बिना कुछ करे
कल्पना का कोई मतलब नहीं है ।

8) आप किसका अर्थ जानना चाहते हैं? ज़िन्दगी इच्छा है, अर्थ नहीं ।

9) आप का नग्न शरीर
केवल उन लोगो से
सम्बंधित होना चाहिए
जो आपकी नग्न आत्मा से
प्यार करते है ।

10) ज़िन्दगी में एक बार
अपने बारे में अवश्य सोचे
अन्यथा आप संसार की
सबसे बड़ी कॉमेडी
मिस कर सकते है ।

11) सबसे दुखद चीज
जिसकी मैं कल्पना कर सकता हूँ
वो है विलासिता का आदी होना ।

12) हम सोचते बहुत हैं और
महसूस बहुत कम करते हैं ।

13) किसी आदमी का असली चरित्र
तब सामने आता है
जब वो नशे में होता है ।

14) ज़िन्दगी करीब से देखने में
एक त्रासदी है लेकिन
दूर से देखने पर एक कॉमेडी ।

15) एक आवारा, एक सज्जन,
एक कवि, एक सपने देखने वाला, और
एक अकेला आदमी
हमेशा रोमांस और रोमांच की
उम्मीद करते है ।

16) असफलता महत्त्वहीन है ।
अपना मजाक बनाने के लिए
हिम्मत चाहिए होती है ।

17) सच में हंसने के लिए
आपको अपनी पीड़ा के साथ
खेलने में सक्षम होना चाहिए ।

18) मैं ईश्वर के साथ शांति से हूँ ।
मेरा टकराव इंसानों के साथ है ।

19) मैं ऐसी सुन्दरता के साथ
धैर्यपूर्वक नहीं रह सकता
जिसे समझने के लिए
किसी को व्याख्या करनी पड़े ।

20) हास्य टॉनिक है, राहत है,
दर्द रोकने वाला है ।

21) ज़िन्दगी बढ़िया हो सकती है अगर
लोग आपको अकेला छोड़ दें ।

22) ज़रूरतमंद दोस्त की
मदद करना आसान है, लेकिन
उसे अपना समय देना
हमेशा संभव नहीं हो पाता ।

23) अभिनेता ठुकराए जाने की
तालाश करते हैं ।
यदि उन्हें ये नहीं मिलता तो
वे खुद को ठुकरा देते हैं ।

24) मैं लोगों के लिए हूँ ।
इसका मैं कुछ नहीं कर सकता ।

25) मैं एक गरीब राजा की तुलना में
जल्द ही एक सफल धूर्त कहलाना चाहूँगा ।

26) मेरी ज़िन्दगी में कई तकलीफे है पर
मेरे होठ उनको नहीं जानते है ।
वो हमेशा मुस्कुराते है ।



52) ब्रूस ली
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1) अगर आप अपनी
ज़िन्दगी से प्यार करते हैं तो
वक़्त मत बर्वाद करें क्योंकि
वो वक़्त ही है जिससे कि
ज़िन्दगी बनी होती है ।

2) अगर आप किसी चीज के बारे में
सोचने में बहुत अधिक समय लगाते हैं तो
आप उसे कभी भी नहीं कर पाएंगे ।

3) अगर आप तैरना सीखना चाहते हो तो
पानी में कूदो
सूखी जमीन में कोई भी, कभी भी
आपकी मदद नहीं कर सकता ।

4) अतिरिक्त प्रयास करने को
अपनी दैनिक आदत का हिस्सा बना लें ।

5) "अभ्यास" आदमी को पूरा बनाता है,
लम्बे समय तक अभ्यास करने के बाद,
हमारा काम प्राकृतिक कौशलपूर्ण
तेज और स्थिर हो जाता है ।

6) अमर होने का राज ये है कि
पहले आप एक याद रखने योग्य जीवन जीयें ।

7) आसान जीवन के लिए
प्रार्थना मत करो,
एक मुश्किल जीवन और
उसको जीने के लिए ताकत की प्रार्थना करो ।

8) इस पल का न तो
कोई आने वाला कल है,
ना ही पिछला कल है,
यह कोई विचार का फल नहीं है,
इसलियें यह समय सही है ।

9) एक अच्छा शिक्षक,
अपने ही प्रभाव से
अपने विद्यार्थियों को बचाता है ।

10) कभी भी मुसीबत को,
तब तक, मुसीबत में ना डालें,
जब तक मुसीबत, आपको
मुसीबत में ना डाले ।

11) कर्म सही या गलत नहीं होता है, लेकिन
जब कर्म आंशिक, अधूरा होता है,
सही या गलत की बात तब सामने आती है ।

12) कल की तैयारी आज का कठिन परिश्रम है ।

13) किसी भी चीज का अधिकार
मन में शुरू होता है ।

14) खुश रहें लेकिन कभी संतुष्ट मत हों ।

15) गलतियाँ हमेशा माफ हो जाती हैं,अगर किसी में उन्हें स्वीकार करने का साहस हो तो ।

16) गुस्सा इंसान को जल्द ही
मूर्ख साबित कर देता है ।

17) चीजों को ऐसे लें जैसी वे हैं
जब घूँसा मारना हो तब घूंसा मारें
जब लात मारनी हो तो लात मारें ।

18) जानना काफी नहीं है
हमें उसे लागू करना चाहिए ।
इच्छा रखना काफी नहीं है
हमें करना चाहिए ।

19) जीवन जीने की चाबी यही हैं कि
आप अभी क्या हो ?

