क्रोध, रोष, गुस्सा, anger
जीवन में अगर "खुश" रहना है तो,
स्वयं को एक "प्रेम ध्यानी" तथा "शांत सरोवर"
की तरह बनाएँ।
जिसमें कोई "क्रोध" फेंके या "अंगारा",
"शांत" तथा "ठंडा" खुद बख़ुद हो जाए।
स्वयं को एक "प्रेम ध्यानी" तथा "शांत सरोवर"
की तरह बनाएँ।
जिसमें कोई "क्रोध" फेंके या "अंगारा",
"शांत" तथा "ठंडा" खुद बख़ुद हो जाए।
~ समय
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न तेरी शान कम होती,
न तेरा रुतबा घटा होता...
जो गुस्से में कहा, वही
हस के कहा होता !!
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न तेरी शान कम होती,
न तेरा रुतबा घटा होता...
जो गुस्से में कहा, वही
हस के कहा होता !!
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नाराजगी से क्रोध का जन्म होता है | ~ समय
क्रोध और आंधी दोनों बराबर होते है.!*
*शांत होने के बाद ही पता चलता है की कितना नुकसान हुआ है.!*
*इसलिए हमेशा मुस्कुराते रहिये।*
પ્રેમ માણસ ને કરો
તેની "આદતો" ને નહીં.....
"ક્રોધિત" તેની વાતોથી થાવ
પણ તેનાથી નહીં.....
"ભૂલી જાવ" તેની ખામીઓ
પણ તેને નહીં...કારણ કે
"સંબંધો"થી વધીને કંઈ પણ નથી.
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