स्वास्थ्य, सेहत, आरोग्य, मिज़ाज, तंदुरस्ती, चिकित्सक, वैद्य, हकीम, Doctor, Health

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आप सभी से निवेदन है अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हो जो कैंसर से पीड़ित हो और अपना इलाज करा कर थक चुके हो तो
*गरम नारियल पानी प्लीज*

TATA मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉ. राजेन्द्र ए. बडवे ने जोर देकर कहा कि यदि *जो हर कोई इस समाचार पत्र को प्राप्त करता है, वह दस प्रतियों को दूसरों को अग्रेषित कर सकता है, तो निश्चित रूप से कम से कम एक जीवन वापस बच जाएगा ... * मैंने पहले ही अपना हिस्सा बना लिया है, आशा है कि आप भी कर सकते हैं।  अपने हिस्से के साथ मदद करें।  धन्यवाद!

 *गर्म नारियल पानी आपको जीवन भर कैंसर से बचा सकता है*

 *गर्म नारियल ~ केवल कैंसर कोशिकाओं को मारता है!*

 *एक कप में 2 से 3 पतले नारियल के फाक काटें, गर्म पानी डालें, यह "क्षारीय पानी" बन जाएगा, हर दिन पिएं, यह किसी के लिए भी अच्छा है।*

 *गर्म नारियल पानी एक कैंसर-रोधी पदार्थ छोड़ता है, जो चिकित्सा क्षेत्र में कैंसर के प्रभावी उपचार में नवीनतम प्रगति है।*

*गर्म नारियल के रस का अल्सर और ट्यूमर पर प्रभाव पड़ता है।  सभी प्रकार के कैंसर को रोकने के लिए साबित।*

 *नारियल के अर्क के साथ इस प्रकार का उपचार केवल घातक कोशिकाओं को नष्ट करता है, यह स्वस्थ कोशिकाओं को प्रभावित नहीं करता है।*

*इसके अलावा, नारियल के रस में अमीनो एसिड और नारियल पॉलीफेनोल उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कर सकते हैं, प्रभावी रूप से गहरी शिरा घनास्त्रता को रोक सकते हैं, रक्त परिसंचरण को समायोजित कर सकते हैं और रक्त के थक्कों को कम कर सकते हैं।*

 पढ़ने के बाद, * दूसरों को बताएं, परिवार, दोस्तों, प्यार फैलाएं! * खुद की सेहत का ख्याल रखें।  🙏🏻💖
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*पत्तल में भोजन के अद्भुत लाभ*

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि हमारे देश मे 2000 से अधिक वनस्पतियों की पत्तियों से तैयार किये जाने वाले पत्तलों और उनसे होने वाले लाभों के विषय मे पारम्परिक चिकित्सकीय ज्ञान उपलब्ध है पर मुश्किल से पाँच प्रकार की वनस्पतियों का प्रयोग हम अपनी दिनचर्या मे करते है।

आम तौर पर केले की पत्तियो मे खाना परोसा जाता है। प्राचीन ग्रंथों मे केले की पत्तियो पर परोसे गये भोजन को स्वास्थ्य के लिये लाभदायक बताया गया है। आजकल महंगे होटलों और रिसोर्ट मे भी केले की पत्तियों का यह प्रयोग होने लगा है।

नीचे चित्र में सुपारी के पत्तों से बनाई गई प्लेट, कटोरी व ट्रे हैं , जिनमे भोजन करना स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक है
जिसे प्लास्टिक, थर्माकोल के ऑप्शन में उतरा गया है क्योंकि थर्माकोल व प्लास्टिक के उपयोग से स्वास्थ्य को बहुत हानि भी पहुँच रही है ।

सुपारी के पत्तों यह पत्तल केरला में बनाई जा रही हैं और कीमत भी ज्यादा नही है , तक़रीबन 1.5, 2, रुपये साइज और क्वांटिटी के हिसाब से अलग अलग है

*Palash = khaakharo*

* पलाश के पत्तल में भोजन करने से स्वर्ण के बर्तन में भोजन करने का पुण्य व आरोग्य मिलता है ।

* केले के पत्तल में भोजन करने से चांदी के बर्तन में भोजन करने का पुण्य व आरोग्य मिलता है ।