20) जो अँधेरे में चल रहे हैं और
इससे अनजान हैं
वे कभी प्रकाश की तलाश नहीं करेंगे ।

21) ज्ञान आपको शक्ति देगा लेकिन
चरित्र सम्मान ही आपको
श्रेष्ठ और महान बनाता है ।

22) दुनिया के सभी ज्ञान
आत्मज्ञान की ओर ही ले जाते हैं ।

23) ध्यान दीजिये कि सबसे कठोर पेड़ सबसे आसानी से टूट जाते हैं, जबकि बांस या विलो हवा के साथ मुड़कर बच जाते है ।

24) भगवान कहीं और नहीं बल्कि
हमारे अंदर ही होते हैं ।

25) भाड़ में जाये परिस्थितियां
मैं अवसरों को पैदा करता हूँ ।

26) मन से ही हर चीज का
अधिकार शुरू होता है ।

27) मुर्ख अच्छे तर्कों से नहीं
सीख सकता जो समझदार आदमी
मुर्ख तर्कों से सीख सकता है ।

28) मैं इस दुनिया में आपकी उम्मीदों पर
खरा उतरने के लिए नहीं हूँ और
आप इस दुनिया में मेरी उम्मीदों पर
खरा उतरने के लिए नहीं हैं ।

29) मैं कहूँ कि मैं अच्छा हूँ तो
आपको लगेगा मैं घमंडी हूँ और अगर
मैं कहूँ कि मैं अच्छा नहीं हूँ तो
आप जानते हो मैं झूठ बोल रहा हूँ ।

30) मैं किसी को कुछ भी नहीं सिखा सकता लेकिन
खुद को ढूंढने में मदद जरुर कर सकता हूँ ।

31) यदि आप सोचने में ज्यादा समय लगाते हैं तो आपको सफलता भी देरी से मिलेगी।

32) यह याद रखिये कोई भी व्यक्ति तब तक नहीं हारता जब तक वह हिम्मत नहीं हारता ।

33) लक्ष्य का मतलब कही न कही पहुचना नहीं होता उद्देश्य के लिए बढना होता हैं ।


53) टोनी राॅबिंस
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1) लक्ष्य बनाना अदृश्य को दृश्य में बदलने का पहला कदम है ।

2) आपके निर्णय के क्षणों में आपकी नियति आकार लेती है ।

3) विश्वास में सृजन करने की शक्ति होती है और विनाश करने की भी ।

4) सफलता का मार्ग है बड़ीदृढ कार्रवाई करना ।

5) हम अपना जीवन बदल सकते हैं ।
हम जो चाहते हैं बिलकुल वही करपा और हो सकते हैं ।

6) लोग आलसी नहीं होते ।
बस उनके लक्ष्य कमजोर हैं यानि ऐसे लक्ष्य जो उन्हें प्रेरित नहीं करते ।

7) आपके प्रभाव की सीमा
केवल आपकी कल्पना और प्रतिबद्धता है ।

8) यदि आप वही करते हैं जो आप हमेशा से करते आये हैं तो आपको वही मिलेगा जो हमेशा से मिलता आया है ।

9) जीवन की घटनाएं नहीं बल्कि हमारा विश्वास कि वो घटनाएं क्या मायने रखती हैं हमारे जीवन को आकार देती हैं ।

10) सफल लोग बेहतर सवाल पूछते हैं,और परिणाम स्वरुप, वे बेहतर जवाब पाते हैं ।

11) हमेशा एक तरीका होता है अगर आप कमिटेड हैं ।

12) ये वो नहीं है कि हमें क्या मिलता है।
बल्कि ये वो है कि हम क्या बनते हैं क्या योगदान देते हैं जो हमारी ज़िन्दगी को मायने देता है ।

13) असफलता जैसी कोई चीज नहीं है ।
केवल परिणाम हैं।

14) मैं आज कैसे जीने जा रहा हूँ ताकि वो कल बना सकूँ जिसे बनाने के लिए मैं प्रतिबद्ध हूँ ?

15) जो भी होता है,जिम्मेदारी लें ।

16) जुनून प्रतिभा की उत्पत्ति है ।

17) जीवन में आपको प्रेरणा या हताशा की ज़रूरत होती है ।

18) जोश के साथ जियें।

19) अवसर के साथ तैयारी का मिलन उस संतति की उतपत्ति करता है जिसे हम भाग्य कहते हैं ।

20) जब लोग एक दुसरे की तरह होते हैं वे एक दुसरे को पसंद करते हैं ।

21) ये वो जानना नहीं है कि करना क्या है,
ये वो करना है जो तुम जानते हो ।


54) थाॅमस अल्वा एडीसन
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1) हमारी सबसे बड़ी कमजोरी
हार मान लेना है ।
सफल होने का सबसे निश्चित तरीका है
हमेशा एक और बार प्रयास करना ।

2) मैं असफल नहीं हुआ हूँ ।
मैंने बस 10,000 ऐसे तरीके खोज लिए हैं
जो काम नहीं करते हैं ।

3) ज्यादातर लोग अवसर गँवा देते हैं क्योंकि
ये चौग़ा पहने हुए होता है और
काम जैसा दिखता है ।

4) जीवन में असफल हुए कई लोग वे होते हैं जिन्हें इस बात का आभास नहीं होता कि जब उन्होंने हार मान ली तो वे सफलता के कितने करीब थे ।

5) प्रतिभा एक प्रतिशत प्रेरणा और
निन्यानबे प्रतिशत पसीना है ।

6) व्यस्त होने का मतलब
हमेशा हकीकत में काम होना नहीं है ।

7) आविष्कार करने के लिए,
आपको एक अच्छी कल्पना और
कबाड़ के ढेर की जरूरत होती है ।

8) कुछ भी उपयुक्त हासिल करने के लिए
तीन महत्त्वपूर्ण चीजें हैं कड़ी मेहनतदृढ़ताऔर कॉमन-सेन्स ।

9) कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है ।

10) बस इसलिए कि कोई चीज वो नहीं करती जिस चीज के लिए आपने उसे बनाया था उसका ये मतलब नहीं की वो बेकार है ।

11) मैंने अपने जीवन में
एक भी दिन काम नहीं किया ।
ये सब मनोरंजन था ।

12) असंतोष प्रगति की पहली आवश्यकता है ।

13) आपकी कीमत इसमें है कि
आप क्या हैं,
इसमें नहीं कि आपके पास क्या है ।

14) कोई भी चीज जो बिके ना,
मैं उसका आविष्कार नहीं करना चाहूँगा ।
उसका बिकना उपयोगिता का प्रमाण है
और उपयोगिता सफलता है ।

15) प्रौढ़ता अक्सर युवावस्था से अधिक बेतुकी होती है और कई बार युवाओं पर अन्न्यापूर्ण भी ।

16) मुझे इस तथ्य पर गर्व है कि
मैंने कभी भी हत्या करने के लिए
हथियारों का आविष्कार नहीं किया ।

17) शरीर का मुख्य कार्य
मस्तिष्क को इधर उधर ले जाना है ।

18) सबसे अच्छी सोच
एकांत में की गयी होती है ।
सबसे बेकार उथल-पुथल के माहौल में ।

19) जो मनुष्य का दिमाग बना सकता है,
उसे मनुष्य का चरित्र नियंत्रित कर सकता है ।

20) किसी विचार का मूल्य
उसके उपयोग में निहित है ।

21) आप जो हैं वो
आपके काम में दिखेगा ।

22) महान विचार
मांसपेशियों में उत्पन्न होते हैं ।

23) मैं वहां से शुरू करता हूँ
जहाँ से आखिरी व्यक्ति ने छोड़ा था ।

24) एक शानदार आईडिया चाहते हो तो ढेर सारे आइडियाज सोचो ।

25) जितनी काबिलियत है उससे कहीं अधिक अवसर हैं ।

26) पांच प्रतिशत लोग सोचते हैं,दस प्रतिशत लोग सोचते हैं कि वे सोचते हैं और बाकी बचे पचासी प्रतिशत लोग सोचने से ज्यादा मरना पसंद करते हैं ।

27) हमेशा एक बेहतर तरीका होता है ।

28) हर चीज के लिए समय है ।

29) ये समस्या,एक बार समाधान मिलने के बाद सरल हो जाएगी ।

30) मैं ये पता कर लेता हूँ कि दुनिया को क्या चाहिए। फिर मैं आगे बढ़ता हूँ और उसका आविष्कार करने का प्रयास करता हूँ ।

31) सभी बाइबिल मनुष्य द्वारा बनायीं गयी हैं।

32) प्रकृति वास्तव में अद्भुत है केवल इंसान वास्तव में बेईमान है ।



55) अलबर्ट आइंस्टाइन 
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1) विश्व एक महान पुस्तक है जिसमें वे लोग
 केवल एक ही पृष्ठ पढ पाते हैं जो कभी घर से बाहर नहीं निकलते।  

2) धर्मरहित विज्ञान लंगड़ा है और विज्ञान रहित धर्म अंधा।  

3) अवसर के रहने की जगह कठिनाइयों के बीच है। 

4) तर्क, आप को किसी एक बिन्दु 'क' से दूसरे बिन्दु 'ख' तक पहुँचा सकते हैं। लेकिन कल्पना आप को सर्वत्र ले जा सकती है।

5) अट्ठारह वर्ष की उम्र तक इकट्ठा किए गए पूर्वाग्रहों का नाम ही सामान्य बुद्धि है।

6) प्रकृति को गहराई से देखें और आप हर चीज़ को बेहतर समझ पाएंगे। 

7) आपकी कल्पनाशक्ति आपके जीवन के आने वाले आकर्षणों का पूर्वावलोकन है। 

8) ऐसा नहीं है कि मैं कोई अति प्रतिभाशाली व्यक्ति हूँ। लेकिन मैं निश्चित रूप से अधिक जिज्ञासु हूँ और किसी समस्या को सुलझाने में अधिक देर तक लगा रहता हूँ। 

9) सफल मनुष्य बनने के प्रयास से बेहतर है गुणी मनुष्य बनने का प्रयास।

10) सफल आदमी बनने की बजाय एक महत्वपूर्ण आदमी बनने की सोचिए
 
11)  सफल व्यक्ति होने का प्रयास न करें, अपितु गरिमामय व्यक्ति बनने का प्रयास करें।  

12) एक ऐसा व्यक्ति जिसने कभी गलती नहीं की है, उसने जीवन में कुछ नया करने का कभी प्रयास ही नहीं किया होता है।  

13) अपना जीवन जीने के केवल दो ही तरीके हैं। पहला यह मानना कि कोई चमत्कार नहीं होता है, दूसरा कि हर वस्तु एक चमत्कार है। 

14) 
 
 
 
 
 
56) रॉबर्ट कियोसाकी
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1) आपका जीवन इससे निर्धारित नहीं होता कि आप अपने मुंह से क्या बोलते हैं सबसे ज्यादा ताकत उसमें होती है जो आप धीरे से अपने आप से फुसफुसाते हैं।

2) आत्मविश्वास अनुशासन और अभ्यास से आता है।

3) यानी वित्तीय आज़ादी उन्हीं लोगों को मिलती है जो इसके बारे में सीखते हैं और इसे पाने के लिए मेहनत करते हैं।

4) असली एस्टेट में निवेश करना नकद आमदनी और संपत्ति बनाने का एक जांचा परखा तरीका है।

5) जो लोग कमज़ोर और काम में कच्चे होते हैंउन्हें बहाने बनाना बड़ा अच्छा लगता है।

6) हर मुश्किल में एक मौका छुपा होता है।

7) दुनिया के सबसे अमीर लोग संजाल बनाते और ढूंढते हैं बाकी काम ढूंढते हैं।

8) रिएल एस्टेट के साथ समस्या ये है कि ये स्थानीय होता है आपकोमार्केट को समझना ज़रूरी होता है।

9) अगर आपको ज़िंदगी में विजेता बनना है तो आपको लगातार अपना सर्वश्रेष्ठ करना होता है।

10) स्कूली शिक्षा और वित्तीय शिक्षा दोनों महत्वपूर्ण हैं लेकिन स्कूलों में वित्तीय शिक्षा की अनदेखी की जाती है।

11) हारने वाले वही होते हैं जो हारने से डरते हैं।

12) मेरा मानना है कि सच को स्वीकार करना सफलता पाने के लिए बहुत ज़रूरी है चाहे वो किसी भी तरह कहा जाए।

13) कसरती दिमाग ही अमीर दिमाग होता है।

14) निवेश को लेकर खुद से झूठ बोलने वाले लोग उन लोगों की तरह होते हैं जो अपने मोटापे के लिए अपने जीन्स को ज़िम्मेदार बताते रहते हैं।


57) रतन नवल टाटा
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1) यदि आप तेजी से चलना चाहते हैं तो अकेले चलें। लेकिन यदि आप दूर तक चलना चाहते हैं तो साथ मिलकर चलें।

2) मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं करता। मैं निर्णय लेता हूँ और फिर उन्हें सही साबित कर देता हूँ।