* रक्त की अशुद्धता के कारण होने वाली बीमारियों के लिये पलाश से तैयार पत्तल को उपयोगी माना जाता है। पाचन तंत्र सम्बन्धी रोगों के लिये भी इसका उपयोग होता है। आम तौर पर लाल फूलो वाले पलाश को हम जानते हैं पर सफेद फूलों वाला पलाश भी उपलब्ध है। इस दुर्लभ पलाश से तैयार पत्तल को बवासिर (पाइल्स) के रोगियों के लिये उपयोगी माना जाता है।

* जोडो के दर्द के लिये करंज की पत्तियों से तैयार पत्तल उपयोगी माना जाता है। पुरानी पत्तियों को नयी पत्तियों की तुलना मे अधिक उपयोगी माना जाता है।

* लकवा (पैरालिसिस) होने पर अमलतास की पत्तियों से तैयार पत्तलो को उपयोगी माना जाता है।

पत्तलों से अन्य लाभ :
1. सबसे पहले तो उसे धोना नहीं पड़ेगा, इसको हम सीधा मिटटी में दबा सकते है l
2. न पानी नष्ट होगा l
3. न ही कामवाली रखनी पड़ेगी, मासिक खर्च भी बचेगा l
4. न केमिकल उपयोग करने पड़ेंगे l
5. न केमिकल द्वारा शरीर को आंतरिक हानि पहुंचेगी l
6. अधिक से अधिक वृक्ष उगाये जायेंगे, जिससे कि अधिक आक्सीजन भी मिलेगी l
7. प्रदूषण भी घटेगा ।
8. सबसे महत्वपूर्ण झूठे पत्तलों को एक जगह गाड़ने पर, खाद का निर्माण किया जा सकता है, एवं मिटटी की उपजाऊ क्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है l
9. पत्तल बनाने वालों को भी रोजगार प्राप्त होगा l
10. सबसे मुख्य लाभ, आप नदियों को दूषित होने से बहुत बड़े स्तर पर बचा सकते हैं, जैसे कि आप जानते ही हैं कि जो पानी आप बर्तन धोने में उपयोग कर रहे हो, वो केमिकल वाला पानी, पहले नाले में जायेगा, फिर आगे जाकर नदियों में ही छोड़ दिया जायेगा l जो जल प्रदूषण में आपको सहयोगी बनाता है l

आजकल हर जगह भंडारे , विवाह शादियों , वर्थडे पार्टियों में डिस्पोजल की जगह इन पत्तलों का प्रचलन हो रहा है ।
कृपया इसकी जानकारी और भी लोगों को दें। जिससे हर कोई स्वदेशी वस्तुओं का प्रचार प्रसार करे।
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दुनिया के सबसे बड़े 7 डाक्टर !

1) - सुरज की किरणें!
2) - रोजाना रात 6/8 घंटे निंद!
3) - शुध्द शाकाहारी भोजन!
4) - हर रोज व्यायाम!
5) - खुद पर विश्वास!
6) - पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन!
7) - अच्छे दोस्त!