3) मेरे पास दो या तीन कारें हैं जो मुझे पसंद हैं, लेकिन आज प्रभावशाली होने के मामले फेरारी सबसे अच्छी कार है जो मैंने चलाई है।

4) जिस दिन मैं उड़ान नहीं भर पाऊंगा वो मेरे लिए एक दुखद दिन होगा।

5) जीवन में आगे बढ़ने के लिए उतर चढ़ाव बहुत ज़रूरी हैं, क्योंकि एक सीधी लाइन का मतलब होता है कि हम जिंदा नहीं हैं।

6) उन पत्थरों को उठाइए जो लोग आप पर फेंकते हैं और उनका इस्तेमाल कर के एक स्मारक खड़ी कर दीजिये।

7) मैं भारत के भविष्य की सम्भावनाओं के लेकर हमेशा बहुत कॉंफिडेंट और उत्साही रहा हूँ। मुझे लगता है ये एक महान क्षमता वाला महान देश है।

8) यदि ये सार्वजानिक जांच की कसौटी पर खरा उतरता है तो इसे करोअगर ये ये सार्वजानिक जांच की कसौटी पर खरा नहीं उतरता है तो इसे मत करो।


58) हेनरी फ़ोर्ड
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1) ऐसा कोई भी व्यक्ति जीवित नहीं है जो उससे ज्यादा ना कर सके जितना कि वो सोचता है कि वो कर सकता है।

2)sts-12 पैसा हाथ या पैर की तरह है इसे यूज करो या लूज करो।

3) यदि आप सोचते हैं कि आप कोई चीज कर सकते हैं,या आप कोई चीज नहीं कर सकते हैं,तो आप सही हैं।

4) गलतियाँ नहीं समाधान ढूंढे।

5) ख़ुशी की तरह दौलत भी कभी प्रत्यक्ष रूप से नहीं मिलती यह किसी उपयोगी सेवा के फलस्वरूप मिलती है।

6) मैं ऐसा कोई व्यक्ति नहीं खोज पाया जो इतना अधिक जानता हो कि वो निश्चित रूप से कह सके कि क्या संभव है और क्या नहीं।

7) समृद्धिसुख की तरह,कभी भी सीधे मांगे जाने पर नहीं मिलती।ये किसी उपयोगी सेवा प्रदान करने के बाय प्रोडक्ट के रूप में मिलती है।

8) कोई बड़ी समस्या नहीं है,बस छोटी छोटी बहुत सी समस्याएं हैं।

9) दुनिया अगले साल क्या करने जा रही है ये आप स्कूल में नहीं सीख सकते।

10) मैं ऐसे बहुत से लोगों को खोज रहा हूँ जिनके अन्दर ये ना जानने की अनंत क्षमता है कि क्या नहीं किया जा सकता है।

11) हर एक चीज से पहले तैयार होना सफलता का रहस्य है।

12) sts-2 आपके पास जो भी है या तो आप उसे यूज कीजिये या लूज कीजिये।

13) पूंजी का उच्चतम उपयोग और पैसे बनाने में नहीं है,बल्कि पैसे से ज़िन्दगी को और बेहतर बनाने में है।

14) ये मेरा ओबजर्वेशन रहा है कि अधिकतर लोग उस समय में आगे निकल जाते हैं जिसे अन्य बर्वाद करते रहते हैं।

15) जो व्यवसाय कुछ और नहीं बस पैसे बनाना जानता है, वह एक तुच्छ व्यवसाय है।

16) ज्यादातर लोग समस्या हल करने का प्रयास करने की बजाये अपना समय और उर्जा उसके इर्द गिर्द बिता देते हैं।

17) कुछ भी इतना कठिन नहीं है अगर आप उसे छोटे छोटे कार्यों में विभाजित कर लें।

18) बाधाएं वो डरावनी चीजें है जो आप तब देखते हैं जब आप लक्ष्य से अपनी आँखें हटा लेते हैं।

19) सबसे मुश्किल काम है सोचना,शायद यही कारण है कि इसमें इतने कम लोग लगे होते हैं।

20) अगर हर कोई साथ में आगे बढ़ रहा है तो सफलता खुद अपना ख्याल रख लेती है ।

21) आप इस पर अपनी प्रतिष्ठा नहीं बना सकते कि आप क्या करने जा रहे हैं।


59) किरन बेदी
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1) समृद्ध आधुनिक पलस्तर सबसे पुराने पेशे को फलने फूलने देगा और जब सौदा बुरा होगा तो महिलाएं बेईमानी होने का रोना रोयेंगी।

2) हम बदलाव की शुरुआत अपने घरों,आस पड़ोस की जगहों,बस्तीयों,गावों और स्कूलों से कर सकते हैं।

3) वो कितनी बड़ी राष्ट्रीय क्रांति होगी अगर हममें से हर कोई खुद को शाशित करने लगे।

4) आगे बढ़ने के लिए खुद से चुने गए अभ्यास हैं।

5) जो लोग समय रहते अपने जीवन का चार्ज नहीं ले लेते वे समय द्वारा लाठी चार्ज किये जाते हैं।

6) बिना शाशक और शाशित के बीच की दूरी कम किये भ्रष्टाचार को नहीं मिटाया जा सकता।

7) कहीं भी आतंकवाद मानवता के लिए खतरा है।

8) मौजूदा दृष्टिकोण में प्रबल बदलाव के बिना सम्बन्ध नहीं बन सकते।

9) आचार्संघिताशालीनता और नैतिकता असली सैनिक हैं।

10) उस शिक्षा का क्या मोल है जो हमारे अन्दर गलत को सही करने का जूनून और निडरता न पैदा कर सके?

11) काम मुझे ख़ुशी देता है और हर एक शुरुआत स्वयं की खोज का एक रास्ता है।

12) मैंने हमेशा से अपने अन्दर वंचित लोगों के लिए जीने और सेवा करने का उत्साह पाला है।



60) नवजोतसिंह सिध्दु 
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1) जो बाज़ी ही नहीं खेलतावह जीतता भी नहीं है।इसलिए जीवन में रिस्क लेने से कभी मत घबराइए।रिस्क लेने वाले ही जीतते हैं।

2) इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति ने बिना हारे सफलता नहीं पाई है। इसलिए हार से घबराइए मत, हौसला बनाए रखिए, कोशिश करते रहिए, सफलता मिलेगी।

3) बिल्ली कभी भी ग्लव्ज़ पहनकर चूहे नहीं पकड़ती। अगर आप भी सफलता चाहते हैं तो आराम छोड़ दीजिए और केवल लक्ष्य पर ध्यान लगाइए।

4) बुद्धिमान लोगों की कद्र होती है, अमीरों की सराहना, ताकतवर से सब डरते हैं, पर ईमानदार लोगों पर ही सब भरोसा करते हैं। इसलिए आप जो भी करें उसमें ईमानदार रहे।

5) जिस तरह बिना अच्छे साज़ के आप अच्छी धुन नहीं बना सकतेउसी तरह बिना अच्छी टीम बनाए आप सफल भी नहीं हो सकते।

6) हर व्यक्ति केक का वह टुकड़ा चाहता है जिस पर रेड चेरी लगी हो, पर मिलता उसे है जो उसके पास जाता है।अगर आप भी जीवन में अच्छा चाहते हैं तो पहले आप आगे बढ़ें।

7) sts-15 जब आप अपने करियर के शुरूआती दौर में हीतो उस सिपाही की तरह रहे, जो अपने सीनियर्स की हर बात मानता है। इससे कम ठोकरें खाकर आप ज्यादा सीखेंगे।

8)sts-13 अगर समंदर शांत हो तो नौसीखिए भी नाव चला सकते हैं। असल प्रतिभा तो तब दिखती है जब आप हज़ार मुश्किलों के बावजूद जीतते हैं।

9) अच्छा भाग्य खुद आपका दरवाज़ा खटखटाता है। बस आपको अवसरों को तलाशते रहना चाहिए।

10) अकसर शादी शुदा लोगों को दूसरों के पति पत्नी परफेक्ट लगते हैं,पर रहना तो आपको उसी के साथ है जो आपके पास है। इसलिए जो ईश्वर ने आपको दिया है उसमें खुश रहे।

11) समस्याएं बच्चों की तरह होती हैं जितना समाधान करोगे उतनी ही बढ़ेगी। जिस तरह बच्चा बड़ा होकर आपकी मदद करता है उसी तरह समस्याएं भी आपको निखारेंगी अनुभव देंगी ।

12) एक गिरा हुआ प्रकाशस्तंभ किसी चट्टान से भी अधिक खतरनाक होता है।

13)sts-8 समुद्र शांत हो तो कोई भी जहाज चला सकता है।

14) अनुभव वो कंघी है जो ज़िन्दगी आपको तब देती हैजब आप गंजे हो जाते हैं।

15) sts-7 मैं एक सिपाही हूँ और अपने नेताओं के मार्गदर्शन में काम करता हूँ।

16) बिना जोखिम कुछ नहीं मिलता और जोखिम वही उठाते हैं,जो साहसी होते हैं।

17) जो कभी पासा नहीं फेंकता वो कभी छक्का मारने की उम्मीद नहीं कर सकता।

18) दस्ताने पहनने वाली बिल्ली चूहे नहीं पकड़ती।

19) तीसरे अम्पायर को उतनी जल्दी जल्दी ही बदलना चाहिए जितना कि बच्चों की लंगोट बदलते हैं और उसी वजह से।

20) भारत के लिए सुरंग के अंत में प्रकाश है, लेकिन वो इसी तरफ आ रही ट्रेन का है जो उन्हें कुचल के रख देगी।

21) जब आप एक राक्षस के साथ भोजन कर रहे होतो आपके पास एक लंबा चम्मच होना चाहिए।

22) बिना जोखिमकुछ नहीं मिलता ।और जोखिम वही उठाते हैं जो साहसी होतेहैं।

23) इस दुनिया मे जीतने भी चमत्कार है वो विचारो के है इन्हे गिरा डालो ये इंसान को हैवान बना देते है और इन्हे उठा डालो ये इंसान को भगवान बना देते है।

24) तलवारों की धारो पर इतिहास हमेशा बनता है,जिस ओर जवानी चलती है उस और जमाना चलता है।

25) बीज रूप मे तुम्हारे खयाल ही तुम्हें बनाने वाले है।

26) उसूलों पे आंच आए तो टकराना ज़रूरी है,और ज़िंदा हो तो ज़िंदा नज़र आना जरूरी है।

27) ये दिल वालों की दुनिया है अजब है दास्तान इसकी,किसी से दिल नहीं मिलता ओर कोई दिल से नहीं मिलता।

28) दूनिया मे सबसे बड़ा रोग मेरे बारे मे क्या कहेंगे लोग।


61) पंडित जवाहरलाल नहेरू 
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1) एक नेता या कर्मठ व्यक्ति संकट के समय लगभग हमेशा ही अवचेतन रूप में कार्य करता है और फिर अपने किये गए कार्यों के लिए तर्क सोचता है।

2) एक सिद्धांत को वास्तविकता के साथ संतुलित किया जाना चाहिए।

3) जब तक मैं स्वयं में आश्वस्त हूँ की किया गया काम सही काम है तब तक मुझे संतुष्टि रहती है।

4) कार्य के प्रभावी होने के लिए उसे स्पष्ठ लक्ष्य की तरफ निर्देशित किया जाना चाहिए।

5) नागरिकता देश की सेवा में निहित है।

6) संकट और गतिरोध जब वे होते हैं तो कम से कम उनका एक फायदा होता है कि वे हमें सोचने पर मजबूर करते हैं।

7) संस्कृति मन और आत्मा का विस्तार है।

8) लोकतंत्र और समाजवाद लक्ष्य पाने के साधन है, स्वयम में लक्ष्य नहीं।

9) लोकतंत्र अच्छा है । मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि बाकी व्यवस्थाएं और बुरी हैं।

10) संकट के समय हर छोटी चीज मायने रखती है।

11) तथ्य तथ्य हैं और आपके नापसंद करने से गायब नहीं हो जायेंगे।

12) असफलता तभी आती है जब हम अपने आदर्श, उद्देश्य और सिद्धांत भूल जाते हैं।

13) अज्ञानता बदलाव से हमेशा डरती है।

14) सुझाव देना और बाद में हमने जो कहा उसके नतीजे से बचने की कोशिश करना बेहद आसान है।