इन 7 बातों को हमेशा अपने पास रखीये , सभी दर्द दुर हो जायेंगे...
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*बन्दर कभी बीमार नहीं होता।।*
किसी भी चिड़िया को डायबिटीज नहीं होती।
किसी भी बन्दर को हार्ट अटैक नहीं आता ।
कोई भी जानवर न तो आयोडीन नमक खाता है और न ब्रश करता है, फिर भी किसी को थायराइड नहीं होता और न दांत खराब  होता है ।
बन्दर शरीर संरचना में मनुष्य के सबसे नजदीक है, बस बंदर और आप में यही फर्क है कि बंदर के पूँछ है आप के नहीं है, बाकी सब कुछ समान है।
तो फिर बंदर को कभी भी हार्ट अटैक, डायबिटीज , high BP , क्यों नहीं होता है?
एक पुरानी कहावत है बंदर कभी बीमार नहीं होता और यदि बीमार होगा तो जिंदा नहीं बचेगा मर जाएगा!
बंदर बीमार क्यों नहीं होता?
हमारे एक मित्र  बताते हैं कि एक बहुत बड़े , प्रोफेसर हैं, मेडिकल कॉलेज में काम करते हैं । उन्होंने एक बड़ा गहरा रिसर्च किया कि बंदर को बीमार बनाओ। तो उन्होने तरह - तरह के virus और वैक्टीरिया बंदर के शरीर में डालना शुरू किया, कभी इंजेक्शन के माध्यम से कभी किसी और माध्यम से । वो कहते है, मैं 15 साल असफल रहा , लेकिन बंदर को कुछ नहीं हुआ ।
*मित्र  ने प्रोफेसर से कहा कि आप यह कैसे कह सकते है कि बंदर को कुछ नहीं हो सकता ? तब उन्होंने एक दिन यह रहस्य की बात बताई वो आपको भी बता देता हूँ कि बंदर का जो RH factor  है वह सबसे आदर्श है । कोई डॉक्टर जब आपका RH factor नापता है, तो वह बंदर के ही RH Factor से तुलना करता है , वह डॉक्टर आपको बताता नहीं यह अलग बात है*
उसका कारण यह है कि, उसे कोई बीमारी आ ही नहीं सकती । उसके ब्लड में कभी कॉलेस्टेरॉल नहीं बढ़ता , कभी ट्रायग्लेसराइड नहीं बढ़ती , न ही उसे कभी डायबिटीज होती है । शुगर को कितनी भी बाहर से उसके शरीर में इंट्रोडयूस करो, वो टिकती नहीं । तो वह प्रोफेसर साहब कहते हैं कि यही चक्कर है , कि बंदर सबेरे सबेरे ही भरपेट खाता है। जो आदमी नहीं खा पाता है , इसीलिए उसको सारी बीमारियां होती है । सूर्य निकलते ही सारी चिड़िया , सारे जानवर खाना खाते हैं । जब से मनुष्य इस ब्रेकफास्ट , लंच , डिनर के चक्कर में फंसा तबसे मनुष्य ज्यादा बीमार रहने लगा है ।
*प्रोफेसर रवींद्रनाथ शानवाग ने अपने सभी मरींजों से कहा कि  सुबह सुबह भरपेट खाओ । उनके मरीज बताते है कि, जबसे उन्हांने सुबह भरपेट खाना शुरू किया तबसे उन्हें डायबिटीज यानि शुगर कम हो गयी, किसी का कॉलेस्टेरॉल कम हो गया, किसी के घुटनों का दर्द कम हो गया , किसी का कमर का दर्द कम हो गया गैस बनाना बंद हो गई, पेट मे जलन होना बंद हो गया ,नींद अच्छी आने लगी ….. वगैरह ..वगैरह ।
और यह बात बागभट्ट जी ने 3500 साल पहले कहा, कि सुबह का किया हुआ भोजन सबसे अच्छा है ।
* सुबह सूरज निकलने से ढाई घंटे तक यानि 9.30 बजे तक, ज्यादा से ज्यादा 10 बजे तक आपका भरपेट भोजन हो जाना चाहिए । और ये भोजन तभी होगा जब आप नाश्ता बंद करेंगे । यह नाश्ता का प्रचलन हिंदुस्तानी नहीं है , यह अंग्रेजो की देन है , और रात्रि का भोजन सूर्य अस्त होने से पहले आधा पेट कर लें । तभी बीमारियों से बचेंगे । सुबह सूर्य निकलने से ढाई घंटे तक हमारी जठराग्नि बहुत तीव्र होती है । हमारी जठराग्नि का सम्बन्ध सूर्य से है ।हमारी जठराग्नि सबसे अधिक तीव्र स्नान के बाद होती है । स्नान के बाद पित्त बढ़ता है , इसलिए सुबह स्नान करके भोजन कर लें । तथा एक भोजन से दूसरे भोजन के बीच ४ से ८ घंटे का अंतराल रखें बीच में कुछ न खाएं, और दिन डूबने के बाद बिल्कुल न खायें।।
चूंकि यह पक्षियों और जंगली जानवरों की दिनचर्या में सम्मिलित है, अत: वे अमूमन बीमार नहीं होते।।

स्वस्थ रहे, स्वस्थ रखे
आयुर्वेद अपनाए निरोग जीवन जिए।
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