15) हर एक हमलावर राष्ट्र की यह दावा करने की आदत होती है कि वह अपनी रक्षा के लिए कार्य कर रहा है।

16) जीवन ताश के पत्तों के खेल की तरह है आपके हाथ में जो है वह नियति है,जिस तरह से आप खेलते हैं वह स्वतंत्र इच्छा है।

17) हमारे अन्दर सबसे बड़ी कमी यह है कि हम चीजों के बारे में बात ज्यादा करते हैं और काम कम।

18) लोगों की कला उनके दिमाग का सही दर्पण है।

19) जो व्यक्ति जो सबकुछ पा चुका है वह हर एक चीज शांति और व्यवस्था के पक्ष में चाहता है ।

20) आप तस्वीर के चेहरे दीवार की तरफ मोड़ के इतिहास का रुख नहीं बदल सकते।

21) बिना शांति के,और सभी सपने खो जाते हैं और राख में मिल जाते हैं।

22) हम वास्तविकता में क्या हैं वो और लोग हमारे बारे में क्या सोचते हैं उससे कहीं अधिक मायने रखता है।

23) अच्छी नैतिक स्थिति में होना कम से कम उतना ही प्रशिक्षण मांगता है जितना कि अच्छी शारीरिक स्थिति में होना।

24) समय सालों के बीतने से नहीं मापा जाता बल्कि किसी ने क्या किया, क्या महसूस किया,और क्या हांसिल किया इससे मापा जाता है।

25) शायद जीवन में भय से बुरा और खतरनाक कुछ भी नहीं है।

26) बहुत अधिक सतर्क रहने की नीति सभी खतरों में सबसे बड़ा है।

27) जो व्यक्ति भाग जाता है वह शांत बैठे व्यक्ति की तुलना में अधिक खतरे में पड़ जाता है।


62) नेताजी सुभाषचंद्र बोस
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1) तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा।

2) राष्ट्रवाद मानव जाति के उच्चतम आदर्शों सत्यम,शिवम्,सुन्दरम से प्रेरित है।

3) भारत में राष्ट्रवाद ने एक ऐसी शक्ति का संचार किया है जो लोगों के अन्दर सदियों से निष्क्रिय पड़ी थी।

4) याद रखिये सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है।

5) एक सच्चे सैनिक को सैन्य और आध्यात्मिक दोनों ही प्रशिक्षण की ज़रुरत होती है।

6) इतिहास में कभी भी विचार विमर्श से कोई ठोस परिवर्तन नहीं हासिल किया गया है।

7) मैंने अपने छोटे से जीवन का बहुत सारा समय व्यर्थ में ही खो दिया है।

8) माँ का प्यार सबसे गहरा होता है स्वार्थ रहित होता है इसको किसी भी प्रकार नापा नहीं जा सकता।

9) कर्म के बंधन को तोडना बहुत कठिन कार्य है ।




63) अटल बिहारी वाजपेयी
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1) शीत युद्ध के बाद आये उत्साह में एक गलत धारणा बन गयी की संयुक्त राष्ट्र कहीं भी कोई भी समस्या हल कर सकता है।

2) हमारे परमाणु हथियार विशुद्ध रूप से किसी विरोधी के परमाणु हमले को हतोत्साहित करने के लिए हैं।

3) जैव विविधता कन्वेंशन ने विश्व के गरीबों को कोई ठोस लाभ नहीं पहुँचाया है।

4) पहले एक अन्तर्निहित दृढ विश्वास था कि संयुक्त राष्ट्र अपने घटक राज्यों की कुल शक्ति की तुलना में अधिक शक्तिशाली होगा।

5) हम उम्मीद करते हैं की विश्व प्रबुद्ध स्वार्थ की भावना से काम करेगा।

6) आप मित्र बदल सकते हैं पर पडोसी नहीं।


64) लाल बहादुर शास्त्री
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1) देश के प्रति निष्ठा सभी निष्ठाओं से पहले आती है।और यह पूर्ण निष्ठा है क्योंकि इसमें कोई प्रतीक्षा नहीं कर सकता कि बदले में उसे क्या मिलता है ।

2) लोगों को सच्चा लोकतंत्र या स्वराज कभी भी असत्य और हिंसा से प्राप्त नहीं हो सकता है।

3) क़ानून का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरकरार रहे और और भी मजबूत बने।

4) आज़ादी की रक्षा केवल सैनिकों का काम नही है पूरे देश को मजबूत होना होगा।

5) मेरी समझ से प्रशाशन का मूल विचार यह है कि समाज को एकजुट रखा जाये ताकि वह विकास कर सके और अपने लक्ष्यों की तरफ बढ़ सके।

6) जो शाशन करते हैं उन्हें देखना चाहिए कि लोग प्रशाशन पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं।अंततः जनता ही मुखिया होती है।

7) हमारी ताकत और स्थिरता के लिए हमारे सामने जो ज़रूरी काम हैं उनमे लोगों में एकता और एकजुटता स्थापित करने से बढ़ कर कोई काम नहीं है।

8) हम सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि समस्त विश्व के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्वास रखते हैं।


65) सरदार वल्लभभाई पटेल
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1) इस मिट्टी में कुछ अनूठा है जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है।

2) मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में कोई भूखा ना हो,अन्न के लिए आंसू न बहे।

3) अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये और अन्याय का मजबूत हाथों से सामना कीजिये।

4) एकता के सहारे जनशक्ति शक्ति है, जब उसे ठीक तरह से सामंजस्य में लाया जाए और एकजुट किया जाए, तब यह आध्यात्मिक शक्ति बन जाती है।

5) शक्ति के अभाव में विश्वास किसी काम का नहीं है। विश्वास और शक्ति,दोनों किसी महान काम को करने के लिए अनिवार्य हैं।

6) यहाँ तक कि यदि हम हज़ारों की दौलत भी गवां दें और हमारा जीवन बलिदान हो जाए हमें मुस्कुराते रहना चाहिए और ईश्वर एवं सत्य में विश्वास रखकर प्रसन्न रहना चाहिए।


66) इंदिरा गांधी
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1) अगर मैं इस देश की सेवा करते हुए मर भी जाऊ तो मुझे मेरे मरने पर गर्व होगा। मेरे खून की हर एक बूँद इस राष्ट्र के विकास में और इस देश को गतिशील और मजबूत बनाने में योगदान करेगी।

2) अगर मैं एक हिंसक मौत मरती हूँ, जैसा कि कुछ लोग डर रहे हैं और कुछ षड़यंत्र कर रहे हैं तो मुझे पता है कि हिंसाहत्‍यारों के विचार और कर्म में होगी, मेरे मरने में नहीं।

3) अपने आप को खोजने का सबसे अच्‍छा तरीका यह है कि आप अपने आप को दूसरों की सेवा और समर्पण में खो दें।

4) आप बंद मुट्ठी से कभी हाथ नहीं मिला सकते।

5) आपको आराम के समय किर्याशील रहना चाहिए और आपको गतिविधि के समय स्थिर रहना सीख लेना चाहिए।

6) इच्छा के बिना प्यार संभव नहीं है।

7) उन मंत्रियों से सावधान रहना चाहिए, जो बिना पैसों के कुछ नहीं कर सकते और उनसे भी जो पैसे लेकर कुछ भी करने की इच्‍छा रखते हैं।

8) यह कभी मत भूलों कि जब हम चुप हैंतो हम एक हैं और जब हम बात करते हैं तो हम दो हैं।


9) क्रोध कभी बिना तर्क के नहीं होता लेकिन कभी कभार ही एक अच्‍छे तर्क के साथ होता है।

10) क्षमा वीरों का विशेष गुण है।

11) प्रश्न पूछने का अधिकार मनुष्य प्रगति का मुख्य अधिकार है।

12) लोग अपने कर्तव्यो को तो भूल जाते है परन्तु अधिकारों को हमेशा याद रखते है।

13) शहादत कभी कुछ ख़त्म नहीं करती, ये तो बस एक शुरुआत है।

14) संतोष प्राप्ति में नहीं, बल्कि प्रयास में होता है। पूरा प्रयास पूर्ण विजय है।


67) शहीद भगतसिंह
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1) प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं।

2) राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आज़ाद है।

3) ज़रूरी नहीं था की क्रांति में अभिशप्त संघर्ष शामिल हो। यह बम और पिस्तौल का पंथ नहीं था।

4) जो व्यक्ति भी विकास के लिए खड़ा है उसे हर एक रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमे अविश्वास करना होगा तथा उसे चुनौती देनी होगी।

5) इंसान तभी कुछ करता है जब वो अपने काम के औचित्य को लेकर सुनिश्चित होता है, जैसाकि हम विधान सभा में बम फेंकने को लेकर थे।

6) व्यक्तियो को कुचल कर,वे विचारों को नहीं मार सकते।

7) क़ानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है जब तक की वो लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करे।

8) "क्रांति" मानव जाती का एक अपरिहार्य अधिकार है, "स्वतंत्रता" सभी का एक कभी न ख़त्म होने वाला जन्म-सिद्ध अधिकार है, "श्रम" समाज का वास्तविक निर्वाहक है।

9) "निष्ठुर आलोचना" और "स्वतंत्र विचार" ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।

10) मैं एक मानव हूँ और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है।

11) ज़िन्दगी तो अपने दम पर ही जी जाती हे दूसरो के कन्धों पर तो सिर्फ जनाजे उठाये जाते हैं ।

12) यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा।

13) सिने पर जो ज़ख्म है सब फूलों के गुच्छे हैं, हमें पागल ही रहने दोहम पागल ही अच्छे हैं।

14) देशभक्तों को अक्सर लोग पागल कहते हैं।

15) मेरा धर्म देश की सेवा करना है।


68) डॉ भीमराव आम्बेडकर
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1) हम आदि से अंत तक भारतीय है।

2) पति पत्नी के बीच का सम्बन्ध घनिष्ट मित्रों के सम्बन्ध के सामान होना चाहिए ।

3) जीवन लम्बा होने की बजाये महान होना चाहिए ।

4) हिंदू धर्म में, विवेक,कारण,और स्वतंत्र सोच के विकास के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।

5) बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।

6) एक सफल क्रांति के लिए सिर्फ असंतोष का होना ही काफी नहीं है, बल्कि इसके लिए न्यायराजनीतिक और सामाजिक अधिकारों में गहरी आस्था का होना भी बहुत आवश्यक है।

7) किसी भी कौम का विकास उस कौम की महिलाओं के विकास से मापा जाता है।

8) एक महान व्यक्ति एकप्रख्यात व्यक्ति से एक ही बिंदु पर भिन्न हैं कि महान व्यक्ति समाज का सेवक बनने के लिए तत्पर रहता हैं।

9) जो व्यक्ति अपनी मौत को हमेशा याद रखता है वह सदा अच्छे कार्य में लगा रहता है।

10) मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता और भाई-चारा सीखाये।

11) जिस तरह हर एक व्यक्ति यह सिधांत दोहराता हैं कि एक देश दुसरे देश पर शासन नहीं कर सकता उसी प्रकार उसे यह भी मानना होगा कि एक वर्ग दुसरे पर शासन नहीं कर सकता।

12) उदासीनता लोगों को प्रभावित करने वाली सबसे खराब किस्म की बीमारी है।

13) एक सुरक्षित सेना एक सुरक्षित सीमा से बेहतर है।

14) क़ानून और व्यवस्था राजनीति रूपी शरीर की दवा है और जब राजनीति रूपी शरीर बीमार पड़ जाएँ तो दवा अवश्य दी जानी चाहिए।

15) जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हांसिल कर लेते, क़ानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके किसी काम की नहीं।

16) यदि मुझे लगा कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा हैतो मैं इसे सबसे पहले जलाऊंगा।

17) यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं, तो सभी धर्मों के धर्मग्रंथों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।


69) एडॉल्फ हिटलर
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1) कोई भी गठबंधन जिसका उद्देश्य युद्ध शुरू करना नहीं है वो मूर्खतापूर्ण और बेकार है ।

2) सभी प्रचार लोकप्रिय होने चाहिए और इन्हें जिन तक पहुचाना है उनमे से सबसे कम बुद्धिमान व्यक्ति के भी समझ में आने चाहियें ।

3) जो कोई भी आकाश को हरा और मैदान को नीला देखता या पेंट करता है उसे मार देना चाहिए ।

4) कुशल और निरंतर प्रचार के ज़रिये,कोई लोगों को स्वर्ग भी नर्क की तरह दिखाया जा सकता है या एक बिलकुल मनहूस जीवन को स्वर्ग की तरह दिखाया जा सकता है ।

5) संघर्ष सभी चीजों का जनक है जानवरों की दुनिया में इंसान मानवता के सिद्धांत से जीता या खुद को बचाता नहीं है बल्कि वो सिर्फ क्रूर संघर्ष के माध्यम से जिंदा रह पाता है।

6) जनरलस सोचते हैं कि युद्ध मध्य युग की खेल कूद प्रतियोगिताएं की तरह छेड़े जाने चाहिएमुझे शूरवीरों का कोई काम नहीं है, मुझे क्रांतिकारी चाहियें ।

7) केवल वही जो युवाओं का मालिक होता है, भविष्य में लाभ उठता है ।

8) कितना भाग्यापूर्ण है उन सरकारों के लिए कि जिन लोगों पर वो शाशन करते हैं वे सोचते नहीं।

9) मेरा मानना है कि आज मेरा आचरण सर्वशक्तिमान निर्माता की इच्छा के अनुसार है ।

10) मुझे ये नहीं समझ आता कि इंसान प्रकृति के जितना ही क्रूर क्यों नहीं हो सकता ।

11) मैं ज्यादातर लोगों के लिए भावना का प्रयोग करता हूँ और कुछ के लिए कारण बचा कर रखता हूँ ।

12) यदि आप एक बड़ा झूठ बोलते हैं और उसे अक्सर बोलते हैं तो उस पर यकीन कर लिया जायेगा ।

13) हमेशा ही विश्वास के खिलाफ लड़ना ज्ञान के खिलाफ लड़ने से अधिक कठिन होता है।

14) वो सत्य नहीं है जो मायने रखता है,बल्कि वो जीत है ।

15) सफलता ही सही और गलत का एकमात्र सांसारिक निर्णायक है।

16) व्यापक जनसँख्या किसी और ताकत से अधिक भाषण की अपील के प्रति संवेदनशील होती है।

17) शब्द अज्ञात क्षेत्रों में पुल का निर्माण करते हैं।

18) कौन कहता है कि मैं भगवान् की विशेष सुरक्षा के अंतर्गत नहीं हूँ ?

19)
 


70) जॉन एफ़ कैनेडी
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1) परिवर्तन जीवन का नियम है और जो लोग केवल अतीत या वर्तमान में जीते हैंनिश्चित रूप से भविष्य से चूक जाते हैं।

2) हमारे पास इसको दुनिया के इतिहास में मानवता की सबसे बढ़िया पीढ़ी या फिर आखिरी पीढ़ी बनाने की ताकत है।

3) घरेलू संकटव्यवस्था के समय अच्छे और उदारवादी लोगों को अपने दल या राजनीति की परवाह किये बिना एक साथ आ जाना चाहिए।

4) यह एक दुर्भाग्यपूर्ण सत्य है कि युद्ध के लिए तैयारी करके ही हम शांति सुनिश्चित कर सकते हैं।

5) अगर कला से हमें अपनी संस्कृति को विकसित करना है। समाज को कलाकार को उसकी सोच का अनुसरण करने की आजादी देनी होगीवो चाहे उसे कहीं भी ले जाए।

6) सीखना और नेतृत्व करना दोनों एक दूसरे के लिए जरुरी हैं। 

7) ऐसी आज़ादी जिसमें सीखने के लिए कुछ भी नहीं,हमेशा मुसीबत पैदा करेगी और बिना आज़ादी के सीखना हमेशा व्यर्थ है। 

8) आजादी का रास्ता प्रगति की ओर जाने वाला सबसे बढ़िया रास्ता है। 

9) चीजें खुद नहीं होतीं उन्हें करना पड़ता है। 

10) जो शांतिपूर्ण क्रांति को असंभव बना देते हैं वो हिंसक क्रांति को अपरिहार्य बना देंगे। 

11) अपने दुश्मनों को क्षमा कर दीजिये पर कभी उनके नाम मत भूलिए। 

12) साम्यवाद कभी भी ऐसे देश में सत्ता में नहीं आया है जो भ्रष्टाचार या यद्ध या दोनों से बर्वाद ना हुआ हो। 

13) एक गलत शिक्षित बच्चा एक गँवा दिया गया बच्चा है।
 
 


71) महाकवि कालिदास
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(01) 
बुराई नौका में छिद्र के समान है, 
वह छोटी हो या बड़ी, 
एक दिन नौका को डूबो देती है ।

(02)
नम्रता के संसर्ग से ऐश्वर्य की शोभा बढती है ।

(03) 
विश्व, महापुरुष को खोजता है, 
न कि महापुरुष विश्व को ।

(04)
गुणों से ही व्यक्ति की असली पहचान होती है, 
गुण सभी स्थानों पर अपना आदर करा लेता हैं ।

(05)
दुखती आँखों वाले को सामने दीपशिखा अच्छी नहीं लगती ।

(06) 
वृक्ष अपने सिर पर गर्मी 
झेल लेता है, किन्तु अपनी छाया से 
औरों को गर्मी से बचाता है ।

(07) 
जल तो आग की गर्मी पाकर ही गर्म होता है। उसका अपना स्वभाव तो ठंडा ही होता है ॥

(08) 
वास्तविक धीर पुरूष वे ही हैं, 
जिनका चित्त विकार उत्पन्न करने वाली परिस्थितिओं में भी 
अस्थिर नहीं होता ।

(09) 
कोई वस्तु पुरानी होने से 
अच्छी नहीं हो जाती और 
कोई काव्य नया होने से निंदनीय नहीं हो जाता ।

(10)
दुःख या सुख किसी पर सदा ही नहीं रहते ।
ये तो पहिए के घेरे के समान कभी नीचे, कभी ऊपर यों ही होते रहते हैं ।


















                                         

